1. Home
  2. हिन्दी
  3. राजनीति
  4. अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद गुजरात के पूर्व सीएम शंकर सिंह वाघेला बोले – सपा बड़ी भूमिका निभाने में सक्षम
अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद गुजरात के पूर्व सीएम शंकर सिंह वाघेला बोले – सपा बड़ी भूमिका निभाने में सक्षम

अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद गुजरात के पूर्व सीएम शंकर सिंह वाघेला बोले – सपा बड़ी भूमिका निभाने में सक्षम

0
Social Share

लखनऊ, 28 जून। भाजपा और मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की शुरू हुई मुहिम कितनी सफल होगी, यह तो वक्त बताएगा। फिलहाल गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला ने बुधवार को समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से लखनऊ में मुलाकात की।

कभी भाजपा के कद्दावर नेताओं में शुमार किए जाने वाले वाघेला और सपा प्रमुख अखिलेश ने मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की और भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए विपक्षी एकता की संभावनाओं पर विचार विमर्श किया। इस बैठक के बाद वाघेला ने कहा कि सपा बड़ी भूमिका निभाने में सक्षम है और यूपी में भाजपा को सपा ही चुनौती देगी।

वहीं सपा मुखिया ने कहा कि बढ़ती महंगाई के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार है। भाजपा सरकार को गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों की चिंता नहीं है। डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस के दाम बढ़ाकर सरकार ने जनता के घरेलू बजट को बिगाड़ दिया है। खाने पीने की चीजों के अलावा दूध के दाम भी बढ़ गए। बसों का किराया बढ़ा दिया गया। पढ़ाई-लिखाई महंगी हो गयी है। बाजार पर उसका कोई नियंत्रण नहीं है। महंगाई कम करने को लेकर भाजपा ने जनता से झूठे वादे किए।

कभी आरएसएस, जनसंघ और भाजपा के मजबूत स्तंभ थे वाघेला

शंकर वाघेला की बात करें तो वह जनसंघ में शामिल होने से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सक्रिय सदस्य थे। इंदिरा गांधी के आपातकाल के दौरान उन्हें जेल में डाल दिया गया था। आपातकाल हटने के बाद वह कपडवंज से जनता पार्टी के टिकट पर छठी लोकसभा के लिए चुने गए, लेकिन 1980 के चुनाव में वह सीट हार गए।

वह गुजरात में जनता पार्टी के उपाध्यक्ष थे और 1980 से 1991 तक वह गुजरात में भाजपा के महासचिव और अध्यक्ष भी बने। वह 1984 से 1989 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। 1989 में वह गांधीनगर से सांसद बने। 1991 में गोधरा से सांसद चुने गए।

वाघेला 1995 में मुख्यमंत्री पद की रेस में केशुभाई पटेल से पिछड़ गए थे

1995 में भाजपा ने 182 सदस्यीय विधानसभा में 121 सीटों पर जीत हासिल की। पार्टी के कई विधायकों ने वाघेला को सीएम के रूप में प्राथमिकता दी, लेकिन भाजपा नेतृत्व ने केशुभाई पटेल को मुख्यमंत्री बनाया। कहा जाता है कि मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी ने उस समय वाघेला की जगह केशुभाई पटेल के पीछे अपना पूरा जोर लगा दिया था और वाघेला ने मोदी पर कई आरोप लगाए थे।

पीएम मोदी के धुर विरोधी रहे हैं वाघेला

सितम्बर 1995 में वाघेला ने 47 विधायकों के समर्थन के साथ भाजपा नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह कर दिया। बाद में समझौता हुआ और केशुभाई पटेल की जगह वाघेला के करीबी सुरेश मेहता को मुख्यमंत्री बनाया गया। समझौते के तौर पर मोदी को भाजपा ने गुजरात के बाहर की जिम्मेदारी सौंप दी।

मई, 1996 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद समर्थकों संग छोड़ दी थी भाजपा

वाघेला मई, 1996 के लोकसभा चुनाव में गोधरा सीट हार गए और जल्द ही अपने समर्थकों के साथ भाजपा छोड़ दी। इससे सुरेश मेहता की सरकार गिर गई। उन्होंने राष्ट्रीय जनता पार्टी नाम से अपनी पार्टी बनाई और अक्टूबर, 1996 में कांग्रेस पार्टी के समर्थन से मुख्यमंत्री बने।

अक्टूबर, 1996 में कांग्रेस पार्टी के समर्थन से मुख्यमंत्री बने

शंकर सिंह वाघेला ने 1997 की शुरुआत में राधनपुर सीट से गुजरात विधानसभा के लिए उपचुनाव जीता। अक्टूबर, 1997 में गुजरात में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के दौरान उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। उनके साथी दिलीप पारिख सीएम बने।

एक वर्ष में ही सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा, अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय किया

हालांकि पारिख की सरकार भी लंबे समय तक नहीं चली और 1998 में गुजरात विधानसभा के लिए नए चुनाव कराने पड़े। वाघेला ने उस बार चुनाव नहीं लड़ा। उन्होंने अपनी नई पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया। 1998 में गुजरात में बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापस आई और केशुभाई पटेल दोबारा सीएम बने।

नरेंद्र मोदी की गुजरात में वापसी, वाघेला केंद्र की कांग्रेस सरकार में कपड़ा मंत्री बने

एक तरफ नरेंद्र मोदी की गुजरात में वापसी हुई और दूसरी तरफ वाघेला कांग्रेस की तरफ से केंद्र में पहुंच गए। वाघेला को मनमोहन सिंह की सरकार में कपड़ा मंत्री बनाया गया। अब वह कांग्रेस में एक प्रमुख राजनेता के रूप में स्थापित हो चुके थे। बाद में उन्हें गुजरात विधान सभा में विपक्ष का नेता बनाया गया। उन्होंने गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है।

जुलाई, 2017 में फिर पलटी मारी और कांग्रेस छोड़ दी

इसी बीच वाघेला ने एक बार फिर पलटी मारी। जुलाई, 2017 उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने और कुछ अन्य कांग्रेस विधायकों ने राज्यसभा के लिए कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल के खिलाफ मतदान किया और भाजपा उम्मीदवार का समर्थन किया।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code