1. Home
  2. हिन्दी
  3. राष्ट्रीय
  4. जम्मू-कश्मीर : अनंतनाग एनकाउंटर चौथे दिन भी जारी, 3 हजार से अधिक जवान लगे हैं ऑपरेशन में
जम्मू-कश्मीर : अनंतनाग एनकाउंटर चौथे दिन भी जारी, 3 हजार से अधिक जवान लगे हैं ऑपरेशन में

जम्मू-कश्मीर : अनंतनाग एनकाउंटर चौथे दिन भी जारी, 3 हजार से अधिक जवान लगे हैं ऑपरेशन में

0
Social Share

जम्मू, 16 सितम्बर। अनंतनाग एनकाउंटर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार देर रात से सुरक्षा बलों के साथ शुरू हुई जंग आज चौथे दिन भी जारी थी। मात्र तीन से चार आतंकियों से मुकाबले को तीन हजार से अधिक जवान हैं और अंत कहीं नजर नहीं आ रहा।

सेना के कर्नल, मेजर और पुलिस के डीएसपी हो चुके हैं बलिदान

इस मुठभेड़ के दौरान सेना के कर्नल, मेजर और पुलिस के डीएसपी की जान जा चुकी है। दूसरी तरफ सिर्फ एक आतंकी को ढेर किया जा सका है। मुठभेड के चौथे दिन में प्रवेश से साफ है कि आतंकी पूरी तैयारी के साथ आए हैं। उनके पास गोला बारूद और खाने पीने के समान की कोई कमी नही हैं।

सुरक्षा बलों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बीते मंगलवार को सेना और पुलिस को इनफॉर्मर से इनपुट मिली थी कि कोकरनाग इलाके में गदुल में आतंकी छिपे है। इलाके को घेरकर तलाशी ली गई तो कुछ नही मिला। तब सिर्फ यह जानकारी मिली कि आतंकी पहाड़ी के ऊपर चोटी वाले हिस्से में हैं। सेना और पुलिस की टीम ने आतंकियों पर धावा बोलने का फैसला लिया।

पहाड़ी पर ऊपर चढ़ने का रास्ता काफी चुनौती से भरा था। संकरा रास्ता था। एक तरफ पहाड़ व घना जंगल था तो दूसरी तरफ गहरी खाई। ऊपर से रात का अंधेरा था। आगे 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह फिर मेजर आशीष और उसके बाद पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट्ट थे। ऊपर हाईड आउट में आतंकी सुरक्षा बलों को नीचे से ऊपर आते हुए देख सकते थे। अपने गुफा के पास आते ही आतंकियों ने भारी गोलाबारी शुरू कर दी। सेना और पुलिस को संभलने का मौका नही मिला। रास्ता भी ऐसा था, जहां चाहकर भी किसी चीज की आड़ लेकर जोरदार जवाबी काररवाई नहीं कर सकते थे। साथ ही नीचे गिरने का खतरा था।

जब सेना के कर्नल, मेजर और पुलिस के डीएसपी को गोली लग गई तो उनको तुरंत वहां से अस्पताल नही पहुंचाया जा सका। उस जगह पर जबर्दस्त फायरिंग हो रही थी। न तो हेलीकॉप्टर उतारा जा सका और न ही घायल अधिकारियों को मेडिकल मदद मिल सकी। बहुत मुश्किल से सुबह तीनों के शव निकाले जे सके।

इसके बाद से सुरक्षा बलों ने आतंकियों के छुपने वाली पहाड़ी को हर तरफ से घेर लिया है। इजराइल से खरीदे गए हेरॉन ड्रोन के जरिये उस जगह पर विस्फोटक गिराया जा रहा है। रॉकेट लांचर दागा जा रहा है। स्पेशल फोर्सेज के जवान भी लगातार हमले बोल रहे हैं। मुश्किल यह है कि सेना अब तक एरिया को डोमिनेट नही कर पाई है। उस जगह की भौगोलिक सरंचना ऐसी है जहां ऑपेरशन करने में काफी दिक्कत आती है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार इन पहाड़ी इलाकों में आतंकियों की तादाद दो-तीन से कहीं ज़्यादा हैं। इनमें पिछले साल लश्कर तोयबा में शामिल हुआ उजैर खान भी शामिल हैं। इसको इलाके की पूरी जानकारी है, जिसका फायदा आतंकी को मिल रहा हैं।

ऑपेरशन खत्म करना सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती

सुरक्षा से जुड़े जानकारों के अनुसार इतने दिनों तक सामान्य आतंकी सुरक्षा बलों के सामने टिक नही सकते हैं। इनकी ट्रेनिंग आला दर्जे की है और हथियार भी बेजोड़ हैं। यह भी हो सकता है इनफॉर्मर ने डबल क्रॉस कर दिया है या फिर किसी ने सुरक्षा बलों की मूवमेंट लीक कर दी हो। जो भी हो, यह ऑपेरशन खत्म करना सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। सेना और पुलिस के अधिकारियों का अंतिम संस्कार तो हो गया, लेकिन उन्हें सही मायने में सच्ची श्रद्धांजलि तभी मिलेगी, जब इन आतंकियों को ढेर किया जा सके।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code