विदेश दौरे पर जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल होंगे अभिषेक बनर्जी, ममता बनर्जी ने बढ़ाया भतीजे का नाम
कोलकाता, 20 मई। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में सेना के पराक्रम और आतंकियों के खिलाफ भारत की नई नीति के बारे में जानकारी देने के लिए दुनिया के कई देशों के दौरे पर जाने वाले सांसदीय प्रतिनिधिमंडल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) भी शामिल हो गई है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने आज अपने भतीजे व पार्टी सांसद अभिषेक बनर्जी को प्रतिनिधिमंडल में शामिल करने का प्रस्ताव दिया, जिसे केंद्र सरकार ने मंजूर कर लिया। इसके पहले केंद्र सरकार ने टीएमसी की ओर से सांसद सुदीप बंदोपाध्याय और युसूफ पठान को शामिल किया था, लेकिन दोनों ने अलग-अलग वजहों से अपना नाम वापस ले लिया था।
Smt. @MamataOfficial nominates Shri @abhishekaitc to represent us in the all-party delegation for India’s global stand against terrorism.
His voice will echo India’s commitment to peace, justice, & global cooperation. pic.twitter.com/AA3tmZJW4v
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) May 20, 2025
22 मई से शुरू होगी सांसदों की विदेश यात्रा
केंद्र सरकार आतंकवाद के खिलाफ संदेश पहुंचाने के लिए 51 सांसदों और आठ पूर्व राजनयिकों के सात प्रतिनिधिमंडल को अलग-अलग देशों में भेज रही है। 22 मई के बाद हर प्रतिनिधिमंडल चार-पांच देशों का दौरा करेगा और आतंकवाद के मुद्दे पर जीरो टालरेंस पॉलिसी के बारे में भारत का पक्ष रखेगा। इस प्रतिनिधिमंडल में डीएमके, टीएमसी, कांग्रेस, मुस्लीम लीग समेत विपक्ष के अधिकतर दलों के सांसद हैं।
सांसदों के नामों की घोषणा पर कांग्रेस व टीएमसी ने जताई थी आपत्ति
उल्लेखनीय है कि सरकार ने जब प्रतिनिधिमंडल में शामिल सांसदों का एलान किया, तब कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जताई। कांग्रेस पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर के नाम पर असहज थी क्योकि पार्टी ने जिन सांसदों के नाम भेजे थे, उनमें थरूर नहीं शामिल थे। लेकिन सरकार ने थरूर को न सिर्फ शामिल किया वरन उन्हें एक प्रतिनिधिमंडल की कमान ही सौंप दी।
सुदीप और युसूफ पठान ने किया था इनकार
उधर तृणमूल कांग्रेस ने भी पार्टी के इजाजत के बिना सांसदों को शामिल करने पर एतराज जताया था। पहले बयान में कहा गया कि विदेश नीति केंद्र सरकार का मामला है। टीएमसी ने आतंकवाद के खिलाफ मोदी सरकार को बिना शर्त समर्थन दिया है, इसलिए सरकार को यह जिम्मेदारी खुद संभालना चाहिए। इसके तुरंत बाद टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने स्वास्थ्य कारणों से खुद को प्रतिनिधिमंडल से अलग कर लिया। उनके बाद टीएमसी सांसद और पूर्व क्रिकेटर इरफान पठान ने भी अपना नाम वापस ले लिया। फिलहाल भाजपा की आलोचना के बाद ममता बनर्जी पार्टी का पक्ष रखने सामने आईं।
ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर साधा था निशाना
ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार को नाम तय करने से पहले टीएमसी से राय लेनी चाहिए थी। उन्होंने कहा, ‘सरकार ने हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। संसदीय पार्टी संसदीय सत्रों के लिए काम करती है। वे नीतिगत फैसले नहीं ले सकते।‘
खैर, इसके अगले दिन उन्होंने सांसद अभिषेक बनर्जी का नाम आगे बढ़ाया। एक्स पर पोस्ट में टीएमसी ने लिखा है कि ऐसे समय में जब दुनिया को आतंकवाद के बढ़ते खतरे का सामना करने के लिए एकजुट होना चाहिए, अभिषेक बनर्जी का संसदीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल होना दृढ़ विश्वास और स्पष्टता दोनों लाता है।
