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सूरत लिटरेरी फाउंडेशन द्वारा शहर में ‘सूरत लिट्फेस्ट 2025’ के तीसरे संस्कारण के साथ भारतीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का तीन दिवसीय भव्य आयोजन

सूरत लिटरेरी फाउंडेशन द्वारा शहर में ‘सूरत लिट्फेस्ट 2025’ के तीसरे संस्कारण के साथ भारतीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का तीन दिवसीय भव्य आयोजन

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25 वर्षों बाद जब हम स्वतंत्रता की शताब्दी महोत्सव मनाने जा रहे हैं, तब वर्ष 2047 में हमारा भारत कैसा होगा, उसे उस रूप में लाने के लिए हम क्या कर सकते हैं—इस विषय पर सम्पूर्ण देश एक मंच पर आकर भारत की विभिन्न समस्याओं पर चिंतन-मनन करे, इसके लिए ‘सूरत लिटरेरी फाउंडेशन’ द्वारा हर साल शहर में ‘सूरत लिटरेचर फेस्टिवल’ तीन दिनों तक आयोजित किया जाता है। पिछले सभी सफल अनुभवों को जोड़ते हुए, एक नई ऊर्जा, नई चेतना और दुगनी तैयारियों के साथ सूरत लिटरेरी फाउंडेशन एक बार फिर से राष्ट्रचिंतन की इस श्रृंखला को आगे बढ़ाने के लिए अगला संस्करण लेकर आ रहा है। कार्यक्रम 17 से 19 जनवरी तक वीर नर्मद दक्षिण गुजरात यूनिवर्सिटी के परिसर में आयोजित किया जाएगा।

आज जो वैश्विक परिस्थितियाँ हैं और विभिन्न देशों के बीच जो तनाव उत्पन्न हो रहे हैं, उन्हें देखते हुए सम्पूर्ण विश्व का ध्यान भारत की ओर आकर्षित हो रहा है। विश्व में भारत की बढ़ती सामर्थ्य और शक्ति का परिचय कराने के लिए और इस यज्ञ में आहुति देने के संकल्प को साकार करने के लिए यह भव्य कार्यक्रम आयोजित हो रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं की उपस्थिति अपेक्षित है। वर्ष 2047 तक एक विकसित भारत बनाने के संकल्प की सिद्धि में गति लाने के लिए शहर में आयोजित हो रहे कार्यक्रम के तीसरे संस्करण में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विशेषज्ञ, विचारक, वक्ता, पत्रकार, वैज्ञानिक, रणनीतिकार और कला क्षेत्र के विशेषज्ञ भाग लेंगे।

भारतीय नागरिकों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से प्रभावित करने वाले विषयों जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति, महिला सशक्तिकरण, प्रौद्योगिकी, वैदिक धर्म की पुनः स्थापना, 2047 के संदर्भ में राजनीतिक स्थिति, सिनेमा, प्रौद्योगिकी और स्टार्टअप्स 2047 के संदर्भ में भारतीय मीडिया, लोकतंत्र के लिए उभरते खतरे, 2047 के संदर्भ में शिक्षा प्रणाली, न्याय व्यवस्था के सामने चुनौतियाँ और भारत में हो रहे वैचारिक युद्ध पर उपस्थित दर्शकों के साथ आगामी 25 वर्षों की योजना पर विमर्श किया जाएगा।

  •  क्या होगा विशेष

भारत की भव्य सांस्कृतिक धरोहर को भी तीन दिन तक प्रदर्शित किया जाएगा, जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विभिन्न प्रतिभाशाली नाट्य कलाकार, संगीतकार और नर्तक अपनी कला के माध्यम से लुप्त होती भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करते हुए विभिन्न प्रदर्शन कला जैसे भरत नाट्यम, गायन, नृत्य और संगीत संध्या तथा नाटक प्रदर्शित करेंगे। कार्यक्रम में देश भर से प्रसिद्ध वक्ता, विचारक उपस्थित रहकर हमारे ज्ञानवर्धन करेंगे। कार्यक्रम को पू.स्वामी परमात्मानंदजी जैसे साधु-संतों का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ जैसे जनरल एन. एस. राजा सुब्रमणि, पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, लोकसभा सांसद पूनमबेन माडम, राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली की वाइस चांसलर शांतीश्री पंडित, इसरो के पूर्व चेयरमैन ए. एस. किरण कुमार, फिल्मजगत की प्रसिद्ध हस्ती तिग्मांशु धूलिया आदि भी उपस्थित रहेंगे।

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