टीम इंडिया की शर्मनाक हार पर बोले सचिन तेंदुलकर – ‘घर में 0-3 की हार निगल पाना कठिन, आत्मनिरीक्षण की जरूरत’
मुंबई, 3 नवम्बर। भारत के महानतम बल्लेबाज और पूर्व कप्तान सचिन तेंदुलकर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में भारत की 0-3 से शर्मनाक हार पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। गुजरे जमाने के मास्टर ब्लास्टर ने घर में मिली 0-3 की हार को ऐसी गोली करार दिया, जिसे निगल पाना कठिन है। उन्होंने साथ ही सुझाव दिया कि भारत से कहां गलती हुई, इस पर टीम से आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है।
हालांकि, सचिन ने शुभमन गिल की 90 रनों की पारी एवं ऋषभ पंत की दो अर्धशतकीय पारियों और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में खुद को ढालने के उनके तरीके की सराहना की। गौरतलब है कि भारत ने 12 वर्षों बाद घरेलू धरती पर टेस्ट सीरीज गंवाई।
तेंदुलकर ने एक्स पर लिखा, ‘घर पर 0-3 से हरा पचा पाना बहुत मुश्किल है और इसके लिए आत्मनिरीक्षण की जरूरत है। क्या यह तैयारी की कमी थी, क्या यह खराब शॉट चयन था या मैच अभ्यास की कमी थी? शुभमन गिल ने पहली पारी में लचीलापन दिखाया और ऋषभ पंत दोनों पारियों में शानदार रहे – उनके फुटवर्क ने चुनौतीपूर्ण सतह को पूरी तरह से अलग बना दिया। वह शानदार थे।’
Losing 3-0 at home is a tough pill to swallow, and it calls for introspection.
Was it lack of preparation, was it poor shot selection, or was it lack of match practice? @ShubmanGill showed resilience in the first innings, and @RishabhPant17 was brilliant in both innings— his… pic.twitter.com/8f1WifI5Hd— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) November 3, 2024
लिटिल जीनियस ने कीवी टीम को उसके लगातार अच्छे प्रदर्शन का श्रेय भी दिया। उन्होंने कहा, ‘पूरी सीरीज में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के लिए न्यूजीलैंड को पूरा श्रेय जाता है। भारत में 3-0 से जीतना सबसे अच्छा परिणाम है।’
गौरतलब है कि टॉम लाथम की अगुआई वाली टीम ने वानखेड़े स्टेडियम में भारत के खिलाफ ऐतिहासिक 3-0 का क्लीन स्वीप हासिल किया। यह पहली बार है, जब भारत को तीन या उससे अधिक टेस्ट मैचों की घरेलू सीरीज में ह्वाइटवाश का सामना करना पड़ा है।
इंग्लैंड (4), ऑस्ट्रेलिया (3) और वेस्टइंडीज (एक बार) के बाद न्यूजीलैंड तीन से अधिक टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत का पूर्ण सफाया करने वाली चौथी टीम बन गई। यह न्यूजीलैंड का घर या बाहर किसी सीरीज में तीन टेस्ट जीतने का पहला उदाहरण भी था और यह पहला मौका था, जिसमें कीवियों ने विदेशी धरती पर लगातार तीन टेस्ट जीते हैं।