APK 2024 में बोले पीएम मोदी – भारत व जर्मनी का व्यापार 30 बिलियन डॉलर से अधिक के स्तर पर पहुंचा
नई दिल्ली, 25 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यहां जर्मन व्यवसायों के 18वें एशिया पैसिफिक सम्मेलन (APK 2024) में कहा कि ऐसे समय भारत और जर्मनी की रणनीतिक साझेदारी एक मजबूत एंकर के रूप में उभरी है, जब विश्व तनाव, संघर्ष और अनिश्चितताओं के दौर से गुजर रहा है और इंडो पैसिफिक में रूल ऑफ लॉ और फ्रीडम ऑफ नेविगेशन को लेकर भी गंभीर चिंताएं हैं।
जर्मनी ने स्किल्ड भारतीयों के लिए सालाना वीजा बढ़ाकर 90 हजार किया
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘हमारा आपसी व्यापार 30 बिलियन डॉलर से अधिक के स्तर पर पहुंच चुका है। आज एक तरफ सैकड़ों जर्मन कम्पनियां भारत में हैं तो वहीं भारतीय कम्पनियां भी तेजी से जर्मनी में अपनी उपस्थिति बढ़ा रही हैं। भारत ग्लोबल ट्रेड और मैन्युफैक्चरिंग का भी हब बन रहा है। जर्मनी ने स्किल्ड भारतीयों के लिए हर वर्ष मिलने वाले वीजा की संख्या 20 हजार से बढ़ाकर 90 हजार करने का फैसला किया है। इससे जर्मनी की ग्रोथ को नई गति मिलेगी।’
विज्ञान व प्रौद्योगिकी सहयोग के 50 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे दोनों देश
गौरतलब है कि भारत और जर्मनी इस वर्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग के 50 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। वहीँ, भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाते हुए पीएम मोदी ने आशा व्यक्त की कि अगले 25 वर्षों में उनके द्विपक्षीय संबंध नई ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे।
Welcomed my friend, Chancellor Scholz, to my residence in New Delhi.
Glad to be meeting him and discussing a diverse range of issues that will add momentum to the India-Germany friendship. Our nations have a strong track record of developmental cooperation and we look forward to… pic.twitter.com/c6spNi4VDk
— Narendra Modi (@narendramodi) October 25, 2024
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और जर्मनी के बीच मजबूत होते संबंधों की सराहना की। इस अवसर पर उन्होंने जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के साथ बातचीत भी की, जो दो दिवसीय भारत यात्रा पर आए हैं। पीएम मोदी के निमंत्रण पर जर्मन चांसलर स्कोल्ज तीन दिवसीय भारत यात्रा पर बीती रात नई दिल्ली पहुंचे थे।
वहीं दूसरी ओर जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में हिन्दी में लिखा, ‘इस दुनिया में हमें मित्रों और सहयोगियों की आवश्यकता है – जैसे भारत और जर्मनी हैं। प्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली में स्नेहपूर्वक स्वागत के लिए दिल से धन्यवाद!’
इस दुनिया में, हमें मित्रों और सहयोगियों की आवश्यकता है – जैसे भारत और जर्मनी हैं।
प्रिय @narendramodi जी, नई दिल्ली में स्नेहपूर्वक स्वागत के लिए दिल से धन्यवाद! pic.twitter.com/czuEp53TeF
— Bundeskanzler Olaf Scholz (@Bundeskanzler) October 25, 2024
आने वाले 25 वर्ष भारत-जर्मनी स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप को नई बुलंदी देंगे
प्रधानमंत्री ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ’12 साल के बाद भारत में एशिया-पैसिफिक कांफ्रेंस ऑफ जर्मन बिजनेस का आयोजन हो रहा है। ये साल, भारत-जर्मनी स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप का 25वां वर्ष है। अब आने वाले 25 वर्ष, इस पार्टनरशिप को नई बुलंदी देने वाले हैं। हमने आने वाले 25 वर्षों में विकसित भारत का एक रोडमैप बनाया है। एक तरफ यहां सीईओ फोरम की बैठक हो रही है, दूसरी तरफ, हमारी नौसेना साथ में अभ्यास कर रही हैं। गोवा में जर्मन नेवल शिप्स, पोर्ट कॉल पर हैं। यानी हर कदम, हर मोर्चे पर भारत और जर्मनी की दोस्ती गहरी हो रही है।’
‘भारत की स्किल्ड मैनपावर पर जर्मनी ने जो भरोसा जताया है, वो अद्भुत है‘
पीएम मोदी ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि ऐसे महत्वपूर्ण समय में जर्मन कैबिनेट ने फोकस ऑन इंडिया डॉक्यूमेंट रिलीज किया है। विश्व की दो सशक्त डेमोक्रेसीज, विश्व की दो लीडिंग इकॉनॉमीज़, साथ मिलकर कैसे फोर्स फॉर ग्लोबल गुड बन सकती हैं, फोकस ऑन इंडिया डॉक्यूमेंट में उसका ब्लू प्रिंट है। इसमें स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप को होलिस्टिक तरीके से आगे बढ़ाने की अप्रोच और कमिटमेंट साफ दिखता है। खासतौर पर भारत की स्किल्ड मैनपावर पर जर्मनी ने जो भरोसा जताया है, वो अद्भुत है।’
भारत अपने फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को पूरी तरह से ट्रांसफॉर्म करने में जुटा है
प्रधानमंत्री ने में कहा कि भारत हर इनोवेशन को एक शानदार प्लेटफॉर्म और बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर देने के लिए कमिटेड है। हमारा डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, नए स्टार्टअप्स और इंडस्ट्री 4.0 के लिए अनंत संभावनाओं के द्वार खोल रहा है। आज भारत अपने फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को पूरी तरह से ट्रांसफॉर्म करने में जुटा है। रेल, रोड, एयरपोर्ट और पोर्ट में रिकॉर्ड इन्वेस्टमेंट किया जा रहा है। इसमें जर्मन और इंडो-पैसफिक रीजन की कम्पनियों के लिए अनेक संभावनाएं हैं।’