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NDA सरकार को नैतिक समर्थन देगी तेज प्रताप की पार्टी JJD, बहन रोहिणी आचार्य को राष्ट्रीय संरक्षक बनाने का प्रस्ताव

NDA सरकार को नैतिक समर्थन देगी तेज प्रताप की पार्टी JJD, बहन रोहिणी आचार्य को राष्ट्रीय संरक्षक बनाने का प्रस्ताव

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पटना, 16 नवम्बर। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की नई पार्टी जनशक्ति जनता दल (JJD) बिहार विधानसभा चुनाव में भले ही खाता नहीं खोल सकी, लेकिन उसने राज्य में आगामी दिनों शपथ लेने वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार को नैतिक समर्थन देने की घोषणा की है।

बिहार चुनाव परिणाम के बाद जेजेडी की एक बैठक में फैसला लिया गया कि पार्टी एनडीए सरकार को नैतिक समर्थन देगी। इस कदम को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इससे लालू-परिवार से तेज प्रताप दूरी और ज्यादा स्पष्ट होती है। गौरतलब है कि लालू परिवार में खटपट के बाद तेज प्रताप को कुछ माह पहले राजद से निष्कासित कर दिया गया था।

लालू परिवार में विद्रोह के स्वर तेज – रोहिणी के बाद तीन और बेटियों ने छोड़ा राबड़ी आवास

जेजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम यादव ने रविवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि बैठक में तेज प्रताप यादव ने यह प्रस्ताव भी रखा कि रोहिणी आचार्य को उनकी पार्टी का राष्ट्रीय संरक्षक बनाया जाए। प्रेम यादव ने कहा, ‘तेज प्रताप जी ने कहा है कि वह जल्द ही रोहिणी दीदी से इस विषय पर बात करेंगे और उन्हें हमारी पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक बनने की विनती करेंगे।’

लालू परिवार के साथ अपने मतभेद सार्वजनिक करते रहे हैं तेज प्रताप

तेज प्रताप यादव पहले ही लालू परिवार के साथ अपने राजनीतिक और पारिवारिक मतभेदों को सार्वजनिक करते रहे हैं। वह अब अपनी अलग राह पर चलने की कोशिश कर रहे हैं और यह नैतिक समर्थन उनकी नई पॉलिटिकल पहचान को मजबूत कर सकता है। उन्होंने RJD को ‘फर्जी पार्टी’ करार देते हुए कहा है कि उनकी जनशक्ति जनता दल ही ‘असली लालू यादव पार्टी’ है।

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो यह कदम तेज प्रताप की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। वह राजद के टूटे गठबंधन से बाहर होने के बाद अपनी स्वतंत्र पहचान बनाना चाहते हैं और सत्ता समीकरण में प्रासंगिक बने रहना चाहते हैं।

तेज प्रताप ने उतारे थे 21 प्रत्याशी, JJD का खाता भी नहीं खुला

राजद से निकाले जाने के बाद तेज प्रताप ने अपनी नई पार्टी बनाई थी। उनकी पार्टी ने पूरे राज्य में 21 उम्मीदवार उतारे।  तेज प्रताप खुद महुआ सीट से चुनाव लड़ रहे थे, जिसे पहले RJD का मजबूत क्षेत्र माना जाता था। हालांकि तेज प्रताप शुरू में काफी आत्मविश्वास में थे और कहते थे कि उनकी पार्टी 10-15 सीटें जीत सकती है, लेकिन नतीजे बिल्कुल अलग निकले। तेज प्रताप सहित JJD का कोई भी उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सका।

खुद महुआ सीट से अपना चुनाव भी हारे तेज प्रताप

महुआ सीट पर तेज प्रताप तीसरे नंबर पर रहे। उनसे आगे एलजेपी (राम विलास) के संजय कुमार सिंह और RJD के मुकेश कुमार रोशन रहे। संजय कुमार सिंह ने आराम से यह सीट जीत ली, जिससे साफ दिखा कि JJD का प्रभाव न के बराबर रहा और तेज प्रताप की राजनीतिक स्थिति भी कमजोर हुई है। फिलहाल तेज प्रताप ने सार्वजनिक रूप से अपनी हार स्वीकार की और कहा कि वह जनता के फैसले का सम्मान करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हार के बावजूद वह बिहार की सेवा सकारात्मक तरीके से करते रहेंगे।

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