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ऑस्ट्रेलिया ने रचा इतिहास,  न्यूजीलैंड को 8 विकेट से हरा पहली बार टी20 विश्व कप चैंपियन

ऑस्ट्रेलिया ने रचा इतिहास, न्यूजीलैंड को 8 विकेट से हरा पहली बार टी20 विश्व कप चैंपियन

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दुबई, 14 नवंबर। अंततः आईसीसी टी20 क्रिकेट विश्व कप टूर्नामेंट को नया चैंपियन मिल गया, जब रविवार की रात यहां खेले गए रोमांचक खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिणी गोलार्ध स्थित तस्मान सागर के अपने परम्परागत प्रतिद्वंद्वी न्यूजीलैंड को सात गेंदों के शेष रहते आठ विकेट से हरा दिया और नए इतिहास सृजन के बीच अपने पांच वनडे विश्व खिताबों में क्रिकेट के फटाफट संस्करण की भी पहली ट्रॉफी जोड़ ली।

विलियम्सन पर भारी पड़े मिचेल मार्श और डेविड वार्नर

दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में टॉस हार कर पहले बल्लेबाजी पर बाध्य न्यूजीलैंड ने केन विलियम्सम की कप्तानी पारी (85 रन, 48 गेंद, तीन छक्के, 10 चौके) के सहारे चार विकेट पर 172 रनों की चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाया था, जो टी20 विश्व कप के सात संस्करणों के किसी भी फाइनल का सर्वोच्च स्कोर भी था। लेकिन  ऑस्ट्रेलिया को ‘मैन ऑफ द मैच’ मिचेल मार्श (नाबा 77 रन, 50 गेंद, चार छक्के, छह चौके) और डेविड वार्नर (53 रन, 38 गेंद, तीन छक्के, चार चौके) की आक्रामक अर्धशतकीय पारियों का सहारा मिला और उसने 18.5 ओवरों में दो विकेट पर ही 173 रन बना लिए।

वार्नर–मिचेल ने 59 गेंदों पर 92 रनों की साझेदारी से लिखी जीत की पटकथा

चुनौतीपूर्ण लक्ष्य के सामने हालांकि ऑस्ट्रेलिया को शुरुआती झटका तीसरे ही ओवर में लग गया था, जब कप्तान एरोन फिंच (5) ट्रेंट बोल्ट (2-18) के शिकार हो गए थे। लेकिन इसके बाद ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ वार्नर और तीसरे क्रम पर उतरे मिचेल ने 59 गेंदों पर 92 रनों की विस्फोटक भागीदारी से कंगारूओं की जीत की पटकथा लिख दी।

ऑस्ट्रेलिया बनाम न्यूजीलैंड फाइनल मैच का संपूर्ण स्कोर कार्ड

यद्यपि बोल्ट ने ही 13वें ओवर में वार्नर को चलता कर ऑस्ट्रेलिया पर लगाम लगाने की कोशिश की थी। लेकिन अपनी मैच जिताऊ पारी के दौरान कुछ जीवनदान का सहारा पाने वाले मार्श ने ग्लेन मैक्सवेल (नाबाद 28 रन, 18 गेंद, एक छक्का, चार चौके) के साथ तीसरे विकेट के लिए 39 गेंदों पर 66 रन जोड़कर फाइनल के दूसरे प्रयास में ऑस्ट्रेलिया को पहली ट्रॉफी दिला दी।

धीमी शुरुआत के बाद अंतिम 10 ओवरों में कीवी बल्लेबाजों ने ठोके 115 रन

इसके पूर्व न्यूजीलैंड की धीमी शुरुआत रही और जोस हेजलवुड (3-16) की अगुआई में कंगारू गेंदबाजों ने उसे 10 ओवरों में 57 रनों तक ही सीमित कर रखा था। इस दौरान पिछले मैच के ‘मैन ऑफ द मैच’डेरिल मिचेल (11 रन, आठ गेंद, एक छक्का) सस्ते में निकल चुके थे। लेकिन विलियम्सन की प्रतापी पारी का यह परिणाम था कि अंतिम 10 ओवरों में 115 रन जुड़ गए।

हालांकि मार्टिन गप्टिल (28 रन, 35 गेंद, तीन चौके) का साथ देने आए कप्तान विलियम्सन भी शुरुआत में ठहरे नजर आए। लेकिन 10वें ओवर के बाद दोनों ने कुछ रफ्तार बढ़ाई। इस क्रम में 11वें ओवर में 19 और 12वें ओवर में 16 रन आ गए। 15 ओवर खत्म हुए तो दो विकेट पर 114 रन बन गए थे। यानी पांच ओवरों में 57 रन जुड़ चुके थे।

विलियम्सन व ग्लेन फिलिप्स के बीच 68 रनों की साझेदारी

खैर, विलियम्सन ने इसके बाद तूफानी रफ्तार पकड़ी और 16वें ओवर में मिचेल स्टार्क (0-60) के खिलाफ एक छक्का और चार चौकों समेत 22 रन ठोक दिए। इसी क्रम में केन ने ग्लेन फिलिप्स (18 रन,17 गेंद, एक छक्का, एक चौका) के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 37 गेंदों पर ही 68 रनों की साझेदारी कर दी।

न्यूजीलैंड तीसरी बार आईसीसी ट्रॉफी के फाइनल में हारा

हालांकि 18वां ओवर लेकर आए हेजलवुड ने चार गेंदों के भीतर फिलिप्स और विलियम्सन को लौटाकर रनों की रफ्तार थोड़ी कर कम कर दी, फिर भी पिछले मैच के दूसरे हीरो जिमी नीशम (नाबाद 13 रन, सात गेंद, एक छक्का) और चोटिल विकेट कीपर डेवोन कॉनवे के स्थान पर इकलौते परिवर्तन के रूप में उतरे टिम साइफर्ट (नाबाद आठ रन, छह गेंद, एक चौका) ने अंतिम 13 गेंदों पर 24 जोड़कर दल को 170 के पार पहुंचा दिया। फिलहाल वार्नर और मिचेल ने कीवियों के सारे प्रयासों पर पानी फेर दिया, जिन्हें तीसरी बार आईसीसी ट्राफी फाइनल (2015 व 2019 एक दिनी विश्व कप) में मायूसी झेलनी पड़ी।

दुबई ग्राउंड पर अबकी 13 मैचों में 11वीं बार टॉस बना बॉस

आंकड़ों पर गौर करें तो इस बार यूएई के मैदानों पर टॉस की अहम भूमिका रही और दुबई में 13 मैचों में 11 बार उस टीम की जीत हुई, जिसने टॉस जीता।

जनवरी, 1981 के बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ 17 नॉकआउट मैचों में कंगारू अजेय

टी20 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की अब तक हुई 14 मुलाकातों की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया 9-5 से आगे हो गया है। दोनों के बीच अंतिम नॉकआउट फाइनल मेलबर्न में 2015 का एक दिनी विश्व कप था, जब दोनों संयुक्त मेजबान थे। उस फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने सात विकेट की आसान जीत हासिल की थी। इसी क्रम में 29 जनवरी, 1981 (बेंसन एंड हेजेज वर्ल्ड सीरीज कप का पहला फाइनल, सिडनी) के बाद से सीमित ओवरों के 17 नॉकआउट मुकाबलों में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ न्यूजीलैंड एक भी जीत हासिल नहीं कर सका है।

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