1. Home
  2. कारोबार
  3. UPI के जरिये कर भुगतान की सीमा एक लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की घोषणा
UPI के जरिये कर भुगतान की सीमा एक लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की घोषणा

UPI के जरिये कर भुगतान की सीमा एक लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की घोषणा

0
Social Share

नई दिल्ली, 8 अगस्त। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने यूपीआई के जरिये कर भुगतान की सीमा बढ़ाने की बृहस्पतिवार को घोषणा की। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की मंगलवार को शुरू हुई तीन दिन की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि यूपीआई अपनी सहज सुविधाओं से भुगतान का सबसे पसंदीदा तरीका बन गया है। वर्तमान में, यूपीआई के लिए कर भुगतान की सीमा एक लाख रुपये है।

दास ने कहा कि विभिन्न उपयोग-मामलों के आधार पर, रिजर्व बैंक ने समय-समय पर पूंजी बाजार, आईपीओ अभिदान, ऋण संग्रह, बीमा, चिकित्सकीय और शैक्षिक सेवाओं आदि जैसी कुछ श्रेणियों के लिए सीमाओं की समीक्षा की है और उन्हें बढ़ाया है। दास ने कहा, ‘‘ चूंकि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर भुगतान सामान्य, नियमित तथा उच्च मूल्य के हैं। इसलिए यूपीआई के जरिये कर भुगतान की सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख प्रति लेनदेन करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में आवश्यक निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे।’’

आरबीआई के अनुसार, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का उपयोगकर्ता आधार 42.4 करोड़ हो गया है। हालांकि, उपयोगकर्ता आधार के और विस्तार की संभावना है। यूपीआई में ‘डेलिगेटेड पेमेंट्स’ शुरू करने का भी प्रस्ताव है। दास ने कहा कि ‘डेलिगेटेड पेमेंट्स’ से एक व्यक्ति (प्राथमिक उपयोगकर्ता) को प्राथमिक उपयोगकर्ता के बैंक खाते पर किसी अन्य व्यक्ति (द्वितीयक उपयोगकर्ता) के लिए यूपीआई लेनदेन सीमा निर्धारित करने की अनुमति मिलेगी।

इससे देशभर में डिजिटल भुगतान की पहुंच और उपयोग में वृद्धि होने की उम्मीद है। इस संबंध में भी विस्तृत निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगें। इसके साथ ही आरबीआई ने अनधिकृत कंपनियों की जांच के लिए डिजिटल ऋण देने वाले ऐप के सार्वजनिक तौर पर आंकड़े तैयार करने का प्रस्ताव दिया है।

दास ने कहा कि ग्राहकों के हितों की सुरक्षा, डाटा गोपनीयता, ब्याज दरों तथा वसूली प्रक्रियाओं, गलत बिक्री आदि पर चिंताओं से निपटने के लिए दिशानिर्देश दो सितंबर, 2022 को जारी किए गए थे। हालांकि, मीडिया की खबरों ने डिजिटल ऋण देने में बेईमान कंपनियों की मौजूदगी को उजागर किया है जो आरबीआई (आरई) से संबद्ध होने का झूठा दावा करती हैं।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published.

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code