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सीजेआई चंद्रचूड़ नाराज : बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह से बोले – ‘धमकी मत दीजिए, फौरन मेरे कोर्ट से बाहर निकलिए’

सीजेआई चंद्रचूड़ नाराज : बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह से बोले – ‘धमकी मत दीजिए, फौरन मेरे कोर्ट से बाहर निकलिए’

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नई दिल्ली, 2 मार्च। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को उस समय माहौल बेहद तल्ख हो गया, जब प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के प्रमुख विकास सिंह के बीच में काफी तीखी बहस हो गई। मामला इतना बिगड़ गया कि चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ क्रोधित हो उठे और वरिष्ठ वकील विकास सिंह से कहा, ‘आप अभी इस अदालत को छोड़ दें। आप तुरंत बाहर निकलें। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का अध्यक्ष होने का यह मतलब नहीं है कि आप हमें नीचे गिरा सकते हैं।’

सुप्रीम कोर्ट में वकीलों के चैंबर के लिए भूमि आवंटन के मसले पर हुई बहस

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में वकीलों के चैंबर के लिए भूमि आवंटन के मसले पर दायर याचिका की लिस्टिंग न होने से सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह नाराजगी जाहिर कर रहे थे और धीरे-धीरे यह मुद्दा गरमागरम बहस में बदल गया।

याचिका की लिस्टिंग न होने से नाराज थे विकास सिंह

विकास सिंह ने सीजेआई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच के सामने मामले को उठाते कहा, ‘कई बार इस केस की लिस्टिंग की मांग हुई, लेकिन हमारे बार-बार अनुरोध के बावजूद इसे सुनवाई वाले केस की सूची में शामिल नहीं किया जा रहा है।’

6 बार लिस्टिंग से बाहर किया जा चुका है मामला

विकास सिंह ने कोर्ट को बताया कि अब तक यह मामला छह बार लिस्टिंग से बाहर किया जा चुका है। इसके बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में वकीलों के चैंबर के लिए भूमि आवंटन की याचिका को सामान्य तरीके से सूचीबद्ध किया जाएगा। इस पर वकील विकास सिंह ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, ‘फिर तो हमें आपके निवास पर आना होगा।’

विकास सिंह की इस टिप्पणी को सुनते ही चीफ जस्टिस बुरी तरह से बिफर पड़े और बेहद तल्ख लहजे में कहा, ‘आप अभी इसी वक्त हमारी कोर्ट छोड़ दें, आप फौरन बाहर निकलें यहां से। आप हमें ऐसे डरा नहीं सकते हैं।’

चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ के आक्रामक टिप्पणी से आहत विकास सिंह ने कहा, ‘आप इस बार के प्रति जवाबदेह हैं।’ यह सुनने के बाद चीफ जस्टिस ने कहा, ‘विकास सिंह जी, कृपया आवाज ऊंची न करें। आप सुप्रीम कोर्ट बार के अध्यक्ष हैं। इस नाते आपको बार का संरक्षक होना चाहिए, लेकिन मुझे दुख है कि आप इस तरह के दलील से संवाद के स्तर को नीचे कर रहे हैं।’

सीजेआई ने आगे कहा, ‘आपने अनुच्छेद 32 के तहत याचिका दायर की है और दावा किया है कि जो जमीन भारत के सुप्रीम कोर्ट को आवंटित की गई है। उसे हम वकीलों के चैंबर बनाने के लिए बार को सौंप दें। जब याचिका हमारे सामने सूचीबद्ध होकर आएगी, तब हम इसे देखेंगे। लेकिन अभी आप इस तरह के तेवर हमें मत दिखाइए।’

विकास सिंह ने कहा कि वह तो केवल याचिका पर सुनवाई का अनुरोध कर रहे हैं। अगर अदालत चाहे तो मामले को खारिज भी कर सकती है। इस बात पर सीजेआई ने कहा कि उन्होंने एक तारीख दी है और इस याचिका को 17 मार्च को सुना जाएगा। इसके बाद चीफ जस्टिस ने विकास सिंह से कहा, ‘मैं सुप्रीम कोर्ट का चीफ जस्टिस हूं। मैं यहां 29 मार्च, 2000 से हूं। मैं इस पेशे में 22 साल से हूं। मैंने कभी भी खुद को बार के किसी सदस्य, किसी वादी या किसी और द्वारा अपमानित होने की अनुमति नहीं दी है और मैं अपने करिअर के अंतिम दो वर्षों में भी किसी को ऐसा नहीं करने दूंगा।’

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