इजराइल व हमास के बीच युद्ध विराम पर बनी सहमति, जल्द रिहा होंगे बंधक
तेल अवीव, 15 जनवरी। इजराइल और हमास के बीच 15 माह से जारी युद्ध के बाद संघर्ष विराम और गाजा बंधक समझौते पर सहमति बन गई है। अधिकारियों का कहना है कि संघर्ष विराम की जल्द औपचारिक घोषणा की जा सकती है। इसमें छह सप्ताह का प्रारंभिक चरण शामिल है। इस दौरान इजराइली सेना गाजा से धीरे-धीरे पीछे हटेगी और हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों को रिहा किया जाएगा। इसके बदले में इजराइल भी फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा।
इजराइल ने 7 अक्टूबर, 2023 को गाजा में शुरू की थी सैन्य काररवाई
उल्लेखनीय है कि इजराइल ने सात अक्तूबर, 2023 को हमास के हमलों के बाद गाजा में सैन्य काररवाई शुरू कर दी थी। उसके बाद लगभग 15 माह से जारी युद्ध के दौरान हजारों फिलिस्तीनियों की जान गई और पूरा मध्य पूर्व क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ। फिलहाल इस समझौते से गाजा पट्टी में लड़ाई रुकने और इजराइल और हमास के बीच अब तक के सबसे घातक और विनाशकारी युद्ध के समाप्त होने की उम्मीद है।
मिस्र व कतर के मध्यस्थों द्वारा अमेरिका के समर्थन से हुआ समझौता
यह समझौता मिस्र और कतर के मध्यस्थों द्वारा अमेरिका के समर्थन से हुआ है। यह फैसला अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 20 जनवरी के शपथ ग्रहण से पहले हुआ है। हमास ने इस समझौते और बंधकों की वापसी के लिए मौखिक सहमति दी है और जल्द ही लिखित मंजूरी देने की उम्मीद है। इजराइली विदेश मंत्री गिदोन सार इस समझौते पर चर्चा के लिए यूरोप से इजराइल लौट आए हैं।
यह समझौता कब प्रभावी होगा?
हालांकि इस योजना को अभी इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सुरक्षा मंत्रिमंडल और फिर उनके पूर्ण मंत्रिमंडल से अनुमोदन की आवश्यकता है। दोनों पर नेतन्याहू के सहयोगियों का प्रभुत्व है और उनके द्वारा प्रस्तुत किसी भी प्रस्ताव को मंजूरी देने की संभावना है।
युद्ध में 1,200 इजराइली व 46,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं
कुल मिलाकर देखें तो 7 अक्टूबर, 2023 को हुए हमास के हमले के 15 माह बाद हुआ समझौता एक महत्वपूर्ण कदम है जिसमें 1,200 इजराइली मारे गए और 250 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया था। इस युद्ध में 46,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए और हजारों लोग अस्थायी शिविरों में रहने को मजबूर हैं।
इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के लिए राहत ला सकता यह समझौता
देखा जाए तो संघर्ष विराम का उद्देश्य पूरे क्षेत्र में बढ़ते तनाव को कम करना भी है क्योंकि यह संघर्ष लेबनान, इराक और यमन तक फैल गया था। यह समझौता इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के लिए राहत ला सकता है, जिन्हें अक्टूबर हमले के दौरान सुरक्षा विफलता के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। साथ ही बंधकों की रिहाई से इजराइल में जनता का गुस्सा कम होने की उम्मीद है।