1. Home
  2. राज्य
  3. उत्तरप्रदेश
  4. ‘भीमराव आंबेडकर पर साधु-संतों को टिप्पणी करने से बचना चाहिए’, मायावती ने दी सलाह
‘भीमराव आंबेडकर पर साधु-संतों को टिप्पणी करने से बचना चाहिए’, मायावती ने दी सलाह

‘भीमराव आंबेडकर पर साधु-संतों को टिप्पणी करने से बचना चाहिए’, मायावती ने दी सलाह

0
Social Share

लखनऊ, 14 सितंबर। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने शनिवार को कुछ साधु-संतों को बाबा साहब भीमराव आंबेडकर पर चुप रहने और किसी प्रकार की कोई टिप्पणी न करने की सलाह दी। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जैसा कि विदित है कि आए दिन सुर्खियों में बने रहने के लिए विवादित बयानबाजी करने वाले कुछ साधु-संतों को बाबा साहेब डॉ.भीमराव आंबेडकर के भारतीय संविधान के निर्माण में उनके अतुल्य योगदान की सही जानकारी नहीं है। इसलिए इस संबंध में किसी भी तरह की गलत बयानबाजी करने के बजाय वे चुप रहें तो उचित होगा।” उन्होंने कहा, “साथ ही, बाबा साहेब के अनुयायी मनुस्मृति का विरोध क्यों करते हैं? जातिवादी द्वेष की भावना को त्याग कर उन्हें इसे जरूर समझना चाहिये।”

मायावती ने पोस्ट में कहा, “इसके साथ-साथ यह भी मालूम होना चाहिये कि बाबा साहेब महान विद्वान व्यक्तित्व थे। इस मामले में किसी प्रकार की कोई भी टिप्पणी करने वाले साधु-संत उनकी विद्वता के मामले में कुछ भी नहीं हैं। अतः इस बारे में भी कुछ कहने से पहले बचना चाहिये, यही नेक सलाह है।” सपा प्रमुख ने हालांकि अपने पोस्ट में किसी साधु-संत का जिक्र नहीं किया। बीते दिनों मायावती ने देश में विभिन्न धर्मों के पूजास्थलों और महापुरुषों का अनादर करके माहौल खराब करने के ‘राजनीतिक षड्यंत्र’ पर चिंता जाहिर करते हुए रविवार को कहा कि मुल्क में अमन-चैन स्थापित करने के लिये सभी सरकारें ‘साम्प्रदायिक और द्वेषपूर्ण राजनीति’ छोड़कर ऐसी घटनाओं के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी रवैया अपनाएं।

मायावती ने की पार्टी मुख्यालय में बैठक

मायावती ने पार्टी मुख्यालय पर आयोजित दल की प्रदेश स्तर की एक अहम बैठक में पार्टी के जनाधार को ज़मीनी स्तर पर बढ़ाने के लिए ज़िले से लेकर बूथ स्तर की समितियों के गठन को लेकर चलाये गये अभियान की समीक्षा की। पार्टी द्वारा यहां जारी एक बयान के मुताबिक बसपा प्रमुख ने बैठक में किसी का नाम लिये बगैर उत्तर प्रदेश तथा कई अन्य राज्यों में विभिन्न धर्मों के पूजास्थलों एवं उनके संतों, गुरुओं व महापुरुषों आदि का निरादर करके सामाजिक, साम्प्रदायिक एवं राजनीतिक हालात बिगाड़ने के राजनीतिक षडयंत्र पर गंभीर चिन्ता व्यक्त की। बयान के अनुसार मायावती ने कहा, ”सभी सरकारों को संकीर्ण, जातिवादी, साम्प्रदायिक व द्वेषपूर्ण राजनीति का त्याग कर ऐसे आपराधिक तत्वों के प्रति कड़ा कानूनी रवैया अपनाते हुए कानून का राज स्थापित करना चाहिये, ताकि सभी लोग अमन-चैन से रोजी-रोटी कमा करके अपने परिवार का पालन-पोषण तथा शिक्षा की व्यवस्था ठीक तरीके से कर सकें।”

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code