मणिपुर : बंधकों की हत्या से भड़की हिंसा, सीएम और मंत्रियों के घरों पर हमला, 5 जिलों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू
इम्फाल, 16 नवम्बर। अशांत पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में मेतेई समुदाय के छह बंधकों की मौत के बाद हिंसा भड़क उठी है। प्रदर्शनकारियों ने शनिवार शाम को मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के निजी आवास पर हमला करने की कोशिश की, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। सुरक्षा बलों ने उग्र भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।
राज्य के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित
इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने कम से कम तीन राज्य मंत्रियों और छह विधायकों के आवासों पर हमला किया। इसके बाद राज्य सरकार ने इम्फाल सहित पांच जिलों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू कर दिया और राज्य के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दीं।
दरअसल, शनिवार को प्रदर्शनकारियों का आक्रोश छह बंधकों की मौत के बाद चरम पर पहुंच गया। उग्र भीड़ ने पहले राज्य के नेताओं के घरों पर हमला किया और फिर मुख्यमंत्री के आवास की ओर कूच किया। हालात बिगड़ते देख सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस का सहारा लिया। घटनाओं के बाद राज्य सरकार ने आपातकालीन कदम उठाते हुए प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया और संवेदनशील क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दीं।
राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल
अधिकारियों का कहना है कि स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है और शांति बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं। मणिपुर में लंबे समय से जातीय हिंसा और सामाजिक तनाव की स्थिति बनी हुई है। हाल ही में हुए इस घटनाक्रम ने राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
उग्र होते विरोध प्रदर्शन को देखते हुए इम्फाल पश्चिम के प्रशासन ने जिले में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लागू कर दिया है। इंटरनेट पर जारी तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए स्थानीय अधिकारियों ने इम्फाल पश्चिम, पूर्व, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग, कांगपोकपी और चुराचांदपुर में दो दिनों के लिए इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं को निलंबित कर दिया है।
दो मंत्रियों और तीन विधायकों के आवासों पर हमले
मणिपुर प्रशासन द्वारा आज भोर में पांच बजे से रात्रि 8 बजे तक कर्फ्यू में छूट की घोषणा की गई थी। लेकिन शहर में दो मंत्रियों और तीन विधायकों के आवासों पर प्रदर्शनकारियों के हमले के बाद प्रशासन ने यह छूट वापस ले ली और इंटरनेट पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया।
विधायकों और मंत्रियों के घरों पर हुए इस हमले के बारे में वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भीड़ ने लाम्फेल सनाकीथेल इलाके में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री सपम रंजन के आवास पर धावा बोल दिया था, जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने उन पर काररवाई की थी। इसके साथ ही सगोल बंद इलाके में प्रदर्शनकारियों ने सीएम बीरेन सिंह के दामाद और भाजपा विधायक आरके इमो के घर के बाहर भी नारेबाजी की और इस मुद्दे पर सरकार से उचित काररवाई की मांग की।
स्थानीय रहवासी अथॉरिटी के प्रतिनिधि डेविड ने संवाददाताओं को बताया, ‘सपम ने हमें आश्वासन दिया है कि छह लोगों की हत्या संबंधी मुद्दों पर कैबिनेट बैठक में चर्चा की जाएगी और यदि सरकार जनता की भावना का सम्मान करने में विफल रहती है तो मंत्री अपना इस्तीफा दे देंगे।’
उल्लेखनीय है कि यह पूरा मामला मणिपुर के जिरीबाम जिले से शुरू हुआ, जहां पर एक राहत शिविर से तीन महिलाओं और तीन बच्चों को कुकी उग्रवादियों ने अगवा कर लिया था। अगवा किए गए इन छह लोगों के शव बाद में पुलिस ने बरामद किए। इन शवों के ऊपर गहरे जख्मों के निशान थे। कथित तौर पर कुकी उग्रवादियों द्वारा की गई इसे नृसंश हत्या के बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। इस घटना से गुस्साए स्थानीय लोगों ने उग्रवादियों के खिलाफ तत्काल काररवाई की मांग लेकर मंत्रियों और विधायकों के घरों के सामने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। बाद में प्रदर्शन करते-करते भीड़ ने विधायकों के आवासों हमला करने की कोशिश की, जिसे पुलिस द्वारा रोका गया।