भारत-ईएफटीए व्यापार समझौता लागू, 100 अरब डॉलर निवेश और 10 लाख नौकरियों का अवसर
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर। भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के बीच हुआ ट्रेड एंड इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (TEPA) एक अक्टूबर से लागू हो गया है। इस समझौते से भारत को अगले कुछ वर्षों में 100 अरब डॉलर का निवेश मिलेगा और लगभग 10 लाख प्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी। इसके साथ ही भारत और यूरोप के बीच व्यापारिक साझेदारी और मजबूत होगी।
पीयूष गोयल बोले – इस व्यापार समझौता में निवेश प्रतिबद्धता भी शामिल
ईएफटीए में चार देश – स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन शामिल हैं। इस समझौते के लागू होने के बाद भारत और इन देशों के बीच व्यापार करना आसान हो जाएगा। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह भारत का पहला ऐसा व्यापार समझौता है, जिसमें निवेश प्रतिबद्धता भी शामिल है। इसका मकसद भागीदार देशों के बीच हितों का संतुलन और निष्पक्षता सुनिश्चित करना है।
Delighted to deliver the keynote address at the India-EFTA Prosperity Summit, marking the entering into force of the Trade and Economic Partnership Agreement (TEPA).
Encouraged to hear the various investment announcements by companies from the four EFTA nations.
TEPA is a… pic.twitter.com/seHpDdjGSG
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) October 1, 2025
समझौते के लागू होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में पीयूष गोयल ने कहा कि ईएफटीए देशों की कुल आबादी अकेले मुंबई की आबादी से भी कम है, लेकिन साझेदारी उनकी क्षमता और बड़े दिल से प्रेरित है। उन्होंने इस समझौते को विजयादशमी और नवमी के शुभ अवसर पर लागू होना भी खास बताया। उनके अनुसार, यह शुरुआत समृद्धि, स्पष्टता और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
शिक्षा, कृषि, उद्योग, प्रौद्योगिकी सहित अन्य क्षेत्रों में बड़े अवसर खुलेंगे
पीयूष गोयल ने कहा कि टीईपीए सिर्फ टैरिफ कम करने या निवेश की प्रतिबद्धता का समझौता नहीं है, बल्कि यह एक स्थिर और भरोसेमंद ढांचा है, जो निवेशकों का विश्वास बढ़ाता है और वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच स्थिरता का संदेश देता है। उन्होंने बताया कि यह समझौता शिक्षा, कृषि, उद्योग, प्रौद्योगिकी और कई अन्य क्षेत्रों में बड़े अवसर खोलेगा।
उन्होंने भारत की ताकत का जिक्र करते हुए कहा कि यहां डेटा की लागत अमेरिका की तुलना में केवल तीन प्रतिशत है और वैश्विक औसत से भी काफी कम है। उन्होंने एबीबी और नेस्ले जैसी स्विस कम्पनियों के भारत से पुराने जुड़ाव को याद किया और कहा कि भारत न केवल एक बड़ा बाजार है, बल्कि वैश्विक विस्तार का केंद्र भी है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि नेस्ले इंडिया और एबीबी इंडिया जैसी कम्पनियों के शेयरों का उच्च प्राइस-टू-अर्निंग रेश्यो भारत की अर्थव्यवस्था में विश्वास और भविष्य की अपार संभावनाओं को दर्शाता है।
भारत का माहौल पारदर्शी, खुला और निवेशक-हितैषी
वाणिज्य मंत्री ने कार्यक्रम में ईएफटीए देशों के उद्योगों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया और कहा कि भारत का माहौल पारदर्शी, खुला और निवेशक-हितैषी है। यहां लगभग सभी क्षेत्रों में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह समझौता, भारत और ईएफटीए दोनों की सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है और आने वाले समय में दोनों पक्षों के बीच साझेदारी और गहरी होगी।
