बांग्लादेश : ISKCON के पुजारी चिन्मय दास को हाई कोर्ट से मिली जमानत, देशद्रोह के आरोप में 6 माह से जेल में बंद थे
ढाका, 30 अप्रैल। बांग्लादेश के उच्च न्यायालय ने आज इस्कॉन (ISKCON) के पूर्व पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को जमानत प्रदान कर दी। चिन्मय दास को पिछले वर्ष नवम्बर में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। चटगांव न्यायालय में जमानत की कई असफल कोशिशों के बाद, चिन्मय दास के वकील ने आखिरकार ढाका स्थित बांग्लादेश हाई कोर्ट से उन्हें जमानत दिलवाने में सफलता पाई।
गत वर्ष 25 नवम्बर को ढाका पुलिस ने किया था गिरफ्तार
गौरतलब है कि शेख हसीना के शासन के खात्मे के बाद चिन्मय दास बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिन्दुओं के लिए एक प्रमुख आवाज के रूप में उभरे थे। इसके बाद उन्हें 25 नवम्बर को देशद्रोह के आरोप में ढाका पुलिस की जासूसी ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया था। अपनी गिरफ्तारी के बाद उन्होंने 26 नवम्बर को चटगांव के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में जमानत याचिका दाखिल की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था। तब से वह जेल में थे।
चिन्मय दास की गिरफ्तारी के बाद हंगामा मच गया था और भारत व बांग्लादेश के बीच संबंधों में तनाव बढ़ गया था। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इसे ‘न्यायिक उत्पीड़न’ करार दिया था। भारत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर बांग्लादेश के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया था।
ढाका हाई कोर्ट के दो न्यायाधीशों की पीठ ने मामले की सुनवाई के बाद उन्हें जमानत दे दी। चिन्मय के वकील प्रोलाद देब नाथ ने बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट ‘द डेली स्टार’ को बताया कि उम्मीद है कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद उन्हें जेल से रिहा कर दिया जाएगा, जब तक कि सर्वोच्च न्यायालय का अपीलीय प्रभाग उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक नहीं लगाता। चिन्मय दास के वकील अपूर्व कुमार भट्टाचार्य ने आरोप लगाया था कि उनके मुवक्किल बिना किसी सुनवाई के कारावास के दौरान बीमार और पीड़ित थे।
