अडानी समूह का बयान – ‘गौतम अडानी व सागर अडानी पर FCPA के किसी भी उल्लंघन का आरोप नहीं’
मुंबई, 27 नवम्बर। अडानी समूह ने स्पष्ट किया है कि भारतीय अरबपति गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर रिश्वतखोरी के मामले में अमेरिकी अधिकारियों द्वारा अदालत में दायर अभियोग में अमेरिकी विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (FCPA) के किसी भी उल्लंघन का आरोप नहीं लगाया गया है।
अमेरिकी न्याय विभाग ने अदालत में दायर किया है अभियोग
उल्लेखनीय है कि पोर्ट-टू-एनर्जी समूह के संस्थापक अध्यक्ष गौतम अडानी, सागर अडानी और एक अन्य प्रमुख कार्यकारी विनीत जैन पर अमेरिकी न्याय विभाग ने सौर बिजली की आपूर्ति के लिए अनुबंध जीतने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रिश्वत देने की कथित योजना का हिस्सा होने का आरोप लगाया है, जिससे 20 वर्षों की अवधि में दो बिलियन अमेरिकी डॉलर का लाभ होगा।
अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में दी जानकारी
रिश्वतखोरी के आरोपों के केंद्र में अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि तीनों पर एफसीपीए उल्लंघन का आरोप लगाने वाली रिपोर्ट गलत हैं। उन पर ऐसे अपराधों का आरोप लगाया गया है, जिनके लिए आर्थिक जुर्माना या दंड का प्रावधान है। गौतम अडानी, सागर अडानी और विनीत जैन पर अमेरिकी न्याय विभाग के अभियोग या अमेरिकी एसईसी की सिविल शिकायत में निर्धारित एफसीपीए के किसी भी उल्लंघन का आरोप नहीं लगाया गया है।
निदेशकों पर आपराधिक अभियोग में तीन मामलों में आरोप लगाए गए हैं
फाइलिंग में कहा गया है, ‘इन निदेशकों पर आपराधिक अभियोग में तीन मामलों में आरोप लगाए गए हैं – (i) कथित प्रतिभूति धोखाधड़ी की साजिश, (ii) कथित वायर धोखाधड़ी की साजिश, और (iii) कथित प्रतिभूति धोखाधड़ी।’ अडानी समूह ने सभी आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि वह अपने बचाव के लिए हर संभव कानूनी उपाय करेगा। गौतम अडानी, सागर अडानी और विनीत जैन के खिलाफ यूएसए के मामले में न्याय विभाग द्वारा न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के संयुक्त राज्य जिला न्यायालय के समक्ष आपराधिक अभियोग दायर किया गया है।
अभियोग में किसी भी जुर्माने/दंड की मात्रा का उल्लेख नहीं किया गया
कम्पनी ने कहा, ‘अभियोग में किसी भी जुर्माने/दंड की मात्रा का उल्लेख नहीं किया गया है।’ इसमें कहा गया है कि सिविल शिकायत में आरोप लगाया गया है कि अधिकारियों ने प्रतिभूति अधिनियम 1933 और प्रतिभूति अधिनियम 1934 की कुछ धाराओं का उल्लंघन किया है और अदानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड को अधिनियमों के उल्लंघन में सहायता और प्रोत्साहन दिया है। हालांकि शिकायत में प्रतिवादियों को सिविल मौद्रिक दंड का भुगतान करने का निर्देश देने के लिए आदेश देने की मांग की गई है, लेकिन इसमें जुर्माने की राशि का निर्धारण नहीं किया गया है।
