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AAP विधायकों का दिल्ली विधानसभा के बाहर 7 घंटे तक धरना, आतिशी ने आज राष्ट्रपति मुर्मु से मुलाकात का मांगा समय

AAP विधायकों का दिल्ली विधानसभा के बाहर 7 घंटे तक धरना, आतिशी ने आज राष्ट्रपति मुर्मु से मुलाकात का मांगा समय

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नई दिल्ली, 27 फरवरी। नेता विपक्ष आतिशी सहित आम आदमी पार्टी (AAP) के अन्य विधायकों को गुरुवार को दिल्ली विधानसभा परिसर में प्रवेश करने से रोके जाने के बाद उन्होंने विधानसभा के बाहर ही करीब सात घंटे तक धरना-प्रदर्शन किया। पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली में सत्ता में आने के बाद भाजपा तानाशाही की सभी हदें पार कर रही है। इस मामले में आतिशी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात का समय भी मांगा है।

AAP के 21 विधायक तीन दिनों के लिए सदन से निष्कासित हैं

दरअसल, मंगलवार (25 फरवरी) को उप राज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण के दौरान सदन की कार्यवाही में व्यवधान डालने के आरोप में आम आदमी पार्टी (आप) के 21 विधायकों को तीन दिनों (25, 27 व 28 फरवरी) के लिए विधानसभा से निष्कासित कर दिया गया था। पार्टी के सिर्फ एक विधायक अमानतुल्लाह खान बचे क्योंकि उस वक्त वह विधानसभा में नहीं थे।

“भाजपा सुन ले, जय भीम, जय भीम, “भाजपा की तानाशाही नहीं चलेगी

AAP विधायकों का कहना है कि वह सीएम कार्यालय से भीमराव आंबेडकर की तस्वीर को कथित तौर पर हटाए जाने का विरोध कर रहे हैं। इस क्रम में गुरुवार को ‘आप’ नेताओं ने विधानसभा परिसर के गेट के बाहर धरना दिया। इस दौरान ‘डफली’ की थाप के साथ पार्टी नेताओं ने अंबेडकर की तस्वीरों वाली तख्तियां पकड़ीं और सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ नारे लगाए – “भाजपा सुन ले, जय भीम, जय भीम”, “भाजपा की तानाशाही नहीं चलेगी”।

आतिशी का आरोप – ‘जय भीम’ का नारा लगाने की वजह से निलंबन

करीब सात घंटे चले विरोध प्रदर्शन के बाद विधानसभा में नेता विपक्ष आतिशी ने कहा कि शुक्रवार को सबसे पहले राष्ट्रपति से मिलने जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि AAP विधायकों को जय भीम के नारे लगाने की वजह से निलंबित किया गया। जय भीम की आवाज की दिल्ली समेत पूरे देश में गूंजेगी।

विधानसभा परिसर में पुलिसकर्मियों से हुई तीखी बहस

AAP विधायक आतिशी जब विधानसभा परिसर में एंट्री कर रही थीं तो वहां तैनात पुलिकर्मियों ने उन्हें बाहर ही रोक दिया। इसके बाद पुलिकर्मियों से उनकी तीखी-बहस हुई। आतिशी ने इस दौरान पुलिसकर्मियों से पूछा कि उन्हें विधानसभा में प्रवेश क्यों नहीं करने दिया जा रहा है, जिस पर पुलिस की तरफ से जवाब आया कि उन्हें स्पीकर ने आदेश दिया है कि AAP विधायकों को न घुसने दिया जाए।

पुलिस की बात सुनकर आतिशी ने उस आदेश की कॉपी मांगी, जिसमें विधायकों को न घुसने देने के लिए कहा गया है। आतिशी ने पुलिसकर्मियों से कहा, ‘आप मुझे कागज दिखाइए. आप बोल रहे हैं, लेकिन ऑर्डर कहां है? दिल्ली विधानसभा में में कैसे नहीं घुसने देंगे?’

राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मांगा मिलने का समय

इस बीच आतिशी ने राष्ट्रपति को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें उन्होंने दिल्ली सरकार के दफ्तरों से आंबेडकर और भगत सिंह की फोटो कथित तौर पर हटाए जाने का मुद्दा उठाया। अपने पत्र में उन्होंने लिखा, ‘आपके संज्ञान में एक अत्यंत गंभीर एवं संवेदनशील विषय लाना चाहती हूं, जो भारतीय लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला है। दिल्ली में भाजपा की सरकार ने दिल्ली सरकार के विभिन्न दफ्तरों से संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर और शहीद-ए-आजम भगत सिंह जी की तस्वीरें हटा दी हैं। यह न केवल देश के वीर सपूतों का अपमान है बल्कि दलित, पिछड़े और वंचित समाज का भी अपमान है।’

आतिशी ने आगे लिखा, ‘जब आम आदमी पार्टी ने इस विषय पर विरोध किया और इस गंभीर मुद्दे को सदन में उठाने का प्रयास किया, तो विधानसभा अध्यक्ष श्री रामवीर गुर्जर जी ने अलोकतांत्रिक रूप से आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को 25 फरवरी को तीन दिनों के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया। आज 27 फरवरी को जब आम आदमी पार्टी के विधायक दिल्ली विधानसभा जा रहे थे तो दिल्ली पुलिस द्वारा भारी बैरिकेडिंग कर हमें विधानसभा परिसर के बाहर ही रोक दिया गया।’

निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को विधानसभा तक पहुंचने से रोकना जनता की हत्या

उन्होंने कहा, ‘जनता द्वारा निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को विधानसभा तक पहुंचने से रोकना जनता की हत्या है। इस कारण विपक्ष ने विधानसभा परिसर पर ही धरने पर बैठने का निर्णय लिया। यह देश के लोकतंत्र के इतिहास में पहली बार है कि विपक्ष को विधानसभा परिसर में ही प्रवेश नहीं दिया गया। यह घटनाक्रम भारत के लोकतांत्रिक इतिहास पर एक काला धब्बा है।’

‘…तो जनता के मुद्दे कौन उठाएगा?’

आतिशी ने पत्र में आगे कहा, ‘अगर विपक्ष को इस तरह रोका जाएगा, तो जनता के मुद्दे कौन उठाएगा? लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों का होना जरूरी है, ताकि आम लोगों की आवाज उठाई जा सके। लेकिन अभी जो हो रहा है, वह विपक्ष को दबाने की कोशिश है, जिससे जनता की आवाज भी दब रही है। इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी का विधायक दल आपसे तत्काल मुलाकात करना चाहता है ताकि इस तानाशाही के खिलाफ उचित कदम उठाए जा सकें। यह सिर्फ दिल्ली का मामला नहीं, बल्कि पूरे देश के लोकतंत्र पर संकट के संकेत हैं। हमें उम्मीद है कि आप इस अति गंभीर मामले पर तत्काल संज्ञान लेने की कृपा करेंगी और आम आदमी पार्टी के विधायकों को आपसे मिलने के लिए दिनांक 28/02/2025 को कोई समय निर्धारित करने की कृपा करेंगी।’

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