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अमित शाह ने अखिल भारतीय स्पीकर सम्मेलन का किया उद्घाटन, विट्ठलभाई पटेल को दी श्रद्धांजलि

अमित शाह ने अखिल भारतीय स्पीकर सम्मेलन का किया उद्घाटन, विट्ठलभाई पटेल को दी श्रद्धांजलि

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नई दिल्ली, 24 अगस्त। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को दिल्ली विधानसभा में आयोजित अखिल भारतीय स्पीकर सम्मेलन 2025 का उद्घाटन किया। यह दो दिवसीय आयोजन वीर विट्ठलभाई पटेल के पहले भारतीय स्पीकर के रूप में चुने जाने की 100वीं वर्षगांठ को समर्पित है।

दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजयेंद्र गुप्ता के नेतृत्व में इस सम्मेलन का आयोजन किया गया है, जिसमें देशभर की राज्य विधानसभाओं के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और विधान परिषदों के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष शामिल हुए। अमित शाह ने इस मौके पर विट्ठलभाई पटेल की स्मृति में विशेष डाक टिकट भी जारी किया। इस अवसर पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और मंत्री प्रवेश वर्मा मौजूद रहे।

अमित शाह ने सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि विट्ठलभाई पटेल ने भारत की संसदीय परंपराओं की नींव रखी और भारतीय मूल्यों पर आधारित लोकतंत्र को मजबूत किया। उन्होंने महामना मालवीय, गोपालकृष्ण गोखले, लाला लाजपत राय और देशबंधु चिरंजनदास जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद करते हुए कहा कि इन नेताओं ने सदन में जनता की आकांक्षाओं को आवाज दी। शाह ने यह भी कहा कि गुजरात ने देश को दो महान नेता दिए-सरदार पटेल, जिन्होंने महात्मा गांधी के साथ स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका निभाई, और विट्ठलभाई पटेल, जिन्होंने भारत की विधायी परंपराओं को सशक्त किया।

शाह ने इस अवसर पर एक विशेष प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया, जिसमें दिल्ली विधानसभा की 100 वर्ष से अधिक की यात्रा को प्रदर्शित किया गया है। इसमें इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल से लेकर सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेंबली और भारत की पहली संसद तक का इतिहास दिखाया गया है।

गृह मंत्री ने सुझाव दिया कि विट्ठलभाई पटेल के जीवन पर एक विशेष प्रदर्शनी आयोजित की जानी चाहिए ताकि युवा पीढ़ी उनके योगदान से प्रेरणा ले सके। सम्मेलन का उद्देश्य लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करना, भारत की संघीय संरचना में विधायी निकायों की भूमिका पर चर्चा करना और संसदीय परंपराओं को आधुनिक तकनीक से जोड़ना है। इसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित नवाचारों और डिजिटल उपकरणों की मदद से कानून बनाने की प्रक्रिया को और पारदर्शी व जवाबदेह बनाने पर भी बल दिया गया।

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