मुख्तार अंसारी के परिवारीजनों से मिले अखिलेश यादव, सपा प्रमुख ने सच्चाई सामने आने की जताई उम्मीद
लखनऊ, 7 अप्रैल। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव रविवार को गाजीपुर के मोहम्मदाबाद पहुंचे, जहां पूर्व विधायक स्व. मुख्तार अंसारी के आवास पर जाकर उनके परिवारीजनों से मुलाकात की एवं शोक संवेदना व्यक्त की। मुख्तार अंसारी की गत 28 मार्च को बांदा में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी।
मुख्तार अंसारी के परिजनों से मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने कहा, ‘मैं इस दुख की घड़ी में (मुख्तार अंसारी के) परिवार के सभी सदस्यों से मिला…जो घटना हुई, वो सबके लिए चौंकाने वाली थी…हमें उम्मीद है कि सरकार सच्चाई सामने लाएगी और परिवार को न्याय मिलेगा। जब से भाजपा की सरकार आई है, तब से संस्थाओं पर भरोसा कम हुआ है…लोग अपने न्याय के लिए आत्मदाह तक कर रहे हैं…आखिरकार सरकार क्या चाहती है?’
वक़्त देता है दिलासा देकर हाथों में हाथ
यकीन रखो करेगा ऊपरवाला ही इंसाफ़ pic.twitter.com/oCLF33UP0n— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 7, 2024
अखिलेश यादव ने कहा, ‘जो व्यक्ति इतने वर्षों जेल में रहा हो, उसके बाद भी जनता जिता रही हो, इसका मतलब उस व्यक्ति ने जनता के बीच में रहकर उसका दु:ख दर्द बांटा है। मुख्तार अंसारी ने खुद कहा कि उन्हें जहर दिया जा रहा है और वही बात सामने आई। हमें उम्मीद है कि सरकार सच्चाई सामने लाएगी और परिवार को न्याय मिलेगा।’
सपा प्रमुख ने कहा, ‘जब से भाजपा की सरकार आई है, तब से इंस्टीट्यूशंस पर भरोसा कम हुआ है। मुख्तार अंसारी के दादा नाना का योगदान क्या देश की आजादी में नहीं रहा? क्या प्रशासन और सरकार भेदभाव नहीं कर रही? क्या हम आप ये स्वीकार कर लेंगे कि नेचुरल डेथ थी?’
“मुख्तार अंसारी ने खुद कहा कि उसको ज़हर दिया जा रहा है और वही बात सामने आई। हमें उम्मीद है कि सरकार सच्चाई सामने लाएगी और परिवार को न्याय मिलेगा। जब से भाजपा की सरकार आई है तब से इंस्टीट्यूशंस पर भरोसा कम हुआ है।”
– माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी, गाज़ीपुर pic.twitter.com/CjfY0HaqGB
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) April 7, 2024
गौरतलब है कि गत 28 मार्च को मुख्तार अंसारी की हुई मौत के मामले की न्यायिक जांच के लिए एक अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को नामित किया गया है। मुख्तार अंसारी को तबीयत बिगड़ने के बाद बांदा जिला जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था, जहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई थी। बांदा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) भगवान दास गुप्ता की ओर से जारी आदेश के मुताबिक मामले की जांच के लिए गरिमा सिंह, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सांसद-विधायक अदालत बांदा) को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।