वाराणसी : रविदास घाट से अस्सी घाट के बीच बनेगा विश्वस्तरीय क्रूज टर्मिनल, रामनगर बंदरगाह पर रुकेंगे बड़े क्रूज
वाराणसी, 7 सितम्बर। गंगा किनारे बसे धार्मिक नगरी वाराणसी में अत्यधिक पर्यटकों के मद्देनजर सबसे ज्यादा क्रूज का संचालन होता है, जो काशी को क्रूज सिटी के रूप में भी अपनी अलग पहचान दिला रहा है। चूंकि बनारस में वाटर टूरिज्म तेजी से बढ़ा है, लिहाजा एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन की तर्ज पर क्रूज के लिए भी एक विश्वस्तरीय क्रूज टर्मिनल के निर्माण की तैयारी है। यहां पर छोटे-बड़े जहाजों का ठहराव होगा।
मौजूदा समय गंगा में सात क्रूज का संचालन हो रहा
उल्लेखनीय है कि वाराणसी 2014 के बाद वाटर ट्रांसपोर्टेशन और टूरिज्म के सेक्टर में तेजी से आगे बढ़ रहा है। मौजूदा समय सात क्रूज का संचालन हो रहा है। इनमें गंगा विलास, बंगाल गंगा, गंगोत्री, अलकनंदा जैसे लक्जरी क्रूज शामिल हैं। इसके साथ ही यहां पर इलेक्ट्रिक कैटमरान संचालित किया जाता है।
काशी में क्रूज की डिमांड भी सबसे ज्यादा है। यही वजह है कि विशेष मौकों पर यह हमेशा सोल्ड आउट होते हैं। यही वजह है कि क्रूज के लिए यहां वर्ल्ड क्लास क्रूज टर्मिनल बनाने की कवायद चल रही है। 2023 में केंद्रीय मंत्री ने इसकी घोषणा की थी।
काशी में रिवर टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा
भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) के वाराणसी निदेशक संजीव कुमार ने बताया कि वाराणसी में वर्ल्ड क्लास क्रूज टर्मिनल बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। छोटे और बड़े क्रूज को ठहराव दिया जाएगा। इसके लिए रविदास घाट से अस्सी घाट के बीच स्थान को प्रस्तावित किया गया है। प्रस्ताव लगभग पास है, जल्द ही इसका डीपीआर तैयार कर इस पर काम शुरू किया जाएगा। रामनगर बंदरगाह पर बड़े क्रूज का ठहराव प्वॉइंट रखा जाएगा।
ड्रेजिंग का भी चल रहा काम
संजीव कुमार ने बताया कि वाराणसी में क्रूज को लेकर तेजी से स्कोप बढ़ता जा रहा है। नियमित क्रूज का संचालन किया जाए, इसको लेकर ड्रेजिंग भी जोरों पर की जा रही है। वाराणसी से गाजीपुर, गाजीपुर से मझौंवा तक तीन साल का ड्रेजिंग प्रोजक्ट का काम शुरू हुआ है, जिसमें अब तक 20 फीसदी काम हो गया है। बनारस से गाजीपुर की ओर इस बार ड्रेजिंग शुरू किया जाएगा। 15 अक्टूबर से 15 जून के बीच ड्रेजिंग का काम किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस वर्ल्ड क्लास क्रूज टर्मिनल में रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट पर मौजूद तमाम व्यवस्थाओं को रखा जाएगा, ताकि यहां आने वाले पर्यटकों को सहूलियत हो सके।
कम बजट में भेज सकेंगे सामान
उन्होंने बताया कि इस टर्मिनल में यात्रियों के बैठने की व्यवस्था, पर्याप्त लाइटिंग, चढ़ने की व्यवस्था, बच्चों के लिए गेमिंग जोन समेत अन्य सभी सुविधाएं जल थल दोनों मार्गों के लिए होंगी। वाराणसी में टूरिज्म के साथ कार्गो को बढ़ावा मिल सके, इसको लेकर अलग-अलग तरीके के कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि एक प्रमोशन शिपमेंट का भी काम कर रहे हैं, जिसके जरिए यह बताया जा रहा है कि कारोबारी किस तरीके से जलमार्ग का प्रयोग करके अपने पेरिशेबल सामानों को दूसरे स्थान पर कम बजट में भेज सकते हैं। जल परिवहन से 40 से 50 फीसदी फेयर का फर्क होता है, जो सामान सड़क मार्ग से एक दो दिन में पहुंचता है, वह कार्गो के जरिए 5 से 6 दिन में पहुंचता है।
