
नई दिल्ली, 10 जुलाई। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा है कि ‘अग्निपथ’ योजना भारतीय वायु सेना के लिए भविष्य में ‘छोटे और घातक’ बल के साथ सर्वश्रेष्ठ सैन्यशक्ति साबित होगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नए भर्ती मॉडल से एयरफोर्स की क्षमता पर भी कोई असर नहीं होगा।
अग्निपथ भर्ती योजना के लिए बनाई गई हैं कुल 13 टीमें
एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने रविवार को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि ‘अग्निपथ’ भर्ती योजना के लिए कुल 13 टीमें बनाई गई हैं, जो चार वर्षों की नियुक्ति के लिए आने वाले एयरफोर्स के जवानों के नामांकन, मूल्यांकन और प्रशिक्षण का विशेष ध्यान रखेंगी। इस योजना में प्रशिक्षित सैनिकों को किसी तरह की पेंशन या अन्य सुविधाएं नहीं मिलेंगी, लेकिन उनके लिए आकस्मिक निधि की व्यवस्था जरूर की गई है।
उन्होंने कहा, ‘अग्निपथ योजना भारतीय वायुसेना की मानक क्षमताओं के अनुरूप अभियानों को आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगी। इसे लागू करने के लिए लगभग एक दशक से सेना के मानव संसाधन नीतियों और संगठनात्मक संरचनाओं की समीक्षा की जा रही थी।’
3000 पदों के लिए लगभग 7,50,000 उम्मीदवारों ने कराया पंजीकरण
इस नई योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसके तहत भारतीय वायुसेना में लगभग 3000 पदों के लिए लगभग 7,50,000 उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया है। वायु सेना प्रमुख ने कहा, ‘यह योजना भारतीय वायु सेना के सर्वश्रेष्ठ मानव संसाधन के साथ-साथ एक छोटी और घातक सुरक्षा बल को तैयार करने में सहायक साबित होगी क्योंकि हम पूरे विश्वास और दृढ़ता से मानते हैं कि मशीन के पीछे पुरुष और महिलाएं सभी फर्क करते हैं।’
यह योजना युवाओं को अनुभव के साथ मिलाकर सैन्य बलों को संतुलन प्रदान करेगी
वायुसेना प्रमुख ने कहा, ‘नई योजना से एयरफोर्स की क्षमता पर कोई असर नहीं होगा बल्कि वास्तव में यह सशस्त्र बलों में भर्ती होने के लिए युवा प्रतिभाओं को आकर्षित करने और राष्ट्र की सेवा करने के इच्छुक युवाओं के जोड़ने के लिए ब्रिज की तरह काम करेगा। यह योजना युवाओं को अनुभव के साथ मिलाकर हमारे बलों को संतुलन प्रदान करेगी और भारतीय वायुसेना को अपनी सभी राष्ट्रीय सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने में सक्षम बनाएगी।’
मालूम हो कि बीते 14 जून को केंद्रीय रक्षा मंत्रालय द्वारा घोषित इस योजना में केवल चार वर्ष के लिए 17 और 21 वर्ष की आयु वर्ग के बीच के युवाओं की भर्ती करना था, जिसमें से 25 फीसदी 15 वर्षों के लिए रखना था, जबकि 75 फीसदी को चार साल के बाद रिटायर कर देना था। लेकिन देश में इस योजना के खिलाफ उभरे असंतोष को शांत करने के लिए केंद्र सरकार ने साल 2022 के अग्निपथ योजना के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया था।