लद्दाख DGP का सनसनीखेज खुलासा – ‘पाकिस्तानी एजेंट के संपर्क में थे सोनम वांगचुक, बांग्लादेश भी गए…’
लेह, 27 सितम्बर। लद्दाख के पुलिस महानिदेशक (DGP) एसडी सिंह जामवाल ने शनिवार को दावा किया कि केंद्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर भूख हड़ताल का नेतृत्व करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के पाकिस्तान से संबंध हैं।
लेह में एक संवाददाता सम्मेलन में डीजीपी जामवाल ने खुलासा किया कि पुलिस ने एक पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑफिसर (खुफिया अधिकारी) को गिरफ्तार किया है, जो कथित तौर पर वांगचुक के संपर्क में था। जामवाल ने साथ ही पड़ोसी देशों की उनकी यात्राओं को लेकर चिंता जताई।
डीजीपी जामवाल ने कहा, ‘हमने हाल ही में एक पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑफिसर को गिरफ्तार किया है, जो यहां से जानकारी इकट्ठा करके इस्लामाबाद भेज रहा था। हमारे पास इसका रिकॉर्ड है। वह (सोनम वांगचुक) पाकिस्तान में ‘डॉन’ (पाकिस्तान का प्रमुख अंग्रेजी अखबार) के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। वह बांग्लादेश भी गए थे, इसलिए उन पर बड़ा सवालिया निशान है। मामले की जांच की जा रही है।’
सोनम वांगचुक पर हिंसा भड़काने का है आरोप
जामवाल ने सोनम वांगचुक पर गत 24 सितम्बर की घटनाओं के दौरान लेह में हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। जब प्रदर्शनकारियों द्वारा हिंसा और आगजनी का सहारा लेने, स्थानीय भाजपा कार्यालय और कुछ वाहनों को आग लगाने के बाद कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और लगभग 80 अन्य घायल हो गए। उन्होंने कहा, ‘सोनम वांगचुक का भड़काने का इतिहास रहा है। उन्होंने अपने भाषणों में अरब स्प्रिंग, नेपाल और बांग्लादेश का जिक्र किया है। एफसीआरए (Foreign Contribution Regulation Act) उल्लंघन के लिए उनके फंडिंग की भी जांच चल रही है।’
लेह में अशांति के पीछे विदेशी हाथ होने के बारे में पूछे जाने पर लद्दाख के पुलिस प्रमुख ने कहा, ‘जांच के दौरान दो और लोगों को पकड़ा गया है। यदि वे किसी साजिश का हिस्सा हैं तो मैं नहीं कह सकता। इस जगह पर नेपाली लोगों के मजदूरी करने का इतिहास रहा है, इसलिए हमें इसकी जांच करनी होगी।’ उन्होंने कहा कि भड़काऊ भाषण तथाकथित पर्यावरण कार्यकर्ताओं द्वारा दिए गए थे, जिसके कारण लद्दाख में हिंसा हुई।
केंद्र के साथ वार्ता को पटरी से उतारने का आरोप
जामवाल ने वांगचुक पर केंद्र के साथ लेह अपेक्स बॉडी की वार्ता को पटरी से उतारने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ’24 सितम्बर को एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। इसमें चार लोगों की जान चली गई और बड़ी संख्या में नागरिक, पुलिस अधिकारी और अर्धसैनिक बल के अधिकारी घायल हुए। चल रही प्रक्रियाओं (केंद्र के साथ बातचीत) को विफल करने के प्रयास किए गए।’ गौरतलब है कि लेह में 24 सितम्बर को हुई हिंसा के बाद सोनम वांगचुक ने 15 दिनों से जारी अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी थी। उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार करके जोधपुर जेल भेजा जा चुका है।
