बिहार मध्याह्न भोजन योजना में फिर बड़ा घोटाला – 13 जिलों में हेडमास्टर भरेंगे 1.92 करोड़ रुपये
पटना, 24 दिसम्बर। बिहार में मध्याह्न भोजन (MDM) योजना में एक बार फिर बड़ा घोटाला सामने आया है। इस बार सीमांत और कोसी–सीमांचल क्षेत्र के 13 जिलों में बच्चों के हक का भोजन डकारने के आरोप में प्रधानाध्यापकों पर सख्त काररवाई की तैयारी है और इससे शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
दरअसल, सरकारी धन के दुरुपयोग के इस मामले में अब हेडमास्टरों से एक करोड़ 92 लाख 45 हजार 893 रुपये राशि की वसूली की जाएगी। यह काररवाई सरकारी धन के दुरुपयोग के चलते की जा रही है और एमडीएम निदेशालय ने साफ कर दिया है कि अब किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इन 13 जिलों में सामने आई है अनियमितता
बिहार के जिन 13 जिलों में यह अनियमितता सामने आई है, उनमें भागलपुर, बांका, जमुई, लखीसराय, मुंगेर के अलावा कोसी–सीमांचल के सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, अररिया, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया और खगड़िया शामिल हैं।
कुल 4.54 करोड़ रुपये की वसूली होनी है, अब तक 2.61 करोड़ ही रिकवर
एमडीएम निदेशालय की जांच रिपोर्ट के अनुसार इन जिलों में कुल 4 करोड़ 54 लाख 24 हजार 104 रुपये की वसूली होनी थी। हालांकि, अब तक सिर्फ 2 करोड़ 61 लाख 75 हजार 256 रुपये ही रिकवर किए जा सके हैं जबकि करीब 1.92 करोड़ रुपये अब भी बकाया हैं।
एमडीएम योजना का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है, ताकि कुपोषण से लड़ाई के साथ स्कूलों में नामांकन और उपस्थिति बढ़ाई जा सके। लेकिन जांच में सामने आया कि कई जगहों पर प्रधानाध्यापकों और संबंधित अधिकारियों ने इस योजना में गंभीर गड़बड़ी की।
इन तरकीबों से किया गया घोटाला
विभागीय सूत्रों के मुताबिक अनियमितताओं में चावल की हेराफेरी, छात्रों की संख्या बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना, राशन सामग्री में गड़बड़ी और कई स्कूलों में एमडीएम का भोजन बनाए बिना ही राशि की निकासी जैसे मामले शामिल हैं।
