लखनऊ, 11 अक्टूबर। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से उनकी पार्टी का समर्थन वापस लेने का आग्रह करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा नीत सरकार ने समाजवादी विचारक जयप्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि देने से ‘समाजवादियों’ को रोक दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि नीतीश कुमार का राजनीतिक उदय जेपी के आंदोलन की देन है।
समाजवादी पार्टी प्रमुख ने यह भी कहा कि अगर यह त्योहार का दिन न होता तो बांस के बैरिकेड भी ‘समाजवादियों’ को जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) में जाने से नहीं रोक पाते। अखिलेश यादव गुरुवार की रात जेपीएनआईसी पहुंचे थे और प्रवेश रोकने के लिए टिन की चादरों के पीछे मुख्य द्वार बंद करने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार की आलोचना की थी।
महान स्वतंत्रता सेनानी लोकनायक जय प्रकाश नारायण जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन।
न रुके-थमेंगे न हम कभी डरेंगे
वो दमन करेंगे, हम नमन करेंगेसमाजवादी पार्टी ज़िंदाबाद! pic.twitter.com/t5FiVElNTc
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 11, 2024
उन्होंने कहा, “भाजपा के लोग विध्वंसक हैं। उन्हें कुछ भी अच्छा दो, वे उसे नष्ट कर देंगे। उन्होंने पहले भी हम समाजवादियों को रोका है। आज नवरात्र का नौवां दिन है, यह उत्सव का दिन है। उत्सव के दिन वे किस तरह का ‘अधर्म’ कर रहे हैं।” उन्होंने आश्चर्य जताया कि यह किस तरह की साजिश है कि भाजपा उत्सव (नवरात्र का नौवां दिन) मना रही है, लेकिन दूसरों को ऐसा करने की अनुमति नहीं दे रही है। अखिलेश यादव ने कहा, “अगर यह उत्सव का दिन नहीं होता तो ये लकड़ी के ढांचे (बैरिकेड) समाजवादियों को नहीं रोक पाते।”
भाजपाई लोग हों या इनकी सरकार, इनका हर काम नकारात्मक का प्रतीक है। पिछली बार की तरह समाजवादी लोग कहीं ‘जय प्रकाश नारायण जी’ की जयंती पर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करने न चले जाएं, इसीलिए उन्हें रोकने के लिए हमारे निजी आवास के आसपास बैरिकेडिंग कर दी गयी है।
– भाजपा ने श्रद्धांजलि… pic.twitter.com/oqAO6g8Qu8
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 11, 2024
उन्होंने आगे कहा कि बहुत सारे “समाजवादी लोग” हैं जो सरकार का हिस्सा हैं और व्यवस्था को चलाने में शामिल हैं। यादव ने कहा, “बिहार के मुख्यमंत्री (नीतीश कुमार) भी समय-समय पर जयप्रकाश नारायण जी के बारे में बात करते रहते हैं, वास्तव में वे जेपी के आंदोलन से ही (एक राजनेता के रूप में) उभरे हैं। यह एक मौका है कि उन्हें उस सरकार से समर्थन वापस लेना चाहिए जो समाजवादियों को जयप्रकाश की जयंती पर उन्हें याद करने से रोक रही है।समाजवादियों ने उन्हें (जेपी को) सम्मान दिया है और आगे भी देते रहेंगे।”
उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राजग का हिस्सा है। सपा प्रमुख ने अपने आवास के बाहर एक वाहन पर जयप्रकाश नारायण की आवक्ष प्रतिमा पर माल्यार्पण किया, जहां सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ता सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए जेपी इंटरनेशनल सेंटर में उनके दौरे को रोकने के बाद एकत्र हुए थे। समाजवादी नेता और आपातकाल के कटु आलोचक दिवंगत जेपी सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी पार्टी के बीच टकराव का नवीनतम केंद्र बनकर उभरे हैं।