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बांग्लादेश : शेख हसीना विरोधी नेता की मौत के बाद भड़की हिंसा, हिन्दू युवक की पीट-पीटकर हत्या, 2 न्यूज चैनल्स फूंके

बांग्लादेश : शेख हसीना विरोधी नेता की मौत के बाद भड़की हिंसा, हिन्दू युवक की पीट-पीटकर हत्या, 2 न्यूज चैनल्स फूंके

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ढाका, 19 दिसम्बर। बांग्लादेश की अपदस्थ पीएम शेख हसीना के खिलाफ विद्रोह के एक प्रमुख नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद देश के कई शहरों में एक बार फिर हिंसा भड़क उठी है। इसी क्रम में प्रदर्शनकारियों ने पूर्व शिक्षा मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी के घर में आग लगा दी। वहीं ढाका के नजदीक भालुका में धर्म का अपमान करने के आरोप में एक हिन्दू युवक को पीट-पीटकर मार डाला।

बीबीसी बांग्ला की रिपोर्ट के मुताबिक, युवक के शव को नग्न करके एक पेड़ से लटका कर आग लगा दी। मृतक की पहचान दीपू चंद्र दास के रूप में की गई है। पुलिस ने बताया कि यह घटना गुरुवार रात भालुका में हुई। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें लोग ‘अल्लाह-हू-अकबर’ के नारे लगाते दिख रहे हैं।

खुलना में पत्रकार इमदादुल हक मिलन की गोली मारकर हत्या

वहीं खुलना में पत्रकार इमदादुल हक मिलन की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने बताया कि इस घटना में एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मिलोन शालुआ प्रेस क्लब के अध्यक्ष थे। हमले के समय मिलोन शालुआ बाजार की एक चाय की दुकान पर बैठे चाय पी रहे थे। उसी वक्त, दो मोटरसाइकिलों पर सवार चार लोग अचानक आए, उन पर गोलियां चलाईं और भाग गए।

पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबुर्रहमान के आवास में भी तोड़फोड़

इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार देर रात देश के सबसे बड़े अखबार डेली स्टार और प्रोथोम आलो के ऑफिस में जबरन घुसकर तोड़फोड़ और आगजनी की। इसके अलावा पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबुर्रहमान के आवास में भी तोड़फोड़ की गई है और शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के ऑफिस को भी जला दिया गया है।

गोलीबारी में घायल उस्मान हादी की सिंगापुर में मौत हुई

उस्मान हादी शेख हसीना के खिलाफ जुलाई, 2024 में हुए छात्र आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक थे। उन्हें गत 12 दिसम्बर को चुनाव प्रचार के दौरान सिर में गोली मारी गई थी। इसके बाद उन्हें बेहतर उपचार के लिए सिंगापुर ले जाया गया था। छह दिन बाद उनकी मौत हो गई।

सिंगापुर सरकार ने नमाज-ए-जनाजा की अनुमति नहीं दी

सिंगापुर स्थित बांग्लादेश उच्चायोग के अनुसार हादी की पहली नमाज-ए-जनाजा सिंगापुर में होनी थी, लेकिन वहां की सरकार से नमाज की अनुमति नहीं दी। इसके बाद बांग्लादेश में हादी के समर्थक और भड़क गए।

नए बांग्लादेश में हिंसा की कोई जगह नहीं

इस बीच मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने हिन्दू व्यक्ति की लिंचिंग की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। सरकार ने वादा किया कि इस जघन्य अपराध के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

हादी की हत्या पर यूनुस ने त्वरित काररवाई का दिया आश्वासन

यूनुस ने गुरुवार देर रात राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘आज मैं आपके सामने बेहद दुखद खबर लेकर आया हूं। जुलाई विद्रोह के निडर अग्रिम पंक्ति के योद्धा और इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी अब हमारे बीच नहीं रहे। यूनुस ने इस क्रूर हत्या में शामिल लोगों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाने का आश्वासन दिया और कहा कि हत्यारों के प्रति कोई नरमी नहीं दिखाई जाएगी।’

यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने फेसबुक पर बांग्ला में एक पोस्ट करते हुए हिंसा, धमकी, आगजनी और जान-माल के विनाश की कड़ी और स्पष्ट रूप से निंदा की है। साथ ही युवा नेता हादी को शहीद बताते हुए सरकार ने लोगों से हिंसा, उकसावे और नफरत को त्यागने का आग्रह किया। सरकार ने एक बयान में कहा, ‘इस मुश्किल घड़ी में, हम हर नागरिक से हिंसा, उकसावे और नफरत को खारिज करके और उसका विरोध करके शहीद हादी का सम्मान करने की अपील करते हैं।

 

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