महाराष्ट्र : डिप्टी सीएम का प्रस्ताव ठुकराकर नाराज शिंदे अपने गांव लौटे, महायुति की बैठक भी टली
मुंबई, 29 नवम्बर। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बंपर जीत के बावजूद महायुति गठबंधन में नए सीएम को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं हो सका है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने दिल्ली स्थित आवास पर गुरुवार की रात दो घंटे से ज्यादा समय तक चली मैराथन बैठक में गठबंधन के तीनों शीर्ष नेताओं – देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार के साथ सीएम व कैबिनेट गठन को लेकर चर्चा की थी।
इसी क्रम में आज यहां महायुति के नेताओँ की और एक दौर की बैठक होनी थी। लेकिन तभी कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे ने नई सरकार में डिप्टी सीएम पद का प्रस्ताव ठुकरा दिया और बैठक से पहले नाराज होकर सतारा स्थित अपने गांव चले गए। इसी कारण से बैठक भी टाल दी गई।
भाजपा चाहती है कि शिंदे डिप्टी सीएम बनें, अमित शाह ने भी समझाया
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार रात अमित शाह के साथ बैठक में यह साफ किया गया कि देवेंद्र फडणवीस ही महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे। भाजपा ने शिंदे के सामने एक बार डिप्टी सीएम बनने की चर्चा की। उन्हें बताया गया कि डिप्टी सीएम का पद लेने से महायुति की एकता का संदेश जाएगा। उन्हें फडणवीस के साथ अन्य दिग्गज नेताओं के बारे में बताया गया, जिन्होंने बड़े पद पर रहने के बावजूद दूसरी जिम्मेदारी ली। लेकिन इन दलीलों से शिंदे नहीं माने।
ब्राह्मण सीएम के नीते दो मराठा डिप्टी सीएम स्वीकार्य नहीं
अब शिवसेना नेताओं नई दलील दी है। उनका कहना है कि देवेंद्र फडणवीस जाति से ब्राह्मण हैं। उनके नीचे दो मराठा नेता अजित पवार और एकनाथ शिंदे को डिप्टी के तौर से रखना राजनीतिक भूल साबित हो सकती है। मराठा वोटरों को यह रास नहीं आएगा। शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि शिंदे कभी डिप्टी सीएम का पद स्वीकार नहीं करेंगे।
इधर भाजपा अजित पवार के समर्थन पर सरकार बना सकती है, लेकिन वह शिंदे को खोने के पक्ष में नहीं है। तमाम अड़चनों के बावजूद शिवसेना और एकनाथ शिंदे भाजपा के सबसे भरोसेमंद सहयोगी में शामिल हैं। भाजपा की कोशिश है कि किसी भी हालत में शिंदे सरकार का हिस्सा बन जाएं। माना जा रहा है कि सीएम पद छोड़ने के एवज में एकनाथ शिंदे भी बड़े मोलभाव की तैयारी में हैं। शिंदे को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में बड़े मंत्रालय का ऑफर दिया गया, उसे भी उन्होंने ठुकरा दिया।
मंत्री बनेंगे एकनाथ शिंदे, लेकिन डिप्टी सीएम नहीं
राजनीतिक सूत्रों के अनुसार शिंदे किसी भी सूरत में महाराष्ट्र छोड़ने के मूड में नहीं हैं। उन्होंने भाजपा से विधान परिषद का सभापति पद मांगा है। साथ ही, गृह मंत्रालय को लेकर भी वह अड़े हैं। शिंदे के करीबी संजय शिरसाट ने बताया कि शिंदे महाराष्ट्र के नए मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं, लेकिन सीएम पद के बाद डिप्टी सीएम बनना उन्हें मंजूर नहीं है। शिवसेना किसी दूसरे नेता को डिप्टी सीएम बना सकती है।