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वित्तीय वर्ष 2023-24 हेतु गुजरात राज्य में प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र में नाबार्ड द्वारा ₹2.98 लाख करोड़ की ऋण संभावना का आकलन

वित्तीय वर्ष 2023-24 हेतु गुजरात राज्य में प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र में नाबार्ड द्वारा ₹2.98 लाख करोड़ की ऋण संभावना का आकलन

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श्री भूपेन्द्रभाई आर पटेल, माननीय मुख्यमंत्री, गुजरात सरकार ने  नाबार्ड द्वारा तैयार किया गया “स्टेट फ़ोकस पेपर -2023-24” का विमोचन किया। इस वार्षिक दस्तावेज़ में गुजरात के सभी 33 जिलों हेतु नाबार्ड द्वारा तैयार की गई संभाव्यतायुक्त ऋण योजना (पीएलपी) का समेकन  किया गया है। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), गुजरात क्षेत्रीय कार्यालय, अहमदाबाद  द्वारा 19 जनवरी 2023 को नर्मदा हॉल, स्वर्णिम संकुल, गांधीनगर में राज्य ऋण संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में श्री भूपेन्द्रभाई आर पटेल, माननीय मुख्यमंत्री , गुजरात सरकार, श्री कनुभाई एम देसाई, माननीय वित्त मंत्री, श्री जगदीश विश्वकर्मा, राज्य मंत्री, सहकारिता, श्री बचूभाई एम खाबड़, राज्य मंत्री, कृषि, श्री पंकज कुमार, आईएएस, मुख्य सचिव, गुजरात सरकार, श्री राज कुमार, आईएएस, गृह विभाग, गुजरात सरकार,   डॉ. ज्ञानेन्द्र मणि, मुख्य महाप्रबन्धक,नाबार्ड, गुजरात क्षेत्रीय कार्यालय, श्री सुरेन्द्र राणा, मुख्य महाप्रबन्धक, भारतीय स्टेट बैंक ने उपस्थित होकर कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। इसके अलावा, इस संगोष्ठी में  राज्य सरकार के विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों, बैंकरों और गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी संगोष्ठी में सहभागिता की।

राज्य सरकार के समांतर विभागों, बैंकरों और अन्य प्रमुख हितधारकों से परामर्श कर नाबार्ड द्वारा तैयार यह “स्टेट फोकस पेपर” जो  बैंको द्वारा तैयार की जा रही वार्षिक ऋण आयोजना का आधार और मार्गदर्शक के रूप में सहायक सिद्ध होगा। इस दस्तावेज़ में चिन्हित प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र में विद्यमान ऋण अवशोषण क्षमता को इंगित किया गया है और साथ ही किस प्रकार से उचित साझेदारी और हस्तक्षेपों द्वारा उसमें वृद्धि की जा सकती है इस पर विचार किया गया है।

नाबार्ड ने वित्तीय वर्ष 2023-24 हेतु गुजरात राज्य में प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र में ₹2.98 लाख करोड़ की ऋण संभावना का आकलन किया है। इसमें से कृषि और संबद्ध क्षेत्र – रु. 1.28 लाख करोड़(43%), एमएसएमई – रु. 1.41 लाख करोड़ (47%) और अन्य प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र – रु. 0.29 लाख करोड़ (10%) का आबंटन किया गया है।

श्री भूपेन्द्रभाई आर पटेल, माननीय मुख्यमंत्री , गुजरात सरकार  ने “स्टेट फोकस पेपर – 2023-24 ” का विमोचन किया और राज्य में प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के विकास हेतु का विशद आकलन कर यह दस्तावेज़ तैयार करने के लिए नाबार्ड के प्रयासों की सराहना की। माननीय मुख्यमंत्री श्री ने कहा कि छोटे से छोटे व्यकित और छोटे समाज को मुख्य धारा में लाने के लिए राज्य सरकार निरंतर रूप से प्रयासरत है। माननीय मुख्यमंत्री श्री ने बैंकों को मछुआरों और पशुपालकों को अधिक से अधिक ऋण देने का आग्रह किया किया और आश्वासन दिया कि यदि इसमें बैंकों को कोई कठिनाइयाँ आ रही है तो राज्य सरकार इसके निराकरण करने में सहयोग देने के लिए तैयार है। साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि राज्य सरकार, बैंकों और अन्य हितधारकों के एकीकृत प्रयासों से  75 वें वर्ष के आजादी के अमृत काल माननीय प्रधानमंत्री श्री द्वारा निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति करने में राज्य सरकार को सहायता होगी।

इस अवसर पर डॉ. ज्ञानेन्द्र मणि, मुख्य महाप्रबन्धक, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), गुजरात क्षेत्रीय कार्यालय, अहमदाबाद ने राज्य सरकार के विकासात्मक अप्रोच की प्रशंसा की और गुजरात राज्य को “ देश के विकास का एंजिन” बताया। इस संदर्भ में, उन्होंने 24 घंटे सौर ऊर्जा चालित प्रथम गाँव ‘मोढेरा” को विकसित करने में गुजरात सरकार की पहलकदम को रेखांकित किया। डॉ. ज्ञानेन्द्र मणि, मुख्य महाप्रबन्धक ने रेखांकित

करते हुए कहा कि नाबार्ड द्वारा परिकल्पित और गुजरात राज्य सहकारी बैंक की साझेदारी से “मॉडल को-ओपरेटिव विलेज परियोजना  देशभर में किया जाने वाला पहला प्रयास है। 10 अप्रैल 2022 को माननीय श्री अमित शाह, सहकारिता मंत्री ने इस परियोजना का प्रारम्भ किया। इसका मुख्य उद्देश्य प्रौद्योगिकी, वित्तीय और अन्य उपायों से सहकारिता क्षेत्र की  व्यवहार्यता  में वृद्धि करना है। उन्होंने इस परियोजना के अंतर्गत चयनित 06 गाँवों को अपनाने और विभिन्न हस्तक्षेपों करने हेतु राज्य सरकार को अपने समांतर विभागों को सूचित करने हेतु अनुरोध किया।

डॉ. ज्ञानेन्द्र मणि, मुख्य महाप्रबन्धक ने कृषि और कृषीत्तर क्षेत्र में एफ़पीओ व ओएफ़पीओ जैसे अन्य संगठनों के निर्माण हेतु सघन प्रयास करने हेतु आग्रह किया। इस प्रकार के संगठनों के निर्माण से छोटे और सीमांत किसानों,, बुनकरों, शिल्पकारों आदि को अपने उत्पादों के बेहतर मूल्य प्राप्त होते है। उन्होंने नाबार्ड द्वारा किए जा रहे कौशल विकास हस्तक्षेपों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने  बैंकों को कृषि क्षेत्र में वेल्यू चेन वित्तपोषण करने और आर्थिक कल्सटरों  को बढ़ावा देने हेतु राज्य सरकार को अनुरोध किया ताकि समावेशी विकास सहित कृषि ऋण में वृद्धि होने से ग्रामीण निवेश बढ़े।

डॉ. ज्ञानेन्द्र मणि, मुख्य महाप्रबन्धक ने बताया कि  बैंकों को कृषि क्षेत्र में वेल्यू चेन वित्तपोषण करने और आर्थिक कल्सटरों  को बढ़ावा देने हेतु राज्य सरकार को अनुरोध किया ताकि समावेशी विकास सहित कृषि ऋण में वृद्धि होने से ग्रामीण निवेश बढ़े।

इस अवसर पर श्री सुरेन्द्र राणा, मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय स्टेट बैंक ने इस बहुमूल्य दस्तावेज़ तैयार करने में नाबार्ड के प्रयास और कृषि वित्तपोषण को नए आयाम देने के लिए नाबार्ड की सराहना की।

श्री भूपेन्द्रभाई आर पटेल, माननीय मुख्यमंत्री ने नाबार्ड की ‘ पैक्स को बहूद्देशीय सेवा केन्द्रों में रूपांतरित करने की योजना” के अंतर्गत “ पैक्स की सफलता की कहानियाँ”  पर प्रकाशित पुस्तिका का भी विमोचन किया।

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