ग्वालियर (मध्य प्रदेश), 26 दिसंबर। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को संशोधित रूप में फिर से पेश नहीं करेगी। तोमर की ओर से यह सफाई कांग्रेस के इस आरोप के बाद आया है कि केंद्र सरकार पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के बाद संशोधन के साथ तीन कृषि कानूनों (जो अब निरस्त कर दिया गया है) को वापस लाने की योजना बना रही है।
कृषि मंत्री से नागपुर में दिए गए उनके बयान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘मैंने कहा था कि सरकार ने अच्छे (कृषि) कानून बनाए हैं। किन्हीं कारणों से हम उन्हें वापस ले गए। सरकार किसानों के कल्याण के लिए काम करती रहेगी।’ तोमर ने नागपुर में शुक्रवार को एक कार्यक्रम में कहा था, ‘सरकार निराश नहीं है। हम एक कदम पीछे हटे और हम फिर आगे बढेंगे क्योंकि किसान भारत की रीढ़ की हड्डी हैं।’
कांग्रेस ने कृषि कानूनों को वापस लाने की साजिश का लगाया था आरोप
इसके बाद कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने तोमर के ‘केंद्र फिर से आगे बढ़ेगा’ बयान का हवाला देते हुए कहा था कि तोमर के बयान ने एक बार फिर केंद्र की किसान विरोधी कानूनों को वापस लाने की साजिश को उजागर किया है। यह साफ है कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद केंद्र सरकार तीन काले कानूनों को एक नए रूप में वापस लाने की योजना बना रही है और यह काम वह पूंजीपतियों के दबाव में कर रही है।
कांग्रेस नेता ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माफी मांगी थी और पांच राज्यों के चुनाव में हार के डर से संसद में तीन काले कानूनों को निरस्त कर दिया था। इसी क्रम में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि देश के कृषि मंत्री ने मोदी जी की माफी का अपमान किया है, ये बेहद निंदनीय है। अगर फिर से कृषि विरोधी कदम आगे बढ़ाए तो फिर से अन्नदाता सत्याग्रह होगा। पहले भी अहंकार को हराया था, फिर हराएंगे!