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चिन्नास्वामी स्टेडियम में भगदड़ के लिए कर्नाटक सरकार ने RCB, DNA नेटवर्क और KSCA को ठहराया जिम्मेदार

चिन्नास्वामी स्टेडियम में भगदड़ के लिए कर्नाटक सरकार ने RCB, DNA नेटवर्क और KSCA को ठहराया जिम्मेदार

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बेंगलुरु, 17 जुलाई। कर्नाटक सरकार ने मौजूदा इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) चैम्पियन रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के विजय परेड के दौरान यहां चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई भगदड़ के लिए RCB प्रबधंन, उसके इवेंट मैनेजमेंट पार्टनर मेसर्स डीएनए नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) को जिम्मेदार ठहराया है।

विजय परेड और जश्न का एकतरफा आयोजन करने का आरोप

राज्य सरकार ने इसके साथ ही बिना पूर्व अनुमति या शहर के अधिकारियों को अनिवार्य विवरण दिए आरसीबी की विशाल विजय परेड और जश्न का एकतरफा आयोजन करने का आरोप लगाया गया है। उल्लेखनीय है कि गत चार जून को हुए हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे।

राज्य सरकार की रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंप दी गई

सरकारी सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार की रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंप दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, अहमदाबाद में गत तीन जून को आरसीबी और पंजाब किंग्स (PBKS) के बीच आईपीएल फाइनल से कुछ घंटे पहले, शाम लगभग 6.30 बजे, डीएनए नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड की ओर से केएससीए ने कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन को एक सूचना पत्र सौंपा।

आयोजकों ने सिर्फ सूचना दी, विजय परेड की कोई अनुमति नहीं मांगी

पत्रक में यह कहा गया था यदि आरसीबी टूर्नामेंट में विजयी होती है तो आरसीबी/डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड का प्रबंधन एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के आसपास संभावित विजय परेड की योजना बनाना चाहता है, जिसका समापन स्टेडियम में विजय उत्सव के रूप में होगा।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘यह सूचना देने जैसा था, न कि कानून के तहत अनुमति मांगने जैसा।’ हालांकि, पुलिस ने अनुमानित भीड़ की संख्या, कार्यक्रम की रसद और भीड़ नियंत्रण उपायों सहित महत्वपूर्ण जानकारी के अभाव में अनुमति देने से इनकार कर दिया। प्रस्ताव भी अल्प सूचना पर दिया गया था, जिससे उचित कार्यवाही नहीं हो सकी।

आरसीबी ने इसके बावजूद 4 जून को एकतरफा कार्यवाही करते हुए, सुबह 7.01 बजे से शुरू होने वाले विभिन्न सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से विधान सौध से चिन्नास्वामी स्टेडियम तक सार्वजनिक ‘विजय परेड’ की घोषणा की.

अपराह्न 3.14 बजे अंतिम पोस्ट में घोषणा की गई कि परेड शाम पांच बजे शुरू होगी और उसके बाद स्टेडियम में समारोह आयोजित किया जाएगा। इस पोस्ट में सबसे पहले यह बताया गया था कि नि:शुल्क पास ऑनलाइन उपलब्ध हैं, लेकिन यह तब आया जब बड़ी संख्या में भीड़ एकत्रित होने लगी थी।

इन पोस्टों ने व्यापक ध्यान आकर्षित किया, पहले चार अपडेटों को क्रमशः 16 लाख, 4.26 लाख, 7.6 लाख और 17 लाख दर्शकों ने देखा। वहीं चार जून को बीएमआरसीएल को लेकर अनुमान था कि 9.66 लाख लोग आएंगे जबकि रोजाना का औसत 6 लाख ही है। बयान में कहा गया है, ‘इसलिए, 4 जून को पैदल यात्रा करने वाले, सार्वजनिक परिवहन और निजी साधनों का उपयोग करने वाले लोगों को मिलाकर, अनुमानित संख्या तीन लाख से अधिक होगी।’

रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया कि आयोजकों ने कभी भी औपचारिक रूप से निर्धारित प्रारूप में पुलिस से अनुमति नहीं मांगी, जैसा कि सभाओं और जुलूसों के लाइसेंसिंग और नियंत्रण (बैंगलोर शहर) आदेश, 2009 द्वारा अनिवार्य किया गया था।

कोर्ट का मत – केवल सूचना प्रस्तुत करना अनुमति मांगने के समान नहीं

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि केवल सूचना प्रस्तुत करना अनुमति मांगने के समान नहीं है, विशेष रूप से मध्य बेंगलुरु में बड़े सार्वजनिक समारोहों वाले आयोजनों के लिए। अधिकारियों ने दावा किया कि प्रतिभागियों की संख्या, एकत्रीकरण स्थल, समय, जिम्मेदार आयोजकों के नाम और संपर्क विवरण तथा यातायात और भीड़ नियंत्रण की योजना जैसे आवश्यक विवरण पूरी तरह से गायब थे।

आयोजक पुलिस तैनाती के लिए भुगतान करने में भी विफल रहे

सूचना के अभाव के कारण पुलिस घटना के पैमाने का आकलन करने या पर्याप्त सुरक्षा उपाय योजना बनाने में असमर्थ रही। इसके अलावा, सार्वजनिक निर्देशों के लिए कोई साइनेज या लाउडस्पीकर नहीं थे, प्रवेश द्वारों और बैठने के क्षेत्रों में भीड़ प्रबंधन के लिए कोई प्रशिक्षित कर्मचारी नहीं थे, और लाउडस्पीकर के उपयोग या पुलिस बंदोबस्त के लिए कोई पूर्व अनुरोध नहीं था। रिपोर्ट में कहा गया है कि आयोजक पुलिस तैनाती के लिए भुगतान करने में भी विफल रहे, जैसा कि 22 मई, 2019 के सरकारी आदेश में अनिवार्य किया गया था।

समन्वय के अभाव के बावजूद बेंगलुरु सिटी पुलिस ने कई उपाय लागू किए

समन्वय या अनुमोदन के अभाव के बावजूद बेंगलुरु सिटी पुलिस ने जमीनी स्तर पर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय लागू किए। चार जून को पूर्वाह्न 10 बजे संयुक्त पुलिस आयुक्त के कार्यालय में एक बैठक बुलाई गई, जिसमें यातायात और कानून प्रवर्तन योजना को अंतिम रूप दिया गया। कुल 654 यातायात कर्मियों को तैनात किया गया, जिनमें 4 डीसीपी, 6 एसीपी, 23 पीआई, 57 पीएसआई, 104 एएसआई और 462 कांस्टेबल शामिल थे।

आरसीबी टीम द्वारा एचएएल से ताज वेस्ट एंड, विधान सौधा और अंततः चिन्नास्वामी स्टेडियम तक लिए गए मार्ग को न्यूनतम व्यवधान के लिए नियंत्रित किया गया था। प्रेस, सोशल मीडिया और एफएम रेडियो के माध्यम से यातायात परामर्श और मानचित्र जारी किया गया, जिसमें जनता को सीमित पार्किंग के कारण केंद्रीय क्षेत्रों से बचने और मेट्रो या अन्य सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की सलाह दी गई। एहतियात के तौर पर नौ डायवर्जन पॉइंट बनाए गए और 125 बैरिकेड्स लगाए गए। साथ ही 11 अतिरिक्त बैरिकेडिंग जोन भी बनाए गए। वहीं स्थानीय स्कूलों को दोपहर तक बंद करने का अनुरोध किया गया।

बीएमटीसी ने अपनी सारथी टीमें तैनात कीं और एंबुलेंस प्रबंधन के लिए ई-पथ एप सक्रिय किया गया। एक समर्पित नियंत्रण कक्ष ने पूरे कार्यक्रम के दौरान यातायात की गतिविधियों पर नजर रखी। आठ प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की गई, जहां जनता के नियमन और प्रबंधन के लिए पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया।

RCB व अन्य ने मानक प्रक्रियाओं और सुरक्षा उपायों की अनदेखी की

रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला गया कि आरसीबी, डीएनए नेटवर्क्स और केएससीए ने मानक प्रक्रियाओं और सुरक्षा उपायों की अनदेखी की, जिसके परिणामस्वरूप उल्लंघन और संभावित सार्वजनिक सुरक्षा जोखिम पैदा हुए। समय से पहले अनुमति प्राप्त करने और अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करने में उनकी विफलता के कारण नगर प्रशासन के पास उस घटना पर प्रतिक्रियात्मक प्रतिक्रिया देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा, जो पहले ही सोशल मीडिया के माध्यम से गति पकड़ चुकी थी।

5 पुलिस अधिकारी सस्पेंड कर दिए गए थे

फिलहाल कानून प्रवर्तन पदानुक्रम में जवाबदेही की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए, सरकार ने 5 जून, 2025 को पुलिस अधिकारियों के खिलाफ काररवाई की। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘एक सरकारी आदेश के तहत पांच पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया, जिनमें महत्वपूर्ण रैंक के तीन आईपीएस अधिकारी शामिल हैं। अधिकारियों में पुलिस आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, पुलिस उपायुक्त, कब्बन पार्क के सहायक पुलिस आयुक्त और कब्बन पार्क के पुलिस निरीक्षक शामिल थे।

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