पीएम मोदी बोले – दुनिया में ‘असम टी’ 200 साल पुराना बड़ा ब्रांड, अल्फाबेट में अब A फॉर Assam पढ़ने का वक्त
गुवाहाटी, 25 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यहां उद्योग जगत के दिग्गजों और कई देशों के व्यापारिक प्रतिनिधिमंडलों की मौजूदगी में एडवांटेज असम 2.0 निवेश और बुनियादी ढांचा शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी मौजूद रहे।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भाजपा शासन के दौरान असम की अर्थव्यवस्था का साइज दोगुना होकर छह लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह ‘डबल इंजन’ सरकार का असर है। उन्होंने कहा कि 2013 में चुनाव प्रचार के दौरान उनके मन में आया था कि अल्फाबेट में A फॉर Assam भी हो सकता है। अब उसका वक्त आ गया है। असम भारत की समृद्धि में बड़ा योगदान दे रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘असम टी’ भारत ही नहीं वरन दुनिया का बहुत बड़ा ब्रांड है। यह 200 साल पुरान ब्रांड बन चुका है। असम की स्ट्रैटेजिक लोकेशन इसे खास महत्व दिलाता है। उन्होंने कहा कि दुनिया तेजी से बदल रही है। भारत इस बदलाव में अपनी भागीदारी बढ़ाने के लिए मेक इन इंडिया पहल को शुरू किया है। असम भी इस मैन्युफैक्चरिंग क्रांति में बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है।
‘असम जल्द ही पूर्वी भारत का मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा’
उन्होंने कहा, ‘बीते कुछ वर्षों में डबल इंजन की सरकार के चलते राज्य में विकास की रफ्तार तेज हुई है। यह राज्य अब रिफाइनरी कैपेसिटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर और ग्रीन एनर्जी जैसे सेक्टर में तेजी से उभर रहा है। सरकार के प्रयास से यह स्टार्टअप का भी हब बन रहा है। असम जल्द ही पूर्वी भारत का मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा। 21वीं सदी भारत का है। हम हर सेक्टर में अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। बीते 10 वर्षों में हमने कई नए सेक्टर में बड़ी छलांग लगाई है। चिप मैन्युफैक्चरिंग में भी हमारा यही लक्ष्य है।’
‘हमारा नॉर्थ ईस्ट सामर्थ्य दिखाने को तैयार’
पीएम मोदी ने कहा, ‘आज पूर्वी भारत और नॉर्थ ईस्ट की धरती एक नए भविष्य की शुरुआत करने जा रही है। एडवांटेज असम, असम के सामर्थ्य और प्रगति से पूरी दुनिया को जोड़ने का एक बहुत बड़ा अभियान है। इतिहास गवाह है कि पहले भी पूर्वी भारत देश की समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाता था। आज जब भारत विकास की ओर बढ़ रहा है तो एक बार फिर पूर्वी भारत सबसे आगे है। हमारा नॉर्थ ईस्ट अपना सामर्थ्य दिखाने जा रहा है। मैं एडवांटेज असम को इसी भावना का प्रतिनिधित्व मानता हूं। मैं इस भव्य आयोजन के लिए असम सरकार और हिमंत जी की पूरी टीम को बधाई देता हूं। मुझे याद है कि 2013 में मैं चुनाव प्रचार के लिए असम का दौरा कर रहा था। एक मीटिंग में मेरे मन में एक वाक्य आया और मैंने कहा कि वो दिन दूर नहीं है, जब मैं वर्णमाला पढ़ते हुए A बोलूंगा तो असम होगा।’
दुनिया भारत के तेज विकास को लेकर आश्वस्त
उन्होंने आगे कहा, ‘इस वैश्विक अनिश्चितता के बीच भी, दुनिया के कई विशेषज्ञ एक बात को लेकर निश्चिंत हैं और वो है भारत का तेज विकास। भारत पर इस भरोसे की एक बहुत ठोस वजह है। आज का भारत, आने वाले 25 वर्षों की 21वीं सदी के दीर्घकालिक विजन को ध्यान में रखते हुए, एक के बाद एक कदम उठा रहा है, बड़े पैमाने पर काम कर रहा है। आज दुनिया को भारत की युवा आबादी पर भरोसा है जो बहुत तेजी से हुनरमंद हो रही है। आज दुनिया को भारत के नव मध्यम वर्ग पर भरोसा है जो गरीबी से बाहर निकलकर नई आकांक्षाओं के साथ आगे बढ़ रहा है। आज दुनिया को भारत के 140 करोड़ लोगों पर भरोसा है जो राजनीतिक स्थिरता और नीतिगत निरंतरता का समर्थन करते हैं। आज दुनिया को भारत की गवर्नेंस पर भरोसा है जो लगातार सुधार कर रही है। आज भारत अपनी लोकल सप्लाई चेन को मजबूत कर रहा है।’
विकास में असम का योगदान बढ़ रहा
पीएम मोदी ने कहा, ‘आज भारत दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों के साथ मुक्त व्यापार समझौते कर रहा है, जिससे पूर्वी एशिया के साथ हमारा संपर्क मजबूत हो रहा है और नवगठित भारत मध्य पूर्व यूरोप आर्थिक गलियारा भी अनेक नई संभावनाएं लेकर आ रहा है। भारत पर मजबूत होते वैश्विक विश्वास के बीच आज हम सभी यहां मां कामाख्या की धरती असम में हैं। भारत के विकास में असम का योगदान लगातार बढ़ रहा है। एडवांटेज असम शिखर सम्मेलन का पहला संस्करण 2018 में आयोजित किया गया था। उस समय असम की अर्थव्यवस्था 3 लाख करोड़ रुपये की थी। आज असम लगभग 6 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन गया है। यानी भाजपा सरकार के सिर्फ छह साल में असम की अर्थव्यवस्था का मूल्य दोगुना हो गया है। ये डबल इंजन सरकार का दोहरा असर है।’
हर युवा दिन-रात काम कर रहा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘पिछले एक दशक में कई शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं और लंबे समय से लंबित सीमा संबंधी मुद्दों को सुलझाया गया है। असम का हर क्षेत्र, हर नागरिक, हर युवा असम के विकास के लिए दिन-रात काम कर रहा है। हमने व्यापार करने में आसानी के लिए लगातार काम किया है, हमने उद्योग और नवाचार संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक पूरा इकोसिस्टम बनाया है। सरकार देश के बुनियादी ढांचे में भी भारी निवेश कर रही है। संस्थागत सुधार, उद्योग, बुनियादी ढांचे और नवाचार का यह संयोजन भारत की प्रगति का आधार है… असम ने 2030 तक अपनी अर्थव्यवस्था को 150 बिलियन तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। मुझे विश्वास है कि असम निश्चित रूप से इस लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। मेरे विश्वास का कारण असम के सक्षम और प्रतिभाशाली लोग हैं। यह यहां की भाजपा सरकार की प्रतिबद्धता है।’
भाजपा सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी काम किया
उन्होंने कहा, ‘बीते कुछ वर्षों में भाजपा सरकार ने एयर कनेक्टिविटी से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी काम किया है। 2014 से पहले ब्रह्मपुत्र नदी पर सिर्फ तीन पुल थे, लेकिन पिछले 10 वर्षों में हमने चार नए पुल बनाए हैं, जिनमें से एक का नाम हमने भारत रत्न भूपेन हजारिका जी के नाम पर रखा है। 2009 से 2014 के बीच असम को रेलवे बजट में औसतन 2100 करोड़ रुपये मिले थे। हमारी सरकार ने असम के रेलवे बजट को चार गुना से ज्यादा बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये कर दिया है।’
असम की अर्थव्यवस्था 143 अरब डॉलर की होगी : हिमंत
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस अवसर पर कहा कि 2030 तक असम की अर्थव्यवस्था 143 अरब डॉलर की हो जाएगी। उन्होंने निवेशकों से राज्य की विकास यात्रा हिस्सा बनने का आग्रह भी किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य अब ‘सबसे अशांत’ से ‘सबसे शांत’ राज्य बन गया है। उन्होंने दावा किया, ‘इस वर्ष राज्य की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि 15.2 प्रतिशत होगी। यह 2030 तक 143 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा।’
हिमंत सरमा ने ने 60 से अधिक देशों के मिशन प्रमुखों और राजदूतों, विदेशी व्यापार प्रतिनिधिमंडलों और देश के उद्योग जगत के नेताओं की मौजूदगी में कहा, ‘मैं आज आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि हम असम में उद्योगों की स्थापना के लिए सबसे अच्छा काम और अनुकूल माहौल सुनिश्चित करेंगे। कृपया यहां आएं और निवेश करें।’
असम निवेश पर ध्यान दे रहा है : मार्गेरिटा
केंद्रीय मंत्री पवित्र कुमार मार्गेरिटा ने कहा कि असम व्यापार शिखर सम्मेलन में पूर्वोत्तर राज्य में घरेलू और विदेशी निवेश आकर्षित करने पर समान रूप से ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ प्रमुख क्षेत्र, जिनमें निवेशकों ने रुचि दिखाई है, वे आतिथ्य तथा स्वास्थ्य सेवा हैं।
