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राजनाथ सिंह का दावा : पं. नेहरू सरकारी पैसे से बाबरी मस्जिद बनवाना चाहते थे, सरदार पटेल के आगे उनकी नहीं चल पाई

राजनाथ सिंह का दावा : पं. नेहरू सरकारी पैसे से बाबरी मस्जिद बनवाना चाहते थे, सरदार पटेल के आगे उनकी नहीं चल पाई

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वडोदरा (गुजरात), 3 दिसम्बर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पं. नेहरू सरकारी पैसे से बाबरी मस्जिद का निर्माण करना चाहते थे, लेकिन तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने उनके इस विचार का विरोध किया। उन्होंने ऐसा इसलिए किया कि वह एक सच्चे सेक्यूलर विचारधारा वाले इंसान थे।

दरअसल, सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के मौके पर युवा मामले और खेल मंत्रालय के तहत मेरा युवा (MY) भारत ने वडोदरा में ‘एकता मार्च’ का आयोजन किया था, जिसके तहत आयोजित ‘सरदार सभा’ ​​को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने यह बयान दिया।

सरदार पटेल ने कभी तुष्टीकरण में विश्वास नहीं किया

राजनाथ सिंह ने भारत के पहले गृह मंत्री को याद करते हुए कहा कि सरदार पटेल ने समुदायों को खुश करने की कभी कोशिश नहीं की जबकि नेहरू ने गिर सोमनाथ जिले में सोमनाथ मंदिर के फिर से बनने पर सवाल उठाया था।

रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल सच में सेक्युलर थे। उन्होंने कभी तुष्टीकरण में विश्वास नहीं किया। जब जवाहरलाल नेहरू ने सरकारी पैसे से बाबरी मस्जिद मुद्दे की बात कही तो इसका विरोध सिर्फ गुजरात में जन्मे सरदार वल्लभभाई पटेल ही ने किया। उन्होंने सरकारी पैसे से बाबरी मस्जिद नहीं बनने दी।

राजनाथ सिंह ने कहा कि पहले गिर सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण के बीच समानताएं बताई गई थीं, लेकिन पटेल ने दोनों मामलों के बीच समानताओं को खारिज कर दिया और इस बात पर जोर दिया कि सोमनाथ मंदिर सरकारी पैसे के बजाय दान से फिर से बनाया गया था।

राम मंदिर का निर्माण भी सरकारी पैसे से नहीं हुआ है

उन्होंने कहा कि नेहरू ने सोमनाथ मंदिर के फिर से बनाने पर सवाल उठाए थे। जब सवाल उठाया गया तो सरदार ने साफ किया कि सोमनाथ मंदिर का मामला अलग था, वहां जनता ने 30 लाख रुपये दान किए थे, एक ट्रस्ट बनाया गया था और सरकारी पैसे का एक भी पैसा इस्तेमाल नहीं हुआ। वहीं, उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से समानताएं बताते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण भी सरकारी पैसे से नहीं हुआ है। इस देश के लोगों ने पूरा खर्च उठाया है।

उल्लेखनीय  है कि गत 25 नवम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या स्थित श्री राम मंदिर के शिखर पर 22 फुट की धर्म ध्वजा का पवित्र हिन्दू रीति-रिवाज से ‘ध्वजारोहण’ किया। धार्मिक परंपरा के अनुसार, झंडा फहराना अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक है और यह दुनिया भर के भक्तों को इस उत्सव में भाग लेने के लिए खुला निमंत्रण है।

इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत पंजाब के गवर्नर गुलाब चंद कटारिया, केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया, केंद्रीय राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे और अन्य दिग्गज मौजूद रहे। उत्तराखंड के सीएम धामी ने अपने राज्य के सभी लोगों की ओर से भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सरदार पटेल ने अपनी अदम्य इच्छाशक्ति, दूर की सोच और अटूट समर्पण से एकीकृत भारत का सपना साकार किया।

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