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हिंडनबर्ग के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेगा अडानी समूह, अमेरिकी लॉ फर्म ‘वॉचटेल’ की सेवाएं लेगा

हिंडनबर्ग के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेगा अडानी समूह, अमेरिकी लॉ फर्म ‘वॉचटेल’ की सेवाएं लेगा

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नई दिल्ली,10 फरवरी। अडानी समूह ने अमेरिकी वित्तीय शोध और निवेश कम्पनी हिंडनबर्ग के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने का फैसला किया है। इसके लिए इसके लिए अडानी समूह अमेरिकी लॉ फर्म ‘वॉचटेल’ की सेवाएं लेगा। ज्ञातव्य है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों की कीमत में भारी गिरावट हुई थी और समूह को काफी कारोबारी घाटा उठाना पड़ा है।

अडानी समूह ने हिंडनबर्ग के खिलाफ कानूनी लड़ाई के लिए जिस अमेरिका लॉ फर्म ‘वॉचटेल’ को चुना है, वह दुनियाभर में विवादित मामलों में कानूनी सेवाएं देने के लिए ही जानी जाती है। अडानी समूह न्यूयॉर्क स्थित वाचटेल लिप्टन, रोसेन और काट्ज के शीर्ष वकीलों से इस बारे में सलाह ले रहा है कि हिंडनबर्ग के खिलाफ अदालत में केस को मजबूती से कैसे रखा जाए।

क्या है हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में

गौरतलब है कि वित्तीय शोध करने वाली कम्पनी हिंडनबर्ग ने गत 25 जनवरी, 2023 को अदानी ग्रुप के संबंध में 32 हजार शब्दों की एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया कि अडानी समूह समूह दशकों से शेयरों के हेरफेर और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल है। इसके अलावा रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि मॉरीशस से लेकर संयुक्त अरब अमीरात तक टैक्स हेवन देशों में अदानी परिवार की कई मुखौटा कम्पनिया मौजूद हैं, जिनका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया जाता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़े पैमाने पर शेयरों को गिरवी रखकर कर्ज लिया गया। इस रिपोर्ट के आते ही भारतीय शेयर मार्केट में भूचाल आ गया और अडानी समूह के शेयर लुढ़क कर काफी नीचे आ गए। देखते ही देखते दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी शीर्ष 20 अमीरों की सूची से भी बाहर हो गए।

इस रिपोर्ट के आने के बाद संसद तक तक हंगामा हुआ। विपक्ष ने अदानी समूह पर जांच की भी मांग की। विपक्ष का कहना है कि अडानी समूह को सरकार ने फायदा पहुंचाने के लिए बिना जांच के बैंको से लोन दिलाने में मदद की। विपक्ष का कहना है कि बैंको के पैसे और अन्य सार्वजनिक क्षेत्रों की कम्पनियों के अडानी समूह में निवेश किए गए पैसों का अब डूबने का खतरा है।

हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक स्पष्ट कर चुका है कि भारतीय बैंकों की स्थिति आर्थिक रूप से काफी सुदृढ़ है और उन्हें कोई खतरा नहीं है। वहीं भारतीय जीवन बीमा निगम ने भी किसी आर्थिक खतरे से इनकार किया है।

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