
“अभिव्यक्ति- द सिटी आर्ट्स प्रोजेक्ट” के छठे संस्करण के समापन अवसर पर टोरेंट ग्रुप के मेहता परिवार द्वारा समर्थित यूएनएम फाउंडेशन नें सातवें संस्करण की घोषणा की
अहमदाबाद: टोरेंट ग्रुप के मेहता परिवार द्वारा समर्थित यूएनएम फाउंडेशन की पहल एव गुजरात के सबसे लंबे समय तक चलने वाला कला और संस्कृति के महोत्सव “अभिव्यक्ति– द सिटी आर्ट्स प्रोजेक्ट” ने अपने छठे संस्करण ८ दिसंबर २०२४ के दिन कला प्रशंसकों की उपस्थिति में संपन्न हुआ। कलाप्रेमीओं ने कला के विभिन्न रूपों का आनंद लिया।
२१ नवंबर से प्रारंभ हुए इस १६ दिवसीय कला उत्सव का समापन ८ दिसंबर रविवार को हुआ। इस १६ दिवसीय कला उत्सव में विभिन्न आयु और क्षेत्रों के ३,२४,३२५ से अधिक कला प्रेमियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। शहर के लाखों कला प्रेमियों के अलावा अहमदाबाद के साबरमती के अनुसंधान एनजीओ ने भी झुग्गी–झोपड़ियों के २० से अधिक बच्चों को साथ लेकर कला उत्सव का दौरा किया, बच्चें विभिन्न कला स्थापनाओं को देखकर प्रेरित हुए। साथ ही अहमदाबाद के आंबली और अडालज क्षेत्रों के दो अलग–अलग वृद्धाश्रमों के वरिष्ठ नागरिकों ने भी विभिन्न कलाकारों के प्रदर्शन का आनंद लिया। यह दौरा यूएनएम फाउंडेशन की एक और पहल “उजास” के तहत आयोजित कीया गया था। पिछले साल के पांचवें संस्करण को भी पखवाड़े के दौरान १.७५ लाख से अधिक आगंतुकों की रिकॉर्ड संख्या के साथ जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली थी।
छठे संस्करण के समापन पर सातवें संस्करण की घोषणा के साथ एक नई यात्रा की नींव रखी गई है। यह सातवां संस्करण २१ नवंबर–२०२५ से शुरू होकर ७ दिसंबर, २०२५ तक चलेगा। साथ ही सातवें संस्करण में प्रस्तुति के लिए देशभर की अनूठी कला शैलियों की छिपी प्रतिभाओं और नए विचारों की खोज शुरू कर दी गई है। वर्ष २०१८ में अपने पहले संस्करण से अब तक इस अनूठे कला उत्सव में हिस्सा लेने के लिए ५,९३६ कलाकारों के आवेदन मिल चुके हैं और अब तक के ६ संस्करणों में १३३५ से अधिक कलाकारों ने मंच पर अपने प्रदर्शन से ६ लाख से अधिक कला प्रेमियों का मनोरंजन किया है।
कला प्रदर्शनी की सफलता और छठे संस्करण के लिए मिले अभूतपूर्व समर्थन पर हर्ष व्यक्त करते हुए यूएनएम फाउंडेशन की निदेशक सुश्री सपना मेहता ने कहा कि, “लोगों के तरफ से मीले अभूतपूर्व समर्थन और भारत के कलाकारों की अद्भुत प्रतिभा को देखकर हम रोमांचित हैं। यह कला महोत्सव वास्तव में हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उत्सव और कलाकारों के लिए अपने नए विचारों और रचनात्मकता को व्यक्त करने का एक बड़ा मंच बन गया है। हम इस परंपरा को आगे बढ़ाने और आने वाले वर्षों में इसे और भी व्यापक और बेहतर बनाने के लिए तत्पर हैं।”
छठा संस्करण हर दृष्टि से पिछले सभी संस्करणों से शानदार रहा। इस संस्करण में, नृत्य, संगीत, रंगमंच, दृश्य कला प्रतिष्ठानों सहित विभिन्न कला स्वरूपों में ९६ कलाकारों (४७ दृश्य कलाकारों समेत) द्वारा कुल १४० प्रदर्शन प्रस्तुत किए गए। मौलिकता और कलात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ावा देने की परंपरा को जारी रखते हुए, अभिव्यक्ति का छठा संस्करण सभी कलाकारों के लिए उनके विचारों, रचनाओं, प्रदर्शनों को एक नई पहचान देने का सबसे लोकप्रिय मंच बनकर उभरा। उत्तर में पंजाब और दिल्ली, दक्षिण में तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पूर्व में पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा और मणिपुर, पश्चिम में मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा सहित भारत के विभिन्न हिस्सों से आएं कलाकारों ने अपने मनमोहक प्रदर्शन के द्वारा दर्शकों का मनोरंजन किया और उन्हें प्रेरित किया।
छठे संस्करण में अहमदाबाद में गुजरात विश्वविद्यालय परिसर के मौजूदा स्थल के अलावा अटीरा परिसर को एक अन्य स्थल के रूप में जोड़ा गया था। “स्टोरीज़ फ्रॉम द सोल“ थीम के तहत छठे संस्करण में चार शैलियों में चार प्रसिद्ध कला क्यूरेटरों द्वारा प्रदर्शन किया गया, जिसमें संगीत में सुमंत, रंगमंच में चिराग मोदी, दृश्य कला में धारा दवे और नृत्य में मानसी मोदी शामिल हैं। छठे संस्करण के मेंटरों में कला क्षेत्र के प्रसिद्ध नाम रजत ढोलकिया (संगीत), सौम्या जोशी (थिएटर), कृति महेश (नृत्य) और खंजन दलाल (दृश्य कला) शामिल थे।
कला उत्सव के दौरान दर्शकों को पेशेवर कलाकारों के मार्गदर्शन में विभिन्न कला रूपों के बारे में जानने का भी मौका मिला। रंगमंच के लिए चेन्नई के कार्तिक, नृत्य के लिए जयपुर के सार्थक दुबे और दृश्य कला के लिए कौमुदी सहस्रबुद्धे द्वारा कार्यशालाओं का आयोजन किया गया. सप्ताहांत में दृश्य कला क्यूरेटोरियल टीम ने दर्शकों को दृश्य कला प्रतिष्ठानों और कलात्मक अभिव्यक्तियों की जटिलताओं के बारे में विस्तृत जानकारी देने के लिए एक क्यूरेटोरियल वॉक का आयोजन किया।