कैबिनेट ने भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते को दी मंजूरी, पीएम मोदी 24 जुलाई को करेंगे हस्ताक्षर
नई दिल्ली, 22 जुलाई। भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को केंद्रीय कैबिनेट ने मंगलवार को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार से प्रारंभ हो रही अपनी चार दिवसीय विदेश यात्रा के दौरान 24 जुलाई को लंदन में इस समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। इस दौरे में पीएम मोदी पहले UK और फिर मालदीव जाएंगे। उनके साथ वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहेंगे।
भारत-UK ट्रेड 2030 तक दोगुना कर 120 अरब डॉलर तक पहुंचाना लक्ष्य
दरअसल, इस समझौते को आधिकारिक तौर पर कंप्रेसिव इकोनोमिक एंड ट्रेड एग्रीमेंट(CETA) कहा जा रहा है। इसका मकसद 2030 तक भारत-UK व्यापार को दोगुना कर 120 अरब डॉलर तक पहुंचाना है।
इस समझौते का क्या लाभ होगा?
भारत-UK मुक्त व्यापार समझौते के तहत भारत से चमड़ा, जूते और परिधान जैसे श्रम-प्रधान उत्पादों के निर्यात पर टैक्स हटाया जाएगा। वहीं UK से ह्विस्की और कारों के आयात पर शुल्क में कटौती की जाएगी। इस समझौते में सेवाओं, नवाचार, बौद्धिक संपदा अधिकार और सरकारी खरीद जैसे विषयों को भी शामिल किया गया है, जिसे दोनों देशों के वाणिज्य मंत्री साइन करेंगे और फिर यह UK संसद की मंजूरी के बाद प्रभावी होगा।
दोनों देशों की संसदीय मंजूरी के बाद लागू होगा समझौता
FTA पर हस्ताक्षर और दोनों देशों द्वारा संसदीय मंजूरी के बाद यह समझौता औपचारिक रूप से लागू हो जाएगा। इसके तहत ज़्यादातर उत्पादों पर सीमा शुल्क या तो समाप्त किया जाएगा या काफी हद तक कम किया जाएगा, जिससे व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
सोशल सिक्योरिटी समझौता भी तय
दोनों देशों ने डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन एग्रीमेंट पर भी सहमति जताई है, जिससे ब्रिटेन में सीमित अवधि के लिए काम करने वाले भारतीय पेशेवरों को दोहरी सामाजिक सुरक्षा अंशदान से राहत मिलेगी। हालांकि, द्विपक्षीय निवेश संधि को लेकर बातचीत अब भी जारी है।
व्यापारिक आंकड़े
वित्त वर्ष 2024-25 में भारत से यूके को निर्यात 12.6% की वृद्धि के साथ 14.5 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जबकि इसी अवधि में यूके से भारत का आयात 2.3% बढ़कर 8.6 अरब डॉलर रहा। इससे पहले 2023-24 में भारत और यूके के बीच कुल द्विपक्षीय व्यापार 21.34 अरब डॉलर रहा, जो 2022-23 के 20.36 अरब डॉलर के मुकाबले अधिक है।
