महाकुम्भ की भगदड़ पर भड़के संजय राउत, बोले – भाजपा की मार्केटिंग का हिस्सा, प्रशासन ने हत्या की
मुंबई, 29 जनवरी। शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत महाकुम्भ मेले में मौनी अमावस्या पर स्नानार्थियों के बीच मची भगदड़ को लेकर योगी सरकार के व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है। उन्होंने प्रशासन को श्रद्धालुओं की मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया है कि यह सब भाजपा की मार्केटिंग का हिस्सा है।
उल्लेखनीय है कि आज तड़के संगम नोज पर मची भगदड़ में कई श्रद्धालुओं के हताहत होने की खबर है। हालांकि जिला प्रशासन ने अब तक मृतकों की संख्या की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन अपुष्ट सूत्रों का कहना है कि 30 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है और 200 से ज्यादा घायलों का महाकुम्भ मेला स्थित केंद्रीय अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में उपचार चल रहा है।
भक्तों की सुविधाओं की सही व्यवस्था नहीं की गई – राउत
शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने कहा, ‘यूपी सरकार सिर्फ कुंभ मेले की मार्केटिंग पर ध्यान दे रही थी। भक्तों की सुविधाओं की सही व्यवस्था नहीं की गई। गृह मंत्री और रक्षा मंत्री जब स्नान के लिए गए तो पूरा इलाका सील कर दिया गया, जिससे आम श्रद्धालुओं को परेशानी हुई। यूपी के मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों को पार्टी के प्रचार के बजाय भक्तों की व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए था। सरकार ने आपात बैठकें बुलाईं, लेकिन इससे कुछ फर्क नहीं पड़ा। सड़क पर सोने के बाद भक्तों को स्नान करना पड़ा, यह कैसा प्रबंधन है? 1954 में पंडित नेहरू ने खुद कुंभ मेले की व्यवस्थाओं की जांच की थी, लेकिन आज के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री उस तरह सक्रिय नहीं दिख रहे।’
संजय राउत ने भाजपा की मार्केटिंग पर कहा, ‘प्रयागराज में जो कुम्भ चल रहा है, इसमें बड़ी संख्या में लाखों लोग आ रहे हैं, भाजपा के लोग करोड़ों की बात कर रहे हैं ये मार्केटिंग है। करोड़ों लोग आ रहे है, ये भाजपा की कोशिश है, ये उनकी प्रचार यंत्रणा है। करोड़ों लोगों को लाओ और हमारा काम देखिए, ये उनके प्रचार का तरीका है।’
पूर्व सीएम अखिलेश यादव के कुम्भ आयोजन का जिक्र करते हुए संजय राउत ने कहा, ‘कुम्भ कोई इवेंट मैनेजमेंट नहीं है, ये श्रद्धा का विषय है। अगर आप करोड़ों लोगों को बुला रहे हैं तो इसके लिए मैनेजमेंट क्या है। लोग सड़क पर बैठे है, महिलाएं सड़क पर सोई हैं। लोग अब भी अखिलेश यादव के कुम्भ की व्यवस्था को याद करते है और लोगों का मानना है कि जब वे मुख्यमंत्री थे, तब कुम्भ की व्यवस्था सर्वोत्तम थी।’
10 हजार करोड़ से ज्यादा का हुआ खर्च
संजय राउत ने कुम्भ पर हुए खर्चे का उल्लेख करते हुए कहा, ’10 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्चा हुआ है, तो कहां गया पैसा। व्यवस्था होती तो नहीं होता हादसा। बीजेपी सिर्फ कुम्भ की मार्केटिंग का फायदा उठाकर चुनाव जीतना चाहती है। हर जगह राजनीति करती है और लोग अपनी जान खो बैठते हैं। इसके लिए सभी जिम्मेदार है। गंगा का घाट पूरा वीवीआईपी लोगों के लिए घाट बंद किया जाता है, सभी मंत्रियों को एक साथ एक ही दिन आना चाहिए।’
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय बोले – घटना दिखाती है सरकार की संवेदनहीनता
वहीं महाकुम्भ में भगदड़ पर यूपी कांग्रेस चीफ अजय राय ने कहा, ‘महाकुम्भ में मौनी अमावस्या के नहान के दिन भगदड़ होने से कई लोगों के मृत और घायल होने का समाचार पीड़ादायक है। यह दुखद घटना इस मेले की अव्यवस्था और उत्तर प्रदेश सरकार की नाकामियों को उजागर कर रही है। योगी सरकार ने सारा पैसा सिर्फ अपनी ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर खर्च किया ना की महाकुम्भ में आए श्रद्धालुओं की व्यवस्था पर, ये इस सरकार की संवेदनहीनता को प्रदर्शित करता है। हम लगातार ऐसी ही घटना के प्रति सचेत करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन शासन-प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंगी।’
पीड़ित परिवारों के प्रति जताई गहरी संवेदना
अजय राय ने कहा, ‘दुर्घटना के पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। हम मृतकों की आत्मा की शांति व घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हैं। हम सरकार से यह आग्रह करते हैं कि मृतकों के लिए उचित मुआवजा व घायलों को मुआवजे के साथ मुफ्त इलाज का प्रबंध करे।’
