1. Home
  2. हिन्दी
  3. राष्ट्रीय
  4. एएमयू का अल्पसंख्यक दर्जा बरकरार: सुप्रीम कोर्ट ने 1967 का फैसला किया खारिज
एएमयू का अल्पसंख्यक दर्जा बरकरार: सुप्रीम कोर्ट ने 1967 का फैसला किया खारिज

एएमयू का अल्पसंख्यक दर्जा बरकरार: सुप्रीम कोर्ट ने 1967 का फैसला किया खारिज

0
Social Share

नई दिल्ली, 8 नवंबर। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे संबंधी मामले को नयी पीठ के पास भेजने का निर्णय लिया और 1967 के फैसले को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक संस्थान नहीं माना जा सकता क्योंकि इसकी स्थापना केंद्रीय कानून के तहत की गई थी।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने बहुमत का फैसला सुनाते हुए एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे के मुद्दे पर विचार के लिए मानदंड निर्धारित किए। उच्चतम न्यायालय ने 4:3 के बहुमत में कहा कि मामले के न्यायिक रिकॉर्ड को प्रधान न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत किया जाना चाहिए ताकि 2006 के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले की वैधता पर निर्णय करने के लिए एक नयी पीठ गठित की जा सके।

जनवरी 2006 में उच्च न्यायालय ने 1981 के कानून के उस प्रावधान को रद्द कर दिया था जिसके तहत एएमयू को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया गया था। अदालत की कार्यवाही शुरू होने पर प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि चार अलग-अलग मत हैं जिनमें तीन असहमति वाले फैसले भी शामिल हैं। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि उन्होंने अपने और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा के लिए बहुमत का फैसला लिखा है।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा ने अलग-अलग असहमति वाले फैसले लिखे हैं। न्यायमूर्ति सूर्यकांत अपना असहमति वाला फैसला सुना रहे हैं। पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 1967 में एस अज़ीज़ बाशा बनाम भारत संघ मामले में फैसला दिया था कि चूंकि एएमयू एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है, इसलिए इसे अल्पसंख्यक संस्थान नहीं माना जा सकता। हालाँकि, 1981 में संसद द्वारा एएमयू (संशोधन) अधिनियम पारित किये जाने पर इस प्रतिष्ठित संस्थान को अपना अल्पसंख्यक दर्जा पुनः मिल गया था।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code