यूपी : सोशल मीडिया ठगी कांड के मुख्य आरोपित ने लखनऊ जेल से भेजा जज की हत्या की साजिश का ई-मेल
लखनऊ, 9 नवम्बर। सोशल मीडिया ठगी कांड के मुख्य आरोपित अनुभव मित्तल का लखनऊ जेल से सनसनीखेज कारनामा सामने आया है। उसने किसी सिपाही के मोबाइल फोन से इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक न्यायाधीश की हत्या की साजिश का ई-मेल भेजा है। मित्तल के इस दुस्साहस से पुलिस, जेल प्रशासन और साइबर सेल में हड़कंप मच गया है।
3700 करोड़ के ठगी कांड का मुख्य आरोपित है अनुभव मित्तल
उल्लेखनीय है कि शातिर अपराधी अनुभव मित्तल 3700 करोड़ के सोशल मीडिया ठगी कांड का मुख्य आरोपित है और जेल में बंद है। उसके खिलाफ पहले से ही 324 मुकदमे दर्ज हैं। उसे वर्ष 2017 में 3700 करोड़ के विशाल ऑनलाइन सोशल मीडिया ठगी मामले में एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। इस घोटाले में उसकी पत्नी आयुषी और पिता सुनील मित्तल भी आरोपित हैं और फिलहाल जेल में हैं।
पेशी के दौरान सिपाही का मोबाइल मांगा था
जांच में खुलासा हुआ है कि अनुभव मित्तल ने पेशी के दौरान पुलिस लाइन के सिपाही अजय कुमार से उसका मोबाइल फोन मांगा। मित्तल ने बहाना बनाया कि उसे अपने केस का ऑनलाइन स्टेटस देखना है। इसी दौरान उसने सिपाही के फोन में नई ई-मेल आईडी बनाई और अगले दिन सुबह के लिए मेल भेजने का टाइमर सेट कर दिया। अगले दिन पूर्वाह्न 8.50 बजे धमकी भरा ई-मेल हाई कोर्ट पहुंचा तो हड़कंप हो गया।
जेल में एक बंदी को फंसाने के लिए रची साजिश
ई-मेल में अनुभव मित्तल ने खुद को ‘महेंद्र कुमार’ बताते हुए आरोप लगाया है कि जेल में बंद एक अन्य आरोपित आनंदेश्वर अग्रहरि अपने मोबाइल से गलत काम कर रहा है और लखनऊ बेंच के एक जज की हत्या की साजिश रच रहा है।
मेल में लिखा गया है कि आनंदेश्वर की दो बार जमानत खारिज हो चुकी है। वह इसी बात से नाराज होकर हत्या की योजना बना रहा है। अनुभव मित्तल और आनंदेश्वर अग्रहरि के बीच जेल के भीतर किसी बात को लेकर टकराव है। इसी खुन्नस में मित्तल ने आनंदेश्वर को फंसाने की यह चाल चली है। फिलहाल धमकी भरा मेल हाई कोर्ट में पहुंचते ही पुलिस-प्रशासन सकते में है और जांच मे जुटा है।
मित्तल व जेल के सिपाही के खिलाफ एफआईआर दर्ज
जेल चौकी इंचार्ज अरविंद कुमार ने अनुभव मित्तल और सिपाही अजय कुमार दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। जेल प्रशासन ने भी इस मामले में अलग से विभागीय जांच शुरू कर दी है। जांच में पता चला कि यह मेल सिपाही अजय कुमार के फोन से भेजा गया था, जिसने स्वीकार किया कि पेशी के दौरान फोन कुछ मिनट के लिए अनुभव मित्तल के पास था।
