वर्ष के अंतिम चंद्र ग्रहण पर देशभर में दिखेगा अद्भुत नजारा
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर। शरद पूर्णिमा की रात आज लगने वाले इस वर्ष के अंतिम चंद्र ग्रहण का सूतक काल अपराह्न चार बजकर पांच मिनट शाम से शुरू हो चुका है और इसका सूतक काल पूरे भारत में मान्य भी होगा। भारत में दिखाई देने की वजह से इसका महत्व ज्यादा है और ग्रहण के दौरान देशभर में अद्भुत नजारा दिखेगा।
चंद्र ग्रहण का समय और मोक्ष काल
एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिकी, पूर्वोत्तर दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और प्रशांत महासागर से लोग इसे देख सकेंगे। भारत में यह चंद्र ग्रहण मध्यरात्रि बाद एक बजकर पांच मिनट पर आरंभ होगा। ग्रहण का मध्यकाल एक बजकर 44 मिनट पर होगा और ग्रहण का मोक्ष काल यानी समापन दो बजकर 24 मिनट पर होगा। चंद्र ग्रहण की अवध एक घंटे 18 मिनट की होगी। चंद्र ग्रहण का सूतक काल नौ घंटे पहले ही शुरू हो जाता है यानी अपराह्न चार बजकर पांच मिनट पर इसका सूतक काल शुरू हो चुका है और रात में दो बजकर 50 मिनट पर सूतक काल खत्म हो जाएगा।
भारत में इन जगहों पर दिखाई देने वाला है चंद्र ग्रहण
दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, नागपुर, चेन्नई, लखनऊ, जयपुर, कानपुर, कोलकाता, सूरत, बेंगलुरु पुणे, हैदराबाद, अहमदाबाद, आगरा, मथुरा, कुरुक्षेत्र, कोयंबटूर, करनाल, नासिक, अंबाला, रायपुर, पानीपत, भोपाल, उत्तरकाशी, जोधपुर, हलद्वानी, प्रयागराज, ऋषिकेश, हरिद्वार, चंडीगढ़, नैनीताल, हिसार, भिलाई, धर्मशाला, उज्जैन, शिमला, कुल्लू, मनाली, रतलाम, कसौल, डलहौजी, देवास, बाराबंकी, जबलपुर, मंडी, इंदौर, आरा, कोरबा, गोवा, जगदलपुर, पंजाब, दरभंगा, अंबिकापुर, बिहार समेत भारत के अन्य हिस्सों में भी यह चंद्र ग्रहण दिखाई देने वाला है।
शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण
शरद पूर्णिमा के दिन भगवान कृष्ण ने महारास किया था, इसलिए इस पूर्णिमा का रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन निधिवन के दर्शन करने का विशेष महत्व रहा है। पूरे साल में केवल एक यही दिन होता है, जब चंद्रमा अपनी 16 कलाओं के साथ होता है और इसी दिन चंद्र ग्रहण भी लग रहा है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की जो किरणें धरती पर पड़ती हैं, उनको अमृत के समान माना जाता है। शरद पूर्णिमा के दिन रात में चंद्रमा की किरणों के सामने खीर को रखा जाता है, लेकिन आज चंद्र ग्रहण की वजह से ऐसा नहीं होगा क्योंकि चंद्र ग्रहण के समय भोजन करना वर्जित है।
चंद्र ग्रहण के समय करें ये उपाय
- चंद्र ग्रहण के समय या बाद में दान पुण्य करना बहुत उत्तम माना गया है, ऐसा करने से ग्रहण दोष से मुक्ति मिलती है।
- ग्रहण के समय चंद्रमा से संबंधित या राशि अनुसार मंत्रों का जप करना चाहिए। साथ ही 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।
- ग्रहण से पहले चांदी के लोटे में शक्कर, दूध, चावल मिलाकर अर्घ्य देना चाहिए, ऐसा करने से कई लाभ मिलते हैं।
- ग्रहण खत्म हो जाने के बाद पूरे घर की साफ सफाई करनी चाहिए और गंगाजल से छिड़काव करना चाहिए।
- चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को सावधानी बरतनी चाहिए। उन्हें चंद्र ग्रहण नहीं देखना चाहिए और मानसिक जप करना चाहिए।