झारखंड : झामुमो प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल रमेश बैस से की मुलाकात, कहा – जल्द स्थिति स्पष्ट करेंगे
रांची, 1 सितम्बर। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अयोग्यता को लेकर राजभवन की ओर से संभावित फैसले को लेकर जारी अटकलों के बीच गुरुवार की शाम सत्तासीन झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) व कांग्रेस के प्रतिनिधिमंड ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने सीएम हेमंत सोरेन के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट केस में राज्यपाल से जल्द स्थिति स्पष्ट करने की अपील की। साथ ही राज्य में उहापोह की स्थिति जल्द खत्म करने का भी आग्रह किया। यूपीए नेताओं की ओर से राज्यपाल को एक ज्ञापन भी सौंपा गया, जिसमें कई बातें उठाई गई हैं।
जेएमएम महासचिव सुप्रियो बोले – राज्यपाल को यथाशीघ्र स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए
जेएमएम के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया से कहा, ‘राज्यपाल महोदय ने साफ किया है कि हमे चुनाव आयोग से एक पत्र मिला है, जिसपर कानूनी राय लेने के बाद स्थिति साफ कर दी जाएगी। हमने उनसे कहा कि राज्य में राजनीतिक अस्थिरता है। जिस तरह से शासन-प्रशासन यहां पर काम कर रहा है, उससे ये तो साफ है कि राज्य में हॉर्स ट्रेडिंग का माहौल बनाया जा रहा है। ऐसे में राज्यपाल को चाहिए कि वो जल्द से जल्द स्थिति को साफ करें।’
सुप्रियो भट्टाचार्य की अगुआई में राज्यपाल से मिले 10 सदस्यीय यूपीए शिष्टमंडल में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू, जेएमएम के राजमहल सांसद विजय हांसदा भी शामिल हुए। जेएमएम की राज्यसभा सांसद महुआ मांजी और कांग्रेस की चाईबासा सांसद गीता कोड़ा भी इसमें शामिल थी।
उधर, राज्यपाल रमेश बैस ने कहा, ‘मुझे चुनाव आयोग की तरफ से एक पत्र मिला है। राजभवन दो-तीन बिंदुओं पर स्टडी कर रहा है। जल्द ही स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी।’ गौरतलब है कि हेमंत सोरेन के खिलाफ लाभ के पद मामले में हाल ही में चुनाव आयोग ने अपनी सिफारिश राज्यपाल को भेजी थी। इसमें सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद करने की सलाह दी गई थी, लेकिन राज्यपाल ने अब तक इस मामले में कोई फैसला नहीं लिया है।
सीएम हेमंत सोरेन के एक विधायक के रूप में भविष्य को लेकर बनी अनिश्चितता के चलते झारखंड में राजनीतिक संकट गहराया हुआ है। सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ‘खरीद फरोख्त’ के प्रयासों से बचाने के लिए छत्तीसगढ की राजधानी रायपुर के एक रिसॉर्ट में भेजा जा चुका है और उभरती परिस्थिति से निबटने के लिए रणनीतिक तैयारी के बैठकों का दौर जारी है।