शेयर बाजार : सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचने के बाद फिसला बाजार, सेंसेक्स 931 अंक टूटा, निफ्टी भी 1.41 फीसदी गिरा
मुंबई, 20 दिसम्बर। भारतीय शेयर बाजार में बुधवार को काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। बीएसई और एनएसई के मानक सूचकांक शुरुआती कारोबार में अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचे थे, लेकिन तभी मुनाफावसूली का सिलसिला शुरू हुआ और अंत में सेंसेक्स व निफ्टी दोनों 1.30 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट के साथ बंद हुए।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 930.88 अंक यानी 1.30 प्रतिशत टूटकर 70,506.31 पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 302.95 अंक यानी 1.41 प्रतिशत गिरकर 21,150.15 अंक पर आ गया।
हालांकि कारोबारी सप्ताह के तीसरे दिन की शुरुआत तेजी के साथ हुई थी और सेंसेक्स जल्द ही 475.88 अंक यानी 0.66 प्रतिशत तक उछलकर 71,913.07 अंक के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया। लेकिन ऊंचे स्तर पर चौतरफा बिकवाली का जोर रहने से सेंसेक्स लुढ़कते हुए 70,302.60 के निचले स्तर तक गिर गया। कारोबार के अंत में यह 70,506.31 अंक पर बंद हुआ।
वहीं निफ्टी में भी इसी तरह का रुझान देखा गया। कारोबार की शुरुआत में निफ्टी 139.9 अंक यानी 0.65 प्रतिशत चढ़कर 21,593 के अपने रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया। लेकिन निवेशकों के मुनाफावसूली करने से यह भी 21,150.15 अंक पर बंद हुआ।
एचडीएफसी को छोड़ सेंसेक्स में शामिल अन्य 29 कम्पनियों के शेयर गिरे
चौतरफा गिरावट की हालत यह रही कि रहा कि सेंसेक्स में शामिल 30 कम्पनियों में से सिर्फ एचडीएफसी बैंक ही बढ़त में रहा। बाकी सभी 29 कम्पनियों के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए। टाटा स्टील में सबसे अधिक 4.21 प्रतिशत की गिरावट रही। एनटीपीसी, टाटा मोटर्स, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारतीय स्टेट बैंक, पावर ग्रिड, टेक महिंद्रा, लार्सन एंड टुब्रो और जेएसडब्ल्यू स्टील में भी गिरावट आई। व्यापक बाजार में बीएसई स्मॉलकैप में 3.42 प्रतिशत और मिडकैप में 3.12 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज की गई।
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग सकारात्मक दायरे में रहे जबकि चीन का शंघाई कम्पोजिट नुकसान के साथ बंद हुआ। यूरोप के अधिकतर बाजार गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। वहीं मंगलवार को अमेरिकी बाजारों में तेजी दर्ज की गई थी।
कच्चे तेल की कीमतों में तेजी मुनाफावसूली की वजह बनी
विशेषज्ञों का मानना है कि मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों का मूल्यांकन अधिक हो जाने से उनमें निवेशकों ने मुनाफा वसूली की। कच्चे तेल की कीमतों में तेजी ने भी निवेशकों को मुनाफावसूली के लिए प्रेरित किया। अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.76 प्रतिशत की बढ़त के साथ 79.83 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। वहीं शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 601.52 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिकवाली की।