असदुद्दीन ओवैसी का हमला – भाजपा को ‘एम’ शब्द से नफरत, इसलिए उसने चुनावी घोषणापत्र में शामिल नहीं किया
नई दिल्ली, 18 अप्रैल। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर हमला करते हुए आरोप लगाया है कि उसे ‘एम’ शब्द से बहुत नफरत है, इसीलिए उसने लोकसभा चुनाव के अपने घोषणापत्र में ‘अल्पसंख्यकों’ का कोई जिक्र नहीं किया है बल्कि ‘अल्पसंख्यक’ के बजाय ‘हाशिये पर रहने वाले समुदाय’ शब्द का इस्तेमाल किया है।
समाचार वेबसाइट ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के अनुसार ओवैसी ने दावा किया कि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में एसटी और ओबीसी का जिक्र किया, लेकिन अल्पसंख्यकों का जिक्र नहीं किया है क्योंकि उसे ‘एम’ शब्द से बहुत नफरत है।
‘अल्पसंख्यक शब्द का उल्लेख संविधान में है, लेकिन भाजपा को इससे नफरत‘
औवैसी ने कहा, “मैंने 17 अप्रैल को विभिन्न समाचार पत्रों में भाजपा का विज्ञापन देखा है। कृपया देखें कि जब वे सरकार से व्यवसाय शुरू करने के लिए ऋण या मदद देने की बात करते हैं, तो यह एसटी और ओबीसी कहता है। भाजपा अल्पसंख्यक शब्द का उल्लेख करने से भी इनकार कर रही है। वो चाहती है कि मुसलमानों के बारे में भूल जाओ। अल्पसंख्यक शब्द का उल्लेख भारत के संविधान में किया गया है, लेकिन भाजपा को ‘एम’ शब्द से बहुत नफरत है।”
एआईएमआईएम चीफ ने कहा, “भाजपा ने अल्पसंख्यक शब्द का उल्लेख नहीं किया है। वे कहते हैं कि हाशिए पर रहने वाले समुदायों को छात्रवृत्ति दी जाएगी। भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में नागरिकता संशोधन कानून और समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया है। भगवा पार्टी ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ लागू करने की अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई है।”
दलित और मुस्लिम समुदायों में स्कूल छोड़ने वालों की संख्या सबसे ज्यादा
उत्तराखंड में सीएए और यूसीसी का विरोध करने वाले असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि दलित और मुस्लिम समुदायों में स्कूल छोड़ने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। उन्होंने भाजपा पर जान बूझकर यह सुनिश्चित करने का आरोप लगाया कि मुस्लिम समुदाय में स्कूल छोड़ने की दर बढ़े। लगातार चार बार से हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने देश के लोगों से अपील की कि वे मतदान से पहले उच्च बेरोजगारी दर, अल्पसंख्यकों के प्रति बढ़ती नफरत और संविधान को खतरे को ध्यान में रखें।