ब्रिक्स शिखर सम्मेलन : पीएम मोदी ने वैश्विक संस्थानों में सुधार की उठाई मांग, बोले – ग्लोबल साउथ की आवाज अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरी
रियो डी जेनेरियो, 6 जुलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को यहां रियो म्यूजियम में आयोजित 17वें BRICS शिखर सम्मेलन के प्रथम सत्र में ‘शांति और सुरक्षा तथा वैश्विक शासन में सुधार’ विषय पर संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि ग्लोबल साउथ (विकासशील और दक्षिणी गोलार्ध के देश) की आवाज आज की दुनिया में पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है और विश्व की प्रमुख संस्थाओं को विश्वसनीयता और प्रभावशीलता बनाए रखने के लिए इन्हें उचित प्रतिनिधित्व देना चाहिए।
ग्लोबल साउथ अक्सर दोहरे मापदंडों का शिकार रहा है
पीएम मोदी ने दो-टूक कहा कि ग्लोबल साउथ अक्सर दोहरे मापदंडों का शिकार रहा है। जलवायु वित्त, सतत विकास और प्रौद्योगिकी की पहुंच जैसे अहम मुद्दों पर इन देशों को अब तक सिर्फ प्रतीकात्मक समर्थन ही मिला है जबकि वास्तविक जरूरतें पूरी नहीं हुई हैं।
At the BRICS Summit in Rio de Janeiro, Brazil, addressed the session on ‘Peace and Security and Reform of Global Governance.’ Expressed my views on why the voice of the Global South is more important than ever before and why it’s essential that global institutions provide… pic.twitter.com/XNqG8v1BXk
— Narendra Modi (@narendramodi) July 6, 2025
उन्होंने कहा, ‘20वीं सदी में बनी वैश्विक संस्थाएं मानवता के दो-तिहाई हिस्से को आज भी पर्याप्त आवाज नहीं देतीं। कई देश जो वैश्विक अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देते हैं, उन्हें अब भी निर्णय लेने वाली प्रमुख टेबलों पर जगह नहीं मिली है। ग्लोबल साउथ के बिना, ये संस्थाएं उस मोबाइल फोन की तरह हैं जिसमें सिम कार्ड तो है लेकिन नेटवर्क नहीं।’
मौजूदा वैश्विक संस्थाओं की निष्क्रियता पर तीखा हमला
पीएम मोदी ने एआई और तेज तकनीकी विकास के युग में मौजूदा वैश्विक संस्थाओं की निष्क्रियता पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘आज जब टेक्नोलॉजी हर हफ्ते अपडेट हो रहीं हैं तो ये स्वीकार नहीं किया जा सकता कि वैश्विक संस्थाएं पिछले 80 वर्षों से बिना किसी सुधार के चलें। 21वीं सदी का सॉफ्टवेयर, 20वीं सदी की टाइपराइटर पर नहीं चल सकता।’
BRICS यह दिखाता है कि संस्थाएं समय के साथ बदल सकती हैं
प्रधानमंत्री ने BRICS में हुए हालिया विस्तार को समय के अनुसार ढलने की सकारात्मक मिसाल बताया और कहा कि अब यही बदलाव संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC), विश्व व्यापार संगठन (WTO) और बहुपक्षीय विकास बैंकों में भी दिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि BRICS यह दिखाता है कि संस्थाएं समय के साथ बदल सकती हैं और अब समय आ गया है कि अन्य वैश्विक संस्थाएं भी इसी तरह सुधार करें।
पीएम मोदी का यह बयान ऐसे समय आया है, जब BRICS ने अपनी सदस्यता का विस्तार कर मिस्र, सऊदी अरब, यूएई, ईरान, इथियोपिया और इंडोनेशिया जैसे देशों को शामिल किया है, जो ग्लोबल साउथ की आवाज को और मजबूत करने में मदद करेगा
