मध्य प्रदेश सरकार की पहल – रिश्वतखोरों को पकड़ने के लिए शिकायतकर्ताओं को दी जाएगी घूस की रकम
भोपाल, 11 जुलाई। मध्य प्रदेश सरकार अब अनूठी पहल करने जा रही है। इसके तहत राज्य भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारियों को पकड़ने के लिए अब शिकायतकर्ताओं को अपनी जेब से पैसा नहीं खर्च करना होगा वरन ऐसे घूसखोरों को रंगे हाथों पकड़ने के लिए राज्य सरकार खुद पैसा देगी। इसके लिए लोकायुक्त विभाग में अलग से फंड तैयार किया जाएगा।
3 करोड़ रुपये का फंड तैयार किया जाएगा
लोकायुक्त ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेज दिया है। शासन से अनुमति मिलने के बाद करीब तीन करोड़ रुपये का रिवॉल्विंग फंड तैयार किया जाएगा। इस रिवॉल्विंग फंड से जरूरत पड़ने पर शिकायतकर्ता को राशि दी जाएगी, जिससे वह उसे रिश्वत मांगने वाले रिश्वतखोर को दे सके।
दरअसल, मई 2023 में रायसेन जिले के निवासी संतोष मालवीय ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत की थी कि 20 एकड़ भूमि की नपती नामांतरण के लिए तहसीलदार रायसेन के कार्यालय का बाबू उनसे एक लाख रुपए की रिश्वत मांग रहा है। लोकायुक्त ने बाबू को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था। काररवाई तो हो गई, लेकिन शिकायतकर्ता द्वारा दी गई 50 हजार रुपये की रकम मिलने में लंबा वक्त लग गया। यानी शिकायतकर्ता के पैसे इन मामलों में लंबे वक्त तक फंस रहे थे।
अब तक शिकायतकर्ता ही देते रहे हैं घूस की रकम
लोकायुक्त में रिश्वत के मामलों की शिकायत जब कोई लेकर पहुंचता है तो शिकायतकर्ता को पुष्टि के लिए कई बार रिकॉर्डर भी दिया जाता है। इस रिकॉर्डर में रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारी से लेन-देन की बात रिकॉर्ड हो जाती है। इसके बाद लोकायुक्त के निर्देश पर शिकायतकर्ता खुद की रकम बतौर रिश्वत लेकर भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारी के लिए पहुंचता है।
केस चलने तक फंस जाती थी रकम
लोकायुक्त डीजी योगेश देशमुख का कहना था, ‘लेन-देन की यह रकम छोटी-बड़ी कुछ भी हो सकती है। लेकिन रिश्वत के रूप में दी गई यह रकम वापस मिलने के लिए शिकायतकर्ता को लंबा इंतजार करना पड़ता है क्योंकि लोकायुक्त की काररवाई के बाद मामला कोर्ट पहुंचता है। कोर्ट में सुनवाई में ही लंबा वक्त लग जाता है। ऐसे में कोर्ट का फैसला आने तक ट्रैप कराने वाले व्यक्ति के पैसे फंसे रहते हैं। इसी वजह से प्रस्तावित फंड को रिवॉल्विंग फंड का नाम दिया गया है और कोर्ट से रकम मिलने के बाद राशि को फिर फंड में जमा कर दिया जाएगा।’
