शुभांशु शुक्ला सहित सभी अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर लौटे, स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल की कैलिफोर्निया के तट पर लैंडिंग, पीएम मोदी ने जताया हर्ष
नई दिल्ली, 15 जुलाई। भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की 18 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा का समापन हो गया है। शुभांशु सहित सभी चार अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन कैप्सू लगभग 23 घंटे के सफर बाद भारतीय समयानुसार मंगलवार को अपराह्न 3:00 बजे कैलिफोर्निया के समुद्र तट पर लैंड किया। चारों एस्ट्रोनॉट एक सोमवार को भातयीय समयानुसार 4:35 बजे आईएसएस से पृथ्वी के लिए रवाना हुए थे।

मिशन गगनयान की दिशा में एक और ‘मील का पत्थर’
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैप्टन शुभांशु शुक्ला की सकुशल वापसी पर हर्ष जताया है। उन्होंने अंतरिक्ष से धरती पर लौटने की इस यात्रा को मील का पत्थर करार दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स प्लेटफॉर्म के जरिए कहा, “मैं पूरे देश के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूं, जो अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से पृथ्वी पर लौट आए हैं। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा करने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में, उन्होंने अपने समर्पण, साहस और अग्रणी भावना से करोड़ों सपनों को प्रेरित किया है। यह हमारे अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान की दिशा में एक और मील का पत्थर है।”
I join the nation in welcoming Group Captain Shubhanshu Shukla as he returns to Earth from his historic mission to Space. As India’s first astronaut to have visited International Space Station, he has inspired a billion dreams through his dedication, courage and pioneering…
— Narendra Modi (@narendramodi) July 15, 2025
The moment when India's first ISRO astronaut Shubhanshu Shukla return to earth from his mission to Space!
Our PM Narendra Modiji tweeted and congratulate him! #ShubhanshuShukla #SpaceX #ISRO #astronaut #Axiom #AxiomMission4 #Earth #Bharat #narendramodi #PMModi pic.twitter.com/Uyo5myPkU0
— BJP Andaman Nicobar (@BJP4AnN) July 15, 2025
वहीं, स्पेसएक्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “ड्रैगन के सुरक्षित उतरने की पुष्टि हो गई है। एस्ट्रोपैगी, शक्स, एस्ट्रो_स्लावोज और टिबी, पृथ्वी पर आपका स्वागत है!”
Splashdown of Dragon confirmed – welcome back to Earth, @AstroPeggy, Shux, @astro_slawosz, and Tibi!
— SpaceX (@SpaceX) July 15, 2025
स्पेसक्राफ्ट 26 जून को आईएसएस की ओर रवाना हुआ था
कैप्टन शुभांशु शुक्ला, अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पेगी ह्विटसन, पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू 26 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की ओर रवाना हुए थे। वह राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय बने हैं। राकेश शर्मा ने यह यात्रा 1984 में की थी।
अंतरिक्ष यान के वायुमंडल में प्रवेश करते वक्त 7 मिनट तक यान से संपर्क टूटा रहा
जब अंतरिक्ष यान पृथ्वी के वातावरण में लौट रहा था, तो 18 मिनट का डी-ऑर्बिट बर्न हुआ, जो प्रशांत महासागर के ऊपर हुआ। इस दौरान यान ने पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकलने की प्रक्रिया शुरू की। अंतरिक्ष यान के वायुमंडल में प्रवेश करते समय, करीब सात मिनट तक यान से संपर्क टूट गया था । इसे ब्लैकआउट पीरियड कहा जाता है। यह आमतौर पर उस समय होता है, जब यान तेज गति और गर्मी के कारण सिग्नल नहीं पकड़ पाता।
Watch Dragon and Ax-4 return to Earth https://t.co/n97iYzRQv5
— SpaceX (@SpaceX) July 15, 2025
यान की सफल लैंडिंग के दौरान पैराशूट दो चरणों में खोले गए
वापसी की प्रक्रिया में यान के ट्रंक (पिछला हिस्सा) को अलग किया गया और हीट शील्ड को सही दिशा में लगाया गया, ताकि यान को वायुमंडल में प्रवेश करते समय सुरक्षा मिल सके। उस समय यान को करीब 1,600 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी का सामना करना पड़ा। अंतरिक्ष यान की सफल लैंडिंग के दौरान पैराशूट दो चरणों में खोले गए।
ड्रैगन यान ने दूसरी बार कैलिफोर्निया के तट पर लैंडिंग की
स्पेसएक्स ने बताया कि अप्रैल में एफआरसीएम-2 मिशन के जरिए ड्रैगन यान को पहली बार पश्चिमी तट (कैलिफोर्निया) पर उतारा गया था। यह दूसरा मौका था, जब ड्रैगन यान ने इंसानों को लेकर कैलिफोर्निया के तट पर लैंडिंग की। इससे पहले, स्पेसएक्स के ज्यादातर स्प्लैशडाउन (समुद्र में उतरने) अटलांटिक महासागर में होते थे।
शुभांशु ने अंतरिक्ष प्रवास के दौरान 310 से ज्यादा बार पृथ्वी की परिक्रमा की
आईएसएस पर अपने दो सप्ताह से अधिक के प्रवास के दौरान, शुभांशु शुक्ला ने कुल 310 से ज्यादा बार पृथ्वी की परिक्रमा की और लगभग 1.3 करोड़ किलोमीटर की दूरी तय की। यह दूरी पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी से 33 गुना अधिक है, जो अपने आप में एक शानदार उपलब्धि है। अंतरिक्ष मिशन के दौरान चालक दल ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से 300 से ज्यादा सूर्योदय और सूर्यास्त देखे — जो पृथ्वी की तेज परिक्रमा की वजह से संभव हुआ।
शुभांशु ने सभी नियोजित वैज्ञानिक गतिविधियां सफलतापूर्वक पूरी कीं
इसी बीच, इसरो ने सोमवार को बताया कि शुभांशु शुक्ला ने अपने मिशन के दौरान सभी सात सूक्ष्म-गुरुत्व प्रयोग और अन्य नियोजित वैज्ञानिक गतिविधियां सफलतापूर्वक पूरी कर ली हैं। इसरो ने इसे ‘मिशन की एक बड़ी उपलब्धि’ बताया है।
