पाकिस्तान के हवाई हमले के बाद तालिबान ने किया हमले का एलान, 15000 लड़ाके युद्ध को निकले
काबुल/इस्लामाबाद, 26 दिसम्बर। पाकिस्तानी वायुसेना के लड़ाकू विमानों के अफगानिस्तान में पाकटीका प्रांत में चार जगहों पर जोरदार हवाई हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव गहराता जा रहा है। पाकिस्तानी सेना ने दावा किया है कि उसने अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान (TTP) के आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया है। वहीं तालिबानी सरकार और टीटीपी आतंकियों ने दावा किया है कि इस पाकिस्तानी हमले में करीब 50 लोग मारे गए हैं, जो शरणार्थी थे और मरने वालों में महिलाएं तथा बच्चे भी शामिल हैं।
टीटीपी ने पाकिस्तान की तुलना इजराइल से की
टीटीपी के एक कमांडर ने अब एक वीडियो जारी करके पाकिस्तानी सेना की तुलना इजराइल से की है और उसके खिलाफ जोरदार हमले शुरू करने का एलान किया है।
टीटीपी के कमांडर ने पाकिस्तानी सेना को चेतावनी दी कि वह भीषण हमलों के लिए तैयार रहे। टीटीपी कमांडर ने पाकिस्तानी सेना और सरकार को ‘एक दूसरा इजराइल’ करार दिया। उसने कहा कि पाकिस्तानी सेना के खिलाफ उनकी काररवाई जिहाद का हिस्सा है।
टीटीपी कमांडर की चेतावनी – पाक सेना भीषण हमलों के लिए तैयार रहे
इस बीच तालिबानी रक्षा मंत्रालय ने भी पाकिस्तान की सीमा पर बड़े पैमाने पर हथियार और एयर डिफेंस तोपों को भेजा है। तालिबानी रक्षा मंत्री और मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला याकूब ने एलान किया है कि पाकिस्तानी सेना को इस हमले का करारा जवाब दिया जाएगा। यह रिपोर्ट भी सामने आई है कि 15 हजार तालिबान लड़ाके पाकिस्तान की तरफ निकल चुके हैं। यह दक्षिण एशिया में युद्ध का नया आगाज हो सकताहै।
पाकिस्तान पर तालिबानी सरकार आगबबूला
वहीं अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भी पाकिस्तान के काबुल स्थित दूतावास प्रभारी को तलब किया है और अफगानिस्तान के अंदर हवाई हमला करने का कड़ा विरोध दर्ज कराया है। पाकिस्तान की सरकार ने अब तक इस पूरे मामले में चुप्पी साध रखी है। पाकिस्तानी सूत्रों का कहना है कि जिस समय यह हमला किया गया, उस समय टीटीपी के आतंकी बड़े पैमाने पर जुटे हुए थे। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक हाल ही में पाकिस्तान के 16 सैनिकों की टीटीपी ने हत्या कर दी थी, इसके जवाब में पाकिस्तानी सेना ने यह हमला किया।
इससे पहले मार्च महीने में भी पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों ने अफगानिस्तान के अंदर बड़ा हमला बोला था। इसमें हाफिज गुल बहादुर ग्रुप को निशाना बनाया गया था। उस दौरान पाकिस्तान ने पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था कि उसने अफगानिस्तान के अंदर हवाई हमला किया है। पाकिस्तान ने यह ताजा हमला उस समय किया है, जब उसके दूत काबुल में ही थे और वह शांति कायम कराने के लिए गए थे।
तलिबानी इसे विश्वासघात की तरह से देख रहे हैं। तालिबान ने कहा है कि इस हमले में मारे गए लोग पाकिस्तान के ही रहने वाले थे और उन्होंने यहां पर शरण ले रखी थी। तालिबानी सरकार ने कहा है कि वह अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता का रक्षा करेगी।