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I4C के स्थापना दिवस समारोह में अमित शाह ने कहा – साइबर सुरक्षा के बिना देश की प्रगति असंभव

I4C के स्थापना दिवस समारोह में अमित शाह ने कहा – साइबर सुरक्षा के बिना देश की प्रगति असंभव

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नई दिल्ली, 10 सितम्बर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि साइबर सुरक्षा अब केवल डिजिटल दुनिया तक सीमित न रहकर राष्ट्रीय सुरक्षा का अहम पहलू बन गई है और अब साइबर सुरक्षा के बिना किसी भी देश का विकास असंभव है।  राष्ट्रीय राजधानी स्थित विज्ञान भवन में मंगलवार को भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के प्रथम स्थापना दिवस समारोह में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने ये बातें कहीं।

अगले 5 वर्षों में 5,000साइबर कमांडोको प्रशिक्षित करने का लक्ष्य

अमित शाह ने कहा कि सरकार ने साइबर अपराध से निबटने के लिए अगले पांच वर्षों में करीब 5,000 ‘साइबर कमांडो’ को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही उन्होंने साइबर अपराध की रोकथाम के लिए प्रमुख पहलों का शुभारंभ भी किया।

साइबर सुरक्षा के लिए वरदान साबित हो सकता है यह केंद्र

शाह ने कहा कि तकनीक मानव जीवन के लिए आशीर्वाद साबित होती है और आज सभी नई पहलों में तकनीक का बहुत उपयोग हो रहा है। लेकिन तकनीक के बढ़ते उपयोग से कई खतरे भी पैदा हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि I4C जैसे प्लेटफॉर्म इस प्रकार के खतरों से निबटने में बहुत बड़ा योगदान कर सकते हैं। उन्होंने I4C से सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर जागरूकता, समन्वय और साझा प्रयास को जारी रखने का आह्वान किया। साथ ही कहा कि कोई भी एक संस्था अकेले साइबर स्पेस को सुरक्षित नहीं रख सकती। यह तभी संभव है, जब कई स्टेकहोल्डर्स एक ही मंच पर आकर एक ही तरीके और रास्ते पर आगे बढ़ें।

I4C के चार प्रमुख साइबर प्लेटफॉर्म्स का शुभारंभ

गृह मंत्री ने इस अवसर पर I4C के चार प्रमुख साइबर प्लेटफॉर्म्स का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि साइबर धोखाधड़ी न्यूनीकरण केंद्र (सीएफएमसी) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना थी, जिसका आज शुभारंभ हुआ है। उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ आज साइबर कमांडो, समन्वय प्लेटफॉर्म और सस्पेक्ट रजिस्ट्री का भी शुभारंभ हुआ है।

I4C की ओर से जनजागरूकता अभियान भी शुरू

शाह ने कहा कि आज से I4C एक जनजागरूकता अभियान भी शुरू कर रहा है। देश के 72 से अधिक टीवी चैनल्स, 190 रेडियो एफएम चैनल्स, सिनेमाघरों और कई अन्य प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से इस अभियान को गति देने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक पीड़ित को साइबर अपराध से बचने का तरीका नहीं पता होगा, तब तक यह अभियान सफल नहीं हो सकता।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि साइबर धोखाधड़ी न्यूनीकरण केंद्र (सीएफएमसी) के साथ बैंक, वित्तीय संस्थान, टेलीकॉम कम्पनी, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर और पुलिस को एक ही मंच पर लाकर इस केंद्र का विचार रखा गया है। आने वाले दिनों में यह साइबर अपराध की रोकथाम का एक प्रमुख प्लेटफॉर्म बनेगा। इस केंद्र को अलग-अलग डेटा का एआई के उपयोग से साइबर अपराधियों के काम करने के तरीकों (एमओ) की पहचान कर इसकी रोकथाम का काम करना चाहिए।

वहीं साइबर कमांडो कार्यक्रम के तहत 5 वर्षों में लगभग पांच हजार साइबर कमांडो तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि तीन नए आपराधिक कानूनों – भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम – में देश को साइबर सुरक्षित बनाने के लिए सभी कानूनी इंतजाम किए गए हैं।

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