अडानी समूह ने अमेरिका में लगे धोखाधड़ी के आरोपों को किया खारिज, प्रस्तावित यूएसडी बॉण्ड सौदा भी स्थगित
नई दिल्ली, 21 नवम्बर। भारतीय दिग्गज उद्योगपति गौतम अडानी के स्वामित्व वाले अडानी समूह ने अमेरिकी न्याय विभाग व अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया है। इसके साथ ही समूह ने 60 करोड़ अमेरिकी डॉलर का प्रस्तावित यूएसडी-मूल्यवान बॉण्ड सौदा भी स्थगित कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका द्वारा अडानी समूह पर लगाए गए आरोपों के बाद से यह मुद्दा गरमाया हुआ है। कथित आरोपों को देखते हुए अडानी ग्रीन एनर्जी ने एक आधिकारिक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि वह अपने प्रस्तावित यूएसडी-मूल्यवान बॉण्ड की पेशकश के साथ आगे नहीं बढ़ेगी।
कम्पनी का यह निर्णय समूह के इर्द-गिर्द बढ़ती जांच और कानूनी चुनौतियों के बीच आया है। भारत के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र की एक प्रमुख कम्पनी अडानी ग्रीन एनर्जी ने यह कदम इसलिए उठाया है कि वह चल रही जांच के कानूनी और वित्तीय निहितार्थों का पता लगा रही है।
अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने गुरुवार को एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा, ‘यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और यूनाइटेड स्टेट्स सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ने हमारे बोर्ड के सदस्यों गौतम अडानी और सागर अडानी के खिलाफ न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के लिए यूनाइटेड स्टेट्स डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में क्रमशः एक आपराधिक अभियोग जारी किया है और एक सिविल शिकायत दर्ज की है।’
बयान में कहा गया है, ‘संयुक्त राज्य अमेरिका के न्याय विभाग ने हमारे बोर्ड के सदस्य विनीत जैन को भी इस तरह के आपराधिक अभियोग में शामिल किया है। इन घटनाक्रमों के मद्देनजर, हमारी सहायक कम्पनियों ने प्रस्तावित यूएसडी-मूल्यवान बॉण्ड पेशकशों के साथ आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया है।’
अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय के अनुसार, ‘गौतम अडानी, सागर आर. अडानी और विनीत एस. जैन पर प्रतिभूति और वायर धोखाधड़ी करने और मूल प्रतिभूति धोखाधड़ी करने की साजिश रचने के लिए संघीय अदालत में पांच-गिनती का आपराधिक अभियोग खोला गया, जिसमें झूठे और भ्रामक बयानों के आधार पर अमेरिकी निवेशकों और वैश्विक वित्तीय संस्थानों से धन प्राप्त करने की बहु-अरब डॉलर की योजना में उनकी भूमिका थी।’
गौरतलब है कि अमेरिकी अभियोजकों ने अडानी समूह से जुड़े कथित रिश्वत मामले में अपने अभियोग का विस्तार किया है, जिसमें रंजीत गुप्ता और रूपेश अग्रवाल सहित कई व्यक्तियों पर आरोप लगाए गए हैं, जो पहले न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध एक अक्षय ऊर्जा कम्पनी के पूर्व अधिकारी थे।
आरोपों में कनाडा के एक संस्थागत निवेशक के पूर्व कर्मचारी सिरिल कैबनेस, सौरभ अग्रवाल और दीपक मल्होत्रा का भी नाम है, जिन पर विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (FCPA) का ‘उल्लंघन करने की साजिश’ रचने का आरोप है। अभियोग इन व्यक्तियों को भ्रष्टाचार और कदाचार से जुड़ी एक कथित योजना से जोड़ता है। मामले के व्यापक निहितार्थों की जांच जारी है।