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एंटीलिया विस्फोटक केस : पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा एनआईए की गिरफ्त में

एंटीलिया विस्फोटक केस : पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा एनआईए की गिरफ्त में

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मुंबई, 17 जून। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को मुंबई पुलिस के पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। एशिया के सबसे धनी भारतीय उद्योगति मुकेश अंबानी के आवास ‘एंटीलिया’ के पास इसी वर्ष फरवरी में एक कार में पाए गए विस्फोटक और फिर कार मालिक मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में  यह काररवाई की गई है।

एनआईए की टीम ने सुबह जेबी नगर इलाके के अंधेरी स्थित प्रदीप शर्मा के आवास पर छापेमारी की। शर्मा से लंबी पूछताछ के दौरान एनआईए अधिकारियों द्वारा उनके आवास की तलाशी भी ली गई। अंततः कई घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

  • मास्टरमाइंड सचिन वाजे पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है

प्रदीप शर्मा को एंटीलिया केस के मास्टरमाइंड एपीआई सचिन हिंदुराव वाजे का मेंटर भी कहा जाता है। वाजे को गत 11 मई को ही महाराष्ट्र पुलिस से बर्खास्त किया जा चुका है। वाजे का नाम उस वक्त सुर्खियों में आया था, जब उसे एंटीलिया के पास विस्फोटक सामग्री से भरी कार खड़ी करने के मामले में संदिग्ध पाया गया था। इस केस में उसकी भूमिका उजागर होने के बाद एटीएस ने उसे गिरफ्तार किया था।

इस केस की जांच पहले मुंबई क्राइम ब्रांच के पास थी। बाद में यह केस एटीएस के हवाले कर दिया गया था। एटीएस ने ही इस मामले में सचिन वाजे की साजिश का खुलासा कर दिया था। लेकिन केस की जांच एनआईए के पास जाते ही पूरा मामला साफ हो गया था।

  • पुलिस इंस्पेक्टर सुनील माने सहित तीन अन्य की भी हो चुकी है बर्खास्तगी

एंटीलिया केस और मनसुख हिरेन हत्याकांड में मुंबई पुलिस के एक इंस्पेक्टर सुनील माने को भी गत एक जून को पुलिस सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है। घटना के समय सुनील माने कांदिवली में मुंबई पुलिस की अपराध शाखा इकाई का नेतृत्व कर रहा था। वाजे और माने के अलावा एपीआई रियाज काजी और पुलिस कांस्टेबल विनायक शिंदे को भी मुंबई पुलिस सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है।

गौरतलब है कि इसी वर्ष 25 फरवरी को मुंबई में एंटीलिया के बाहर खड़ी की गई एक संदिग्ध स्कॉर्पियो कार में जिलेटिन की 20 छड़ें और धमकी भरा पत्र मिला था। इसी कड़ी में पांच मार्च को उक्त कार के मालिक मनसुख हिरेन की लाश ठाणे के पास एक नाले में मिली थी। हत्या से ठीक पहले मनसुख के पास कांदिवली क्राइम ब्रांच यूनिट के एक सिपाही का फोन आया था।

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