1. Home
  2. देश-विदेश
  3. सावधान! आ चुका है कोरोना का एक और खतरनाक वैरिएंट, वैक्सीन को भी कर सकता है बेअसर
सावधान! आ चुका है कोरोना का एक और खतरनाक वैरिएंट, वैक्सीन को भी कर सकता है बेअसर

सावधान! आ चुका है कोरोना का एक और खतरनाक वैरिएंट, वैक्सीन को भी कर सकता है बेअसर

0
Social Share

नई दिल्ली, 30 अगस्त। भारत सहित विश्व के कई देश जहां कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहे हैं वहीं भारत में तीसरी लहर की आशंका भी जताई जा रही है। इस बीच दक्षिण अफ्रीका समेत दुनिया के कई देशों में कोरोना का एक और खतरनाक वैरिएंट सामने आया है। कहा जा रहा है कि ये वैरिएंट पहले से कहीं ज्यादा संक्रामक है और यह वैक्सीन से मिलने वाली सुरक्षा को भी बेअसर कर सकता है।

दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिकों ने किया C.1.2 को वैरिएंट का खुलासा

दक्षिण अफ्रीका में नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज (एनआईसीडी) और क्वाजुलु नटाल रिसर्च इनोवेशन एंड सीक्वेंसिंग प्लेटफॉर्म के वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोना का C.1.2 वैरिएंट सबसे पहले मई में सामने आया था। इसके बाद अगस्त तक चीन, कॉन्गो, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, पुर्तगाल और स्विट्जरलैंड में इसके केस देखने को मिले हैं।

C.1.2 को वैरिएंट ऑफ इंट्रेस्‍ट की श्रेणी में रखा गया

वैज्ञानिकों के अनुसार दक्षिण अफ्रीका में कोरोना की पहली लहर के दौरान मिले वैरिएंट में से C.1 Variant की तुलना में C.1.2 में ज्यादा बदलाव देखने को मिले हैं। यही वजह है कि इस वैरिएंट को वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्‍ट की श्रेणी में रखा गया है.

वैरिएंट के जीनोम सीक्वेंस में हो रहा तेज बदलाव

वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि दुनिया में अब तक मिले वैरिएंट ऑफ कंसर्न और वैरिएंट ऑफ इंट्रेस्‍ट की तुलना में C.1.2 में ज्‍यादा म्‍यूटेशन देखने को मिला है। इतना ही नहीं वैज्ञानिकों का कहना है कि यह वैरिएंट अधिक संक्रामक हो सकता है और कोरोना वैक्सीन से मिलने वाले सुरक्षा तंत्र को भी चकमा दे सकता है।

मौजूदा ग्लोबल म्यूटेशन रेट से दोगुना तेज

अध्ययन के अनुसार दक्षिण अफ्रीका में हर महीने C.1.2 जीनोम की संख्या बढ़ रही है। मई में जीनोम सिक्वेंसिंग के 0.2% से बढ़कर जून में 1.6% , जुलाई में 2% तक हो गए।  इस वैरिएंट का म्यूटेशन रेट 41.8 प्रति वर्ष है। यह मौजूदा ग्लोबल म्यूटेशन रेट से दोगुना तेज है। स्पाइक प्रोटीन का इस्तेमाल SARS-CoV-2 वायरस मानव कोशिकाओं को संक्रमित करने और उनमें प्रवेश करने के लिए करता है। ज्यादातर कोरोना वैक्सीन इसी क्षेत्र को टारगेट करती हैं।

वैज्ञानिकों के अनुसार  म्यूटेशन N440K और Y449H वैरिएंट C.1.2 में मिले हैं। ये म्यूटेशन वायरस में बदलाव के साथ साथ उन्हें एंटीबॉडी और इम्यून रिस्पॉन्स से बचने में मदद करते हैं। यह उन मरीजों में भी देखने को मिला है, जिनमें अल्फा या बीटा वैरिएंट के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हुई थी।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code