AIU ने दिल्ली ब्लास्ट के बाद सुर्खियों में छाई अल फलाह यूनिवर्सिटी की सदस्यता निलंबित की
फरीदाबाद, 13 नवम्बर। हरियाणा के फरीदाबाद में 2900 किलो विस्फोटक की बरामदगी और दिल्ली विस्फोट मामले में अल फलाह यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों का नाम आने के बाद भारतीय विश्वविद्यालय संघ (AIU) ने बड़ी काररवाई करते हुए अल फलाह यूनिवर्सिटी की सदस्यता निलंबित कर दी है।
AIU के महासचिव पंकज मित्तल ने फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर डॉ. भूपेंदर कौर आनंद को पत्र लिखकर अल फलाह यूनिवर्सिटी की सदस्यता सस्पेंड करने की जानकारी दी है। मित्तल ने पत्र में कहा, ‘एआईयू की ओर से शुभकामनाएं!, यह सूचित किया जाता है कि भारतीय विश्वविद्यालय संघ के उपनियमों के अनुसार, सभी विश्वविद्यालयों को तब तक सदस्य माना जाएगा, जब तक वे अच्छी स्थिति में रहेंगे। हालांकि, मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ये संज्ञान में आया है कि अल-फलाह विश्वविद्यालय, फरीदाबाद, हरियाणा की स्थिति अच्छी नहीं है। ऐसे में अल-फलाह विश्वविद्यालय, फरीदाबाद, हरियाणा को दी गई एआईयू की सदस्यता तत्काल प्रभाव से निलंबित की जाती है।’
पत्र में आगे कहा गया है, ‘साथ ही, यह भी सूचित किया जाता है कि अल-फलाह विश्वविद्यालय, फरीदाबाद, हरियाणा अपनी किसी भी गतिविधि में एआईयू के नाम या लोगो का उपयोग करने के लिए अधिकृत नहीं है, और एआईयू लोगो को विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट से तुरंत हटा दिया जाना चाहिए ये आपकी जानकारी और आगे की आवश्यक काररवाई के लिए है।’
NAAC ने भी जारी कर रखी है कारण बताओ नोटिस
इसके पूर्व राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) ने अल-फलाह विश्वविद्यालय को अपनी वेबसाइट पर गलत मान्यता प्रदर्शित करने के लिए पहले ही कारण बताओ नोटिस जारी कर दी है और उससे सात दिनों के भीतर जवाब मांगा है। NAAC की नोटिस में लिखा है, ‘संज्ञान में आया है कि अल-फलाह विश्वविद्यालय ने न तो मान्यता प्राप्त की है और न ही A&A के लिए चक्र-1 में भाग लिया है। उसने अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया है कि अल-फलाह विश्वविद्यालय, अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट का एक उपक्रम है, जो परिसर में तीन कॉलेज चला रहा है, अर्थात् अल फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (1997 से, NAAC द्वारा A ग्रेड प्राप्त), ब्राउन हिल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (2008 से), और अल-फलाह स्कूल ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (2006 से, NAAC द्वारा A ग्रेड प्राप्त) है, जो पूरी तरह से गलत है और जनता, विशेषकर अभिभावकों, छात्रों और हितधारकों को गुमराह कर रहा है।’
